काबुल: अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार द्वारा हाल ही में एक नया नियम लागू किया है जिसमें अफगानी महिलाओं को अन्य महिलाओं की उपस्थिति में अपनी आवाज के इस्तेमाल से रोका गया है।
नए फरमान के अनुसार, अफगानी महिलाओं को दूसरी महिलाओं के सामने जोर आवाज में कुरान पढ़ने और तकबीर (एक धार्मिक आह्वान जिसमें कुरान को पढ़ा जाता है) देने से मना किया गया है ताकि वे एक दूसरे की आवाज को सुन न सके। तालिबान के उपाध्यक्ष और सदाचार मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने पिछले हफ्ते एक ऑडियो नोट में इसकी घोषणा की है।
यह दावा अमेरिका के वर्जिनिया स्थित अमू टीवी की एक रिपोर्ट में किया गया है। बता दें कि टीवी नेटवर्क को निर्वासित अफगान पत्रकारों द्वारा चलाया जाता है जो साल 2021 के अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद देश छोड़ दिए थे।
हालांकि अभी यह साफ नहीं हुआ है कि यह नियम केवल कुछ जगहों पर ही लागू हुआ है या फिर इसे पूरे देश में लागू किया गया है। इससे पहले तालिबान ने अगस्त में महिलाओं को बाहर निकलने पर अपने चेहरे समेत पूरे शरीर को ढकने का आदेश जारी किया था।
साल 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता को फिर से संभालने के बाद तालिबान ने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। यह बैन उसी तरह से हैं जो 1990 के दशक में उनके पिछले शासन के दौरान लगाए गए थे जिसमें टीवी और संगीत जैसी चीजों पर प्रतिबंध लगाया गया था।
तालिबान के मंत्री मोहम्मद खालिद हनफी ने क्या कहा है
कनाडाई अखबर नेशनल पोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार, हनफी ने कहा था कि जब अन्य महिलाओं की मौजूदगी में महिलाओं को तकबीर और अजान देने से मना किया जा रहा है तो वे गाना कैसे गा सकती हैं।
लंदन स्थित डेली टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, हनफी ने तर्क दिया है कि महिलाओं की आवाज को ‘अवरा’ माना जाता है जिसे ढका जाना चाहिए और अन्य महिलाओं को भी इसे सार्वजनिक रूप से नहीं सुना जाना चाहिए।
इस तरह के बयान देने वाले हनफी को लेकर यह कहा जाता है कि तालिबान के सर्वोच्च नेता के साथ उनके करीबी संबंध हैं। यही नहीं संयुक्त राष्ट्र ने हनफी को ब्लैक लिस्ट कर रखा है और यूरोपीय संघ द्वारा उन्हें प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ रहा है।
2021 से तालिबान ने महिलाओं पर लगाए हैं ये बैन
साल 2021 से अफगानिस्तान की सत्ता में फिर से आने के बाद तालिबान द्वारा अफगान लड़कियों को मिडिल और हाई स्कूल, विश्वविद्यालय की पढ़ाई और सरकारी और अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठनों में रोजगार से रोक गया है।
यही नहीं तालिबान ने महिलाओं के ब्यूटी सैलून को भी बंद कर दिया है और यात्रा के दौरान अकेली महिला के साथ पुरुष को सफर करना भी जरूरी कर दिया है।