Thursday, October 16, 2025
Homeभारत'अब और याचिकाएं नहीं सुनना चाहते', सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम से...

‘अब और याचिकाएं नहीं सुनना चाहते’, सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम से जुड़ी नई याचिकाएं की खारिज

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली एक दर्जन से अधिक जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने से मंगलवार को साफ इनकार कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में पहले ही पांच याचिकाओं पर सुनवाई का आदेश दिया जा चुका है और अब कोई नई याचिका स्वीकार नहीं की जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि ज्यादातर याचिकाएं एक-दूसरे से मिलती-जुलती हैं और कुछ तो पूरी तरह कॉपी की गई हैं। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं को सलाह दी कि अगर उनके पास कोई नया या अतिरिक्त आधार है, तो वे इस मामले में अलग से इंटरवेंशन एप्लिकेशन दाखिल कर सकते हैं।

अब और याचिकाएं नहीं सुनना चाहतेः सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई जस्टिस संजीव खन्ना ने स्पष्ट कहा, “हम इस मामले में अब और याचिकाएं नहीं सुनना चाहते।” इसके साथ ही कोर्ट ने नई याचिकाओं को खारिज कर दिया।

इन याचिकाओं में कई प्रमुख संगठनों और व्यक्तियों के नाम शामिल थे। इनमें कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मुस्लिम एडवोकेट्स एसोसिएशन और ऑल रिलीजियस इफिनिटी मूवमेंट जैसी संस्थाएं शामिल थीं। ये याचिकाएं वक्फ अधिनियम में हाल में किए गए संशोधनों की वैधता और इसके प्रावधानों को लेकर सवाल उठा रही थीं।

पांच याचिकाओं पर ही सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला वक्फ अधिनियम से जुड़े विवादों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। खंडपीठ ने पहले से चुनी गई पांच याचिकाओं पर सुनवाई को प्राथमिकता देने का फैसला किया है, ताकि इस मामले में जल्द और स्पष्ट निर्णय लिया जा सके।

शीर्ष अदालत का मानना है कि बार-बार एक ही तरह की याचिकाएं दाखिल करने से न्यायिक प्रक्रिया में अनावश्यक देरी हो रही है।

बता दें कि वक्फ अधिनियम को लेकर दायर याचिकाएं लंबे समय से चर्चा में हैं। ये याचिकाएं अधिनियम के कुछ प्रावधानों को असंवैधानिक बताते हुए इसे चुनौती दे रही हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अब साफ कर दिया है कि वह केवल सीमित और मौलिक याचिकाओं पर ही ध्यान देगा। इस फैसले से उन याचिकाकर्ताओं को झटका लगा है, जिनकी याचिकाएं खारिज की गई हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

 

IANS
IANS
Indo-Asian News Service (IANS) भारत की एक निजी समाचार एजेंसी है। यह विभिन्न विषयों पर समाचार, विश्लेषण आदि प्रदान करती है।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments

डॉ उर्वशी on कहानीः इरेज़र
मनोज मोहन on कहानीः याद 
प्रकाश on कहानीः याद 
योगेंद्र आहूजा on कहानीः याद 
प्रज्ञा विश्नोई on कहानीः याद 
डॉ उर्वशी on एक जासूसी कथा