जय शाह बन सकते हैं आईसीसी के चेयरमैन, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का मिल चुका है समर्थन: रिपोर्ट

बीसीसीआई के महासचिव जय शाह जल्द ही आईसीसी के चेयरमैन बन सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्हें इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का समर्थन भी मिल चुका है।

जय शाह बन सकते हैं आईसीसी के चेयरमैन, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड का मिल चुका है समर्थन: रिपोर्ट

जय शाह को जल्द मिल सकती है आईसीसी की कमान (फोटो- IANS)

नई दिल्ली: जय शाह क्रिकेट जगत के सबसे ताकतवर लोगों में से एक हैं। बीसीसीआई के महासचिव के तौर पर उनके कार्यकाल ने भारत को सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड के तौर पर अपनी पकड़ और मजबूत करने में मदद की है। इस बीच उनसे जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार जय शाह को जल्द आईसीसी का नया चेयरमैन बनाया जा सकता है।

'द ऐज' की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की, जबकि शासी निकाय और इसके प्रमुख ब्रॉडकास्ट अधिकार धारक स्टार के बीच 4.46 बिलियन डॉलर का विवाद चल रहा है।

रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि शाह को नॉमिनेशन के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की दो अग्रणी टीमों ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड से समर्थन प्राप्त हो चुका है। उनके कम से कम तीन वर्षों तक आईसीसी का अध्यक्ष बने रहने की उम्मीद है।

आईसीसी के प्रवक्ता ने द एज को बताया, 'आईसीसी के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले ने बोर्ड को पुष्टि की है कि वह तीसरे कार्यकाल के लिए खड़े नहीं होंगे और नवंबर के अंत में अपना वर्तमान कार्यकाल समाप्त होने पर पद से हट जाएंगे।'

बार्कले को नवंबर 2020 में स्वतंत्र आईसीसी अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद उन्हें 2022 में फिर से चुना गया था। आईसीसी अधिकारी ने कहा, 'वर्तमान निदेशकों को अब 27 अगस्त, 2024 तक अगले अध्यक्ष के लिए नॉमिनेशन प्रस्तुत करना होगा, और यदि एक से अधिक उम्मीदवार हैं, तो चुनाव होगा और नए अध्यक्ष का कार्यकाल 1 दिसंबर 2024 से शुरू होगा।'

जगमोहन डालमिया (1997 से 2000) और शरद पवार (2010-2012) केवल दो भारतीय हैं जिन्होंने अतीत में आईसीसी के प्रमुख का पद संभाला है। बीसीसीआई के महासचिव के रूप में शाह का कार्यकाल 2025 में समाप्त हो रहा है। इसके बाद वो एक नई भूमिका में नजर आ सकते हैं। किसी भी व्यक्ति को आईसीसी के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के लिए, उस व्यक्ति को 16 में से कम से कम नौ वोट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, जो कि 51 प्रतिशत है।

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)

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