ओलंपिक में भारत के लिए शूटिंग से तीसरा मेडल, स्वप्निल कुसाले का ये कांस्य पदक क्यों खास है?

स्वप्निल कुसाले ने ओलंपिक खेलों की शूटिंग स्पर्धा में इतिहास रचते हुए 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीता है। शूटिंग से भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में यह तीसरा मेडल है।

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ओलंपिक में भारत के लिए शूटिंग से तीसरा मेडल, स्वप्निल कुसाले का ये कांस्य पदक क्यों खास है?

स्वप्निल कुसाले 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में जीता ब्रॉन्ज मेडल

नई दिल्ली: पेरिस ओलंपिक में भारतीय शूटर्स की एक ओर मेडल जीता है। ओलंपिक खेलों के छठे दिन गुरुवार को स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग में इतिहास रचते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीता। स्वप्निल ने शूटिंग की पुरूष स्पर्धा 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन में कांस्य पदक जीता है।

इसके साथ पेरिस ओलंपिक में भारत ने अपने नाम तीसरा मेडल किया है। तीनों मेडल भारतीय शूटर ने ही दिलाए हैं। कुसाले का यह पहला ओलंपिक है। इससे पहले मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल फाइनल में दक्षिण कोरियाई जोड़ी को हराकर भारत के लिए कांस्य पदक जीता था। मनु भाकर ने व्यक्तिगत स्पर्धा में भी एक ब्रॉन्ज मेडल जीता है।

स्वप्निल का ब्रॉन्ज क्यों खास है?

यह पहली बार है जब किसी भारतीय शूटर ने ओलंपिक की 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में पदक जीता है।
थ्री पोजीशन स्पर्धा को शूटिंग में बेहद चुनौतीपूर्ण माना जाता है। इसमें थ्री पोज़िशन का मतलब होता है कि निशानेबाज को घुटने के बल बैठकर, लेट कर (प्रोन) और खड़े रहकर निशाना लगाना होता है। इसलिए यह थोड़ा मुश्किल होता है। वैसे, खास बात ये भी है कि ओलंपिक में पदक उनके करियर में व्यक्तिगत स्पर्धा में केवल दूसरा पदक है। कुसाले से मेडल की उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी। वे मूल रूप से महाराष्ट्र के कोल्हापुर से हैं। फिलहाल पुणे में रेलवे की नौकरी में भी हैं। बता दें कि शूटिंग की स्पर्धा मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। यह राइफल, पिस्तौल और बन्दूक से निशाना लगाने के आधार पर बंटी हुई है।

स्वप्निल कुसाले के बारे में जानिए

28 साल के स्वप्निल कुसाले का जन्म 6 अगस्त 1995 को हुआ। उनके पिता पेशे से शिक्षक हैं और मां गांव की सरपंच हैं। 14 साल की उम्र में उनके पिता ने उन्हें महाराष्ट्र सरकार के खेल के लिए समर्पित प्राथमिक कार्यक्रम 'क्रीड़ा प्रबोधिनी' में भेजा। एक साल की जबर्दस्त ट्रेनिंग के बाद स्वप्निल ने शूटिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया।

दिलचस्प बात यह है कि ओलंपिक में पदक उनके करियर में व्यक्तिगत स्पर्धा में केवल दूसरा पदक है। इससे पहले उन्होंने 2017 में ब्रिस्बेन में राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप में 50 मीटर एयर राइफल प्रोन में कांस्य पदक जीता था। साथ ही उन्होंने 2021 में नई दिल्ली में विश्व कप में 50 मीटर एयर राइफल टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। वहीं, 2022 हांग्जू एशियाई खेलों में भी इसी स्पर्धा में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा 2022 में काहिरा में हुए वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी टीम इवेंट में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।

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