19 साल की दिव्या देशमुख विमेन चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय, कैंडिडेट्स के लिए भी क्वालिफाई

19 साल की दिव्या ने अपने करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल करते हुए दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी को मात दी। उन्होंने सेमीफाइनल में चीन की खिलाड़ी को हराया।

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फाइल फोटो Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: भारत की शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख ने बुधवार को इतिहास रच दिया। वे जॉर्जिया के बटुमी में जारी FIDE महिला शतरंज विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई हैं। उन्होंने सेमीफाइनल के दूसरे गेम में चीन की पूर्व विश्व चैंपियन झोंगयी टैन को हराया और मिनी-मैच 1.5-0.5 से जीत लिया। इस तरह दिव्या इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। साथ ही दिव्या इस जीत के साथ कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए भी क्वालिफाई कर गई हैं।

19 साल की दिव्या ने अपने करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल करते हुए दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी को मात दी। उन्होंने सेमीफाइनल के दूसरे चरण में सफेद मोहरों से हुए मुकाबले में टैन को हराया। इससे पहले काले मोहरों से पहला चरण ड्रॉ कराने में वे कामयाब रही थीं।

इस ऐतिहासिक उपलब्धि ने दिव्या को अपना पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल करने और भारत की चौथी महिला ग्रैंडमास्टर बनने के करीब पहुँचा दिया है। भारतीय महिलाओं में केवल कोनेरू हम्पी, हरिका द्रोणावल्ली और आर. वैशाली ही ग्रैंडमास्टर का खिताब अपने नाम कर पाई हैं।

टूर्नामेंट में शानदार रहा है दिव्या का सफर

दिव्या ने इससे पहले चौथे दौर में दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की झू जिनर को हराया था, और फिर क्वार्टर फाइनल में हमवतन हरिका द्रोणावल्ली को हराया था। भारत की दूसरे नंबर की खिलाड़ी हरिका 2023 में क्वार्टर फाइनल में पहुंची थी और टूर्नामेंट में शीर्ष आठ में जगह बनाने वाली पहली भारतीय रही थीं। 

दिव्या का मुकाबला अब फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीन की लेई टिंगजी और भारत की नंबर एक कोनेरू हम्पी के बीच खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल की विजेता से होगा। क्लासिकल लेग में दोनों के बीच दो ड्रॉ के बाद हम्पी और लेई के बीच मुकाबला टाईब्रेकर में चला गया था।

कैंडिडेट टूर्नामेंट में दिव्या की जगह पक्की

दिव्या की जीत का मतलब था कि दो भारतीयों को अब प्रतिष्ठित कैंडिडेट टूर्नामेंट में जगह मिल सकती है। अगर हम्पी फाइनल के लिए क्वालीफाई कर जाती हैं, तो उनकी भी कैंडिडेट में जगह पक्की हो जाएगी। अगर वह हार भी जाती हैं, तो भी हम्पी के पास विश्व चैंपियनशिप चैलेंजर टूर्नामेंट में जगह बनाने का एक और मौका होगा।

बता दें कि FIDE महिला विश्व कप वर्ल्ड चैम्पियनशिप चक्र का सबसे महत्वपूर्ण इवेंट है, जिसमें कैंडिडेट्स के लिए तीन क्वालीफाइंग स्थान उपलब्ध हैं। महिला ग्रां प्री सीरीज 2024-25 और ग्रैंड स्विस में दो-दो स्थान दिए गए हैं, जबकि अंतिम स्थान 'FIDE महिला इवेंट्स 2025-26' सीरीज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाली खिलाड़ी के लिए आरक्षित है। कैंडिडेट्स की विजेता को मौजूदा विश्व चैंपियन (चीन की जू वेनजुन) को चुनौती देने का मौका मिलेगा।

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