पेरिस: शीर्ष वरीयता प्राप्त नितेश कुमार ने सोमवार को पुरुष सिंगल्स एसएल3 श्रेणी के बैडमिंटन फाइनल में ब्रिटेन के डेनियल बेथल को कड़े मुकाबले में 21-14, 18-21, 23-21 से हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया।
यह मैच ला चैपल एरिना कोर्ट 1 पर खेला गया था। अवनि लेखरा के बाद, यह 2024 पैरालंपिक खेलों में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है। यह पेरिस पैरालंपिक खेलों में भारत का कुल नौवां पदक है, जिसमें दो स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य पदक शामिल हैं।
नितेश के करियर की सबसे बड़ी है जीत
पहला गेम 21-14 से जीतने के बाद, हालांकि नितेश को नेट पर नियंत्रण बनाए रखने में मुश्किलें आई थी। इससे पहले, नितेश ने बेथल को दस मैचों में कभी नहीं हराया था, लेकिन इस बार उन्होंने अपने करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल की।
ब्रिटिश पैरा-शटलर बेथल को इस बार भी मिली निराशा
दूसरी ओर, ब्रिटिश पैरा-शटलर बेथल के लिए यह एक बार फिर दिल टूटने वाला पल था, क्योंकि 2020 टोक्यो पैरालंपिक खेलों में भी उन्हें भारत के प्रमोद भगत से फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
उस समय बेथल भगत से सीधे दो गेम में हार गए थे और इस बार कड़ी टक्कर देने के बावजूद उन्हें रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
ऐसे बनाई सेमीफाइनल में जगह
नितेश ने शानदार प्रदर्शन किया और लगातार अच्छा खेल दिखाया है। उन्होंने ग्रुप ए में तीन लगातार जीत के साथ सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। एसएल3 श्रेणी उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके शरीर के एक तरफ की मूवमेंट पर थोड़ा असर होता है, या दोनों पैरों में परेशानी होती है, या जिनके अंग नहीं होते।
हालांकि वे सभी तरह के शॉट मार सकते हैं, लेकिन कोर्ट पर उनकी मूवमेंट सीमित ही होती है।
पिछले दो सालों से हैं वे बेहतरीन फॉर्म में
नितेश आईआईटी मंडी के स्नातक हैं। उन्होंने 2009 में विशाखापट्टनम में एक ट्रेन दुर्घटना में अपना पैर गंवाने के बाद आईआईटी में रहते हुए पैरा-बैडमिंटन खेलना शुरू किया था।
पिछले दो साल से वह बेहतरीन फॉर्म में हैं और कई चैंपियनशिप जीत चुके हैं। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने 2024 बीडब्ल्यूएफ पैरा-बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था।
(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)