पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के ड्रेस को लेकर क्यों शुरू हुआ है विवाद

डिजाइनर तरुण तहिलियानी ने कहा है कि समय की कमी के कारण पारंपरिक बुनाई के बजाय डिजिटल इकत प्रिंट को चुना गया था।

एडिट
Why has controversy started regarding dress of Indian players in Paris Olympics

पेरिस ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के ड्रेस को लेकर क्यों शुरू हुआ है विवाद (फोटो-X@ajay43)

नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक 2024 की ओपनिंग सेरेमनी में भारतीय महिला खिलाड़ियों की ड्रेस की डिजाइन, क्वालिटी और प्रिंट्स को लेकर विवाद छिड़ गया है। इन खिलाड़ियों की ड्रेस को प्रसिद्ध डिजाइनर तरुण तहिलियानी द्वारा डिजाइन किया गया है।

डिजाइनर तरुण सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि ओलंपिक के ओपनिंग सेरेमनी में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए सस्ते और घटिया क्वालिटी के कपड़े बनाए गए हैं। कई लोगों ने डिजाइन विकल्पों पर भी सवाल उठाया है।

इस बात को लेकर भी तरुण को टारगेट किया गया है कि उन्होंने खिलाड़ियों के कपड़ों में अपने ब्रांड तस्वा का लोगो भी लगा दिया है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि ओलंपिक जैसे बड़े इवेंट में भारतीय कपड़ों को दिखाने का एक अहम मौका हमने आसानी से खो दिया है।

इस पूरे विवाद पर तहिलियानी का भी बयान सामने आया है। उन्होंने सभी आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि खिलाड़ियों के कपड़ों को आईओसी के दिशा-निर्देशों को पालन करते हुए डिजाइन किया गया है।

डिजिटल प्रिंट चुनने पर भी विवाद

बता दें कि ओलंपिक के ओपनिंग सेरेमनी में पुरुषों के लिए सफेद कुर्ता पायजामा और महिलाओं के लिए भारतीय तिरंगे से सजी साड़ियों को डिजाइन किया गया है। ड्रेस बनाने वाले ब्रांड तस्वा ने पारंपरिक बुनाई के बजाय डिजिटल इकत प्रिंट को चुना है। इसे भी लेकर विवाद खड़ा हो गया है।

खिलाड़ियों की ड्रेस की आलोचना करने वाले का कहना है कि डिजाइनर तरुण तहिलियानी अपने जिस काम के लिए जाने जाते हैं, उनके इस डिजाइन में वह काम नहीं दिखा है। कुछ लोगों का यह भी तर्क है कि खिलाड़ियों की कपड़े काफी साधारण दिख रहे थे।

डिजाइनर तरुण ने क्या कहा है

तरुण ने सीधे तौर पर इन आलोचनाओं का जवाब नहीं दिया है लेकिन इसे लेकर एक अखबार को अपनी सफाई पेश की है। डिजाइनर तरुण ने कहा है कि वे अपनी डिजाइन से खुश हैं। उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि यह कोई शादी नहीं थी बल्कि एक खेल का समारोह था।

ताहिलियानी ने साफ किया है कि खिलाड़ियों के ड्रेस पर पहले भारत के झंडे को लगाया गया था लेकिन जब उन्हें पता चला था कि इसकी इजाजत नहीं है तो उन्होंने इसे हटाकर एक निशान लगा दिया था।

तरुण ने आगे कहा है कि खिलाड़ियों के ड्रेस पर कोई लोगो नहीं लगा है बल्कि वह एक केवल निशान हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पारंपरिक बुनाई के बजाय डिजिटल इकत प्रिंट को इसलिए चुना था क्योंकि इसके लिए समय काफी कम था। इतने कम समय में सभी खिलाड़ियों के ड्रेस पर पारंपरिक बुनाई करने से काफी समय लग सकता था।

तरुण ने यह भी कहा कि मेरे डिजाइन से लोग असहमत भी हो सकते हैं। ये लोगों का विचार हो सकता है।

इन लोगों ने भी की है आलोचना

तरुण के डिजाइन को लेकर केवल सोशल मीडिया यूजर ही नहीं बल्कि पूर्व खिलाड़ी और अभिनेत्री ने भी सवाल खड़े किए हैं। पूर्व शटलर ज्वाला गुट्टा ने एक्स पर अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें ताहिलियानी से इससे अधिक उम्मीदें थीं।

ब्लॉगर डॉ. नंदिता अय्यर और अभिनेत्री तारा देशपांडे ने भी ड्रेस की आलोचना की है और डिजाइन और बजट निर्णयों पर सवाल उठाया है। इन लोगों ने भारत की समृद्ध कपड़ा विरासत को प्रदर्शित करने के अवसर चूक जाने पर अफसोस भी जताया है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article