Friday, October 17, 2025
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सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट मामले में वजाहत खान को ‘सुप्रीम’ राहत, बंगाल के बाहर गिरफ्तारी पर रोक

नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर विवादों में घिरे वजाहत खान को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से आंशिक राहत मिली। शीर्ष अदालत ने वजाहत के खिलाफ पश्चिम बंगाल के बाहर दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए केंद्र और संबंधित पांच राज्यों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने यह भी साफ किया कि यह रोक भविष्य में समान आरोपों पर दर्ज होने वाली एफआईआर पर भी लागू होगी।

वजाहत खान, जो खुद एक कानून के छात्र हैं, ने हाल ही में पश्चिम बंगाल पुलिस में सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उसी के जवाब में उनके खिलाफ असम, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिम बंगाल सहित छह राज्यों में कई एफआईआर दर्ज की गई हैं। वजाहत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इन सभी एफआईआर को एक स्थान पर जोड़कर सुनवाई की मांग की थी, साथ ही गिरफ्तारी से सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी।

घृणा से हम कहीं नहीं पहुंच सकतेः सुप्रीम कोर्ट

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन और न्यायमूर्ति एनके सिंह की पीठ ने कहा कि “घृणा से हम कहीं नहीं पहुंच सकते।” उन्होंने तमिल की एक कहावत का हवाला देते हुए कहा, “आग से जलने का घाव भर सकता है, लेकिन जुबान से दिया गया घाव नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि हिंसा को उकसाने वाले भाषण केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और शब्दों के जरिए भी हो सकते हैं।

न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वजाहत वर्तमान में कोलकाता पुलिस द्वारा दर्ज एक एफआईआर में पुलिस हिरासत में हैं, और एक अन्य मामले में उन्हें न्यायिक हिरासत में भी भेजा गया है।

वजाहत खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डामा शेषाद्रि नायडू ने बताया कि यह एफआईआर उन्हें पनोली के खिलाफ की गई शिकायत का “बदले” के तौर पर मिली हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खान ने विवादित ट्वीट्स को हटा लिया है और माफी भी मांग ली थी।

हालांकि, अदालत ने सवाल किया कि विवादित ट्वीट्स याचिका में क्यों नहीं जोड़े गए। इस पर वकील ने बताया कि वे ट्वीट पहले ही डिलीट कर दिए गए हैं। अंत में, वकील ने यह स्वीकार किया कि उनके मुवक्किल ने गलती की थी और अब “वो उसी की सजा भुगत रहे हैं”, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी एकमात्र प्रार्थना है कि सभी मामलों की सुनवाई एक ही स्थान पर हो सके।

अगली सुनवाई 14 जुलाई को

उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने 10 जून को खान को गिरफ्तार किया था। उन पर हिंदू धर्म के विरुद्ध कथित अपमानजनक टिप्पणी करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप है। भारतीय न्याय संहिता की धारा 196(1)(ए), 299, 352 और 353(1)(सी) के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अगली सुनवाई 14 जुलाई को निर्धारित है, जिसमें यह देखा जाएगा कि क्या सभी एफआईआर को एक साथ जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है।

अनिल शर्मा
अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...
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