Bihar Election 2025: बिहार में पहले चरण के मतदान से दो दिन पहले पटना में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के चेहरे और राजद नेता तेजस्वी ने कई बड़े चुनावी वादे किए। इन वादों से तेजस्वी ने महिलाओं, किसानों और सरकारी कर्मचारियों को एक साथ साधने की कोशिश की। मंगलवार प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने सत्ता में आने पर महिलाओं के लिए एकमुश्त 30,000 रुपये की वित्तीय सहायता और किसानों के लिए व्यापक समर्थन देने का बड़ा वादा किया।
चुनावी अभियान के आखिरी दौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव ने आत्मविश्वास जताया कि “जनता बदलाव के मूड में है” और वह सत्ताधारी एनडीए को बाहर कर देगी।
‘माई-बहिन-मान योजना’ के तहत बड़ी घोषणा
तेजस्वी यादव की यह घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार द्वारा अपनी उद्यमिता योजना के तहत 25 लाख महिलाओं के खातों में 10,000 रुपये जमा करने के एक दिन बाद आई है, जिसे विपक्ष के महिला-केंद्रित अभियान का मुकाबला माना जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने ‘माई-बहिन-मान योजना’ का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार बनने के बाद, वे मकर संक्रांति (14 जनवरी) को इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़ी समुदायों की महिलाओं के खातों में पूरे एक साल के लिए 30,000 रुपये जमा करेंगे। इस योजना का लक्ष्य महिलाओं को प्रति माह 2,500 रुपये देना है, जिसका वादा राजद और कांग्रेस ने अपने संयुक्त घोषणापत्र में किया है।
किसानों के लिए मुफ्त बिजली और प्रति क्विंटल का बोनस
राजद नेता ने किसानों को लुभाने के लिए सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और प्रमुख फसलों के लिए उच्च कीमतें सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। तेजस्वी ने कहा कि सिंचाई के लिए किसानों को बिजली अब मुफ्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी राज्य सरकार किसानों से 55 पैसे प्रति यूनिट लेती है, लेकिन हमारी सरकार बनने पर यह खर्च पूरी तरह सरकार वहन करेगी।
तेजस्वी किसानों के लिए सिर्फ मुफ्त बिजली पर नहीं रुके। उन्होंने कहा, “अगर हमारी सरकार बनती है, तो हम धान की फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा 300 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देंगे। इसी तरह, हम गेहूं पर एमएसपी के अलावा 400 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस प्रदान करेंगे।”
सरकारी कर्मचारियों के लिए भी बड़े वादे
महागठबंधन के संयुक्त घोषणापत्र की प्रमुख प्रतिबद्धताओं को दोहराते हुए, तेजस्वी ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने का वादा किया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने स्वास्थ्य सेवा कर्मियों के लिए एक खास घोषणा करते हुए कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों (नर्सों) को उनकी पुरानी मांग के अनुरूप उनके गृह जिलों से 70 किलोमीटर के भीतर ही तैनात किया जाएगा।
पैक्स प्रतिनिधियों को जन प्रतिनिधि का दर्जा
राजद नेता ने यह भी घोषणा की कि प्राथमिक कृषि ऋण समिति (पैक्स) के प्रतिनिधियों को जन प्रतिनिधि का दर्जा दिया जाएगा उन्होंने कहा, राज्य के व्यापार मंडलों के 8463 पैक्स को जनप्रतिनिधि का दर्जा दिया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिलेगी। तेजस्वी ने यह भी कहा कि उनकी सरकार पैक्स प्रबंधकों को मानदेय (Honorarium) देने पर भी विचार करेगी।
राजद और सहयोगियों ने क्या कहा?
राजद नेता रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव के समर्थन में कहा, “तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जनता का जो समर्थन मिल रहा है, वह देखिए। हर माँ और बहन चाहती हैं कि तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री बनें ताकि उनके घरों में खुशहाली आए, नौकरियाँ बढ़ें और उन्हें महंगाई से राहत मिले।”
राजद नेता और लालू प्रसाद यादव की बेटी मीसा भारती ने चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में जबरदस्त समर्थन मिलने का दावा किया। उन्होंने कहा कि राजद नेता तेजस्वी यादव को विशेष रूप से राज्य के बेरोजगार युवाओं का समर्थन मिल रहा है, क्योंकि महागठबंधन सिर्फ जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ रहा है। हम युवा, महिला, महंगाई और नौकरी की बात कर रहे हैं।
मीसा भारती ने 2005 से बिहार में शासन कर रही डबल इंजन की सरकार पर राज्य की खराब स्थिति के लिए निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया, “2005 से डबल इंजन की सरकार है। बिहार की दुर्दशा सबने देखी है। बिहार में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद न कोई फैक्ट्री है, न रोजगार का साधन है, और पलायन सबसे ज्यादा है।”
मीसा भारती ने प्रधानमंत्री और तेजस्वी यादव द्वारा उठाए जा रहे मुद्दों की तुलना करते हुए कहा कि उनके नेता विकास की बात कर रहे हैं, जबकि विरोधी दल ध्यान भटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भरी मंच से कट्टे की बात करते हैं, जबकि तेजस्वी नौकरी, सिंचाई, पढ़ाई, दवाई और कमाई की बात करते हैं।”
राजद सांसद मनोज कुमार झा ने महागठबंधन के वादों का बचाव करते हुए कहा, “ये घोषणाएं हमारे घोषणापत्र का पहले से ही हिस्सा थीं। उन्होंने केवल उन्हें दोहराया है। हमें महिलाओं से प्रतिक्रिया मिली थी कि वे एकमुश्त भुगतान पसंद करेंगी। इसलिए, उन्होंने कहा है कि भुगतान मकर संक्रांति, यानी 14 जनवरी, को खरमास समाप्त होने के बाद किया जाएगा।”
झा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “तेजस्वी जी रोजगार की बात कर रहे हैं, लेकिन जब नौकरियों की बात आती है तो योगी आदित्यनाथ मौन हो जाते हैं। तेजस्वी जी बेहतर बुनियादी ढांचे की बात करते हैं, और आदित्यनाथ जी फिर से चुप हो जाते हैं।”
एनडीए के नेताओं ने क्या कहा?
तेजस्वी यादव के इन वादों पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे ‘हार की हताशा’ बताया है। बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि, “हमारी एनडीए सरकार ने मुख्यमंत्री जीविका योजना शुरू की है और एनडीए जिस तरह स्पष्ट रोडमैप के साथ कल्याणकारी योजनाएं चलाती है, उससे हर परिवार को साल में कम से कम 1.5 से 2 लाख रुपये सीधे प्राप्त होते हैं। विपक्ष के पास अगर कोई नए विचार हैं तो उन्हें पेश करना चाहिए, लेकिन पहले उन्हें अपने ही महागठबंधन के आंतरिक संघर्षों को सुलझाना चाहिए।”
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को ‘चरमपंथी’ कहे जाने पर मनोज तिवारी ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि “मुस्लिम वोट भी महागठबंधन से खिसक रहे हैं, अब वो कहीं मुस्लिम समाज को ही गाली न देने लगें।”
तेजस्वी के वादों पर बीजेपी नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने टिप्पणी करते हुए कहा कि लालू और तेजस्वी सिर्फ झूठे वादे कर रहे। ये अति उत्साह में हैं। उन्हें मालूम है कि नतीजें उनके पक्ष में आने वाले नहीं हैं। शाहनवाज ने आगे कहा कि वे पहले से बता रहे हैं कि इतने तारीख को शपथ ले लेंगे। इस दिन यह योजना दे देंगे। वादा कर रहे हैं कि हर घर में सरकारी नौकरी दे देंगे। लेकिन उनको यह भी नहीं पता कि बिहार में घऱ कितने हैं। उनके वादों पर कोई यकीन नहीं कर रहा है। शाहनवाज ने दावा किया कि, “तेजस्वी यादव अच्छी तरह से जानते हैं कि इस चुनाव में महागठबंधन बुरी तरह हारने वाला है। अभी भी, कई सीटों पर राजद और कांग्रेस कार्यकर्ता आपस में लड़ रहे हैं।”
इसी तरह, लोजपा (रामविलास) सांसद अरुण भारती ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, “तेजस्वी जी शिकारी बन गए हैं, जो किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करने के लिए जनता को तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। लेकिन अब तेजस्वी जी को समझ जाना चाहिए कि जनता पहले ही एनडीए पर अपना भरोसा जता चुकी है।”
6 नवंबर को पहले चरण के लिए होगी वोटिंग
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है। पहले चरण के लिए 18 जिलों की 121 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रचार मंगलवार की शाम 5 बजे समाप्त हो जाएगा। इन जिलों में पटना, मुंगेर, नालंदा, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, गोपालगंज, वैशाली, बक्सर और भोजपुर जैसे प्रमुख जिले शामिल हैं।
पहले चरण में 3 करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए तैयार हैं, जिनके लिए 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
छह सीटों पर मतदान का समय घटा
निर्वाचन विभाग ने पहले चरण के छह विधानसभा क्षेत्रों में मतदान का समय एक घंटा कम कर दिया है। सिमरी-बख्तियारपुर, महिषी, तारापुर, मुंगेर, जमालपुर, और सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्रों के 2,135 मतदान केंद्रों पर अब सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक ही वोट डाले जा सकेंगे।
निर्वाचन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय पूर्व की घटनाओं, नदी की दूरी, संवेदनशीलता और स्थानीय प्रशासन के आग्रह के बाद लिया गया है। वहीं, शेष 115 विधानसभा क्षेत्रों के 43,206 मतदान केंद्रों पर मतदाता सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक वोट डाल सकेंगे।
गुरुवार (6 नवंबर) को सुबह 5 बजे विभिन्न पार्टियों के पोलिंग एजेंटों की उपस्थिति में पीठासीन पदाधिकारी द्वारा मॉक पोल शुरू किया जाएगा, जिसके बाद असली मतदान शुरू होगा।

