नई दिल्ली: मशहूर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन पिछले करीब दो दशक से भारत में रह रही हैं। हालांकि, अब उनके भारत में भविष्य को लेकर संशय के बादल छाए हुए हैं। दरअसल तस्लीमा नसरीन के भारत में रहने का परमिट (रेसिडेंस परमिट) खत्म हो गया और गृह मंत्रालय ने इस नहीं बढ़ाया है। ऐसे में तस्लीमा नसरीन ने अब गृह मंत्री अमित शाह को टैग कर एक्स पर एक पोस्ट डालते हुए उनसे इस संबंध में मदद की गुहार लगाई है।
तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर क्या लिखा है?
बांग्लादेशी लेखिका ने एक्स पर लिखा, ‘प्रिय अमित शाह जी नमस्कार। मैं भारत में रहती हूं क्योंकि मैं इस महान देश से प्यार करता हूं। पिछले 20 वर्षों से यह मेरा दूसरा घर रहा है। लेकिन गृह मंत्रालय 22 जुलाई से मेरे रेसिडेंस परमिट को नहीं बढ़ा रहा है। मैं बहुत चिंतित हूँ। यदि आप मुझे यहां रहने देंगे तो मैं आपकी बहुत आभारी रहूँगी।’
.@AmitShah Dear AmitShahji 🙏Namaskar. I live in India because I love this great country. It has been my 2nd home for the last 20yrs. But MHA has not been extending my residence permit since July22. I’m so worried.I would be so grateful to you if you let me stay. Warm regards.🙏
— taslima nasreen (@taslimanasreen) October 21, 2024
तस्लीमा नसरीन के इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर कुछ और यूजर्स ने गृह मंत्रालय से इस संबंध में उनकी मदद करने की गुजारिश की है। गौरतलब है कि तस्लीमा धार्मिक कट्टरपंथ की आलोचक रही हैं। तस्लीमा नसरीन 1993 से ही बांग्लादेश से बाहर रह रही हैं।
तस्लीमा नसरीन 1990 के दशक की शुरुआत में अपने निबंधों और उपन्यासों के कारण खासी चर्चित रहीं। यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में एक दशक से अधिक समय तक रहने के बाद, वह 2004 में भारत आ गईं थी।
तस्लीमा नसरीन के 1994 में आए ‘लज्जा’ उपन्यास ने पूरी दुनिया के साहित्यिक जगत का ध्यान खींचा था। यह पुस्तक दिसंबर 1992 में भारत में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बांग्लादेश में बंगाली हिंदुओं के खिलाफ हिंसा, बलात्कार, लूटपाट और हत्याओं के बारे में लिखी गई थी।
पुस्तक पहली बार 1993 में बंगाली में प्रकाशित हुई और बाद में बांग्लादेश में प्रतिबंधित कर दी गई। फिर भी प्रकाशन के छह महीने बाद इसकी हजारों प्रतियां बिकीं। ऐसा कहा जाता है कि इसके बाद उन्हें मौत की धमकियां मिलने लगी जिसके चलते उन्हें देश छोड़ने को मजबूर होना पड़ा।
तस्लीमा नसरीन के पास है स्वीडन की नागरिकता
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक नसरीन के पास अभी स्वीडिश नागरिकता है। वे 2004 में कोलकाता पहुंची थीं। कुछ सालों के बाद वे दिल्ली आ गई और यहीं रह रही हैं। साल 1962 में पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में जन्मी तस्लीमा नसरीन ने अपने करियर की शुरुआत बतौर डॉक्टर की। बाद में लेखिका के तौर पर उनकी चर्चा ज्यादा होने लगी।
साल 2004 से 2007 के बीच तस्लीमा नसरीन कोलकाता में रहीं। राज्य में तब वामपंथी सरकार के दौरान भी नसरीन के लिए कुछ महीने मुश्किल भरे रहे। इसी दौरान उन्हें कुछ महीने नजरबंद रहना पड़ा और बाद में कट्टरपंथियों के विरोध के चलते नसरीन को आखिरकार कोलकाता को छोड़ना पड़ा। 2008 में उन्होंने भारत छोड़ दिया था और अमेरिका चली गई थीं। हालांकि वे बाद में फिर भारत लौटीं। कुछ दिन जयपुर में भी रहीं और फिर दिल्ली आकर बस गईं। इसके बाद से वे हर साल परमिट रिन्यू कराके भारत में रह रही हैं।