नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने रविवार को भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट साझा कर अपने 13 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कहा, जिसे लंबे समय तक धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी की कला के लिए याद किया जाएगा।

पुजारा ने अपनी पोस्ट में लिखा, "राजकोट जैसे छोटे शहर के एक छोटे बच्चे के तौर पर मैंने अपने माता-पिता के साथ मिलकर सितारों तक पहुंचने का सपना देखा था और भारतीय टीम का हिस्सा बनने का सपना संजोया था। मुझे तब पता नहीं था कि यह खेल मुझे इतना कुछ देगा।" उन्होंने बीसीसीआई, सौराष्ट्र क्रिकेट संघ, अपने टीम के साथियों, कोचों, परिवार और प्रशंसकों का आभार व्यक्त किया।

पुजारा का क्रिकेट करियर

पुजारा एक ऐसे दौर में भारतीय टेस्ट टीम का अहम हिस्सा रहे, जब आक्रामक बल्लेबाजी का बोलबाला था। उन्होंने अपनी खास शैली से गेंदबाजों को थकाया और टीम के लिए महत्वपूर्ण रन बनाए। अपने करियर में पुजारा ने 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7,195 रन बनाए, जिसमें 19 शतक और 35 अर्धशतक शामिल हैं। वह भारत के लिए टेस्ट में आठवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। उन्होंने भारत के लिए 5 वनडे मैच भी खेले।

पुजारा का करियर कई उल्लेखनीय उपलब्धियों से भरा है

  • बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2018-19 में 'प्लेयर ऑफ द सीरीज' बने, जहां उन्होंने 1,258 गेंदों का सामना करते हुए 521 रन बनाए थे।

  • वह एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने एक पारी में 500 से अधिक गेंदों का सामना किया है।

  • वह पिछले 40 सालों में एकमात्र भारतीय हैं जिन्होंने एक टेस्ट मैच के पांचों दिन बल्लेबाजी की है।

  • आईसीसी 2013 के 'इमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर' रहे।

  • भारत की 11 SENA (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) टेस्ट जीत का हिस्सा रहे, जो किसी भी भारतीय खिलाड़ी के लिए सबसे ज्यादा है।

कमेंट्री में भी जारी रहेगी क्रिकेट से साझेदारी

पुजारा ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच जून 2023 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में खेला था। हालांकि, इसके बाद वह भारतीय टीम से बाहर हो गए थे, लेकिन इंग्लैंड में हुई सीरीज के दौरान उन्होंने क्रिकेट कमेंट्री में भी कदम रखा। संन्यास के बाद भी उनके प्रशंसक टेस्ट मैचों के दौरान उनकी गहरी और प्रभावशाली अंतर्दृष्टि सुन सकेंगे।

अपने परिवार के बलिदान और समर्थन का जिक्र करते हुए पुजारा ने कहा कि उनके माता-पिता, पत्नी पूजा और बेटी अदिति के बिना यह सब संभव नहीं था। उन्होंने अंत में कहा कि वह अब अपने जीवन के अगले चरण की ओर देख रहे हैं और अपने परिवार को अधिक समय देंगे।