Tuesday, October 28, 2025
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असम में भी चुनाव, फिर भी निर्वाचन आयोग ने इसे SIR वाले 12 राज्यों की लिस्ट में क्यों नहीं रखा?

चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दूसरे चरण में 12 राज्यों को कवर किया जाएगा। इनमें कई राज्य ऐसे हैं, जहां अगले साल या फिर 2027 में चुनाव होने हैं। असम में हालांकि, निर्वाचन आयोग अभी SIR नहीं कराएगा।

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने दूसरे चरण के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की घोषणा सोमवार को कर दी। चुनाव आयोग ने बताया कि दूसरे चरण में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कवर किया जाएगा। इसमें पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के नाम भी शामिल हैं, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।

उत्तर प्रदेश भी इस लिस्ट में शामिल है जहां 2027 में चुनाव होने हैं। एसआईआर के दूसरे चरण की प्रक्रिया अगले महीने शुरू होगी। चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि सोमवार रात से इन राज्यों में मतदाता सूची को फ्रीज कर दिया जाएगा।

दूसरे चरण में अंडमान और निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी और राजस्थान भी शामिल है, जिसकी मतदाता सूचियों का भी पुनरीक्षण किया जाएगा। इनमें से गोवा, गुजरात और पुडुचेरी में भी अगले साल मतदान होना है। हालांकि असम, जहाँ अगले साल चुनाव है, वो इस लिस्ट में शामिल नहीं है।

असम में चुनाव आयोग क्यों नहीं कराएगा SIR?

असम में एसआईआर नहीं कराने को लेकर पूछे जाने पर चुनाव आयोग ने कहा कि चूंकि असम के लिए नागरिकता नियम ‘देश के बाकी हिस्सों से अलग हैं’, इसलिए पूर्वोत्तर राज्य के लिए मतदाता सूची संशोधन बाद में किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘भारतीय नागरिकता कानून में असम के लिए नागरिकता के लिए अलग प्रावधान है। दूसरी बात ये भी है कि सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में वहां पर नागरिकता की जांच का कार्यक्रम पूरा होने वाला है।’ उन्होंने आगे कहा कि असम के लिए अलग से आदेश बाद में जारी किए जाएंगे।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव आयोग ने बिहार में हुई एसआईआर की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इस दौरान राजनीतिक दलों ने शून्य आपत्तियां दर्ज कराई, जो दिखाता है कि बिहार की मतदाता सूची अब तक की सबसे शुद्ध मतदाता सूची है।

ज्ञानेश कुमार ने कहा, ‘एसआईआर का फेज वन समाप्त हुआ, जिसकी सबसे बड़ी खूबी यह रही है कि बिहार के सभी 7.5 करोड़ मतदाताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान जीरो अपील आई, जिसका मतलब है कि बिहार मतदाता सूची बेहद उचित मानी जाएगी। अब फेज 2 की तैयारी चल रही है।’

ज्ञानेश कुमार ने बताया कि पिछली बार 2000 से 2004 के बीच एसआईआर हुई थी, ऐसे में करीब दो दशक बाद मतदाता सूची में अशुद्धियों को दूर करने के लिए विशेष इंटेसिंव रिवीजन जरूरी है।

उन्होंने कहा, ‘हर चुनाव से पहले इलेक्ट्रोरल रोल का रिवीजन जरूरी है। विगत कुछ वर्षों में कई राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सूची पूरी तरह से शुद्ध न होने पर आपत्ति जताई है। इससे पहले आखिरी बार 2000 से 2004 के बीच में एसआईआर हुई। इतने लंबे समय के बाद अब एसआईआर और भी जरूरी हो जाता है। चुनाव आयोग ने निर्णय लिया कि पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से एसआईआर करवाई जाएगी, जिसकी शुरुआत बिहार से हुई।’

SIR 2.0: मतदाता सूची पुनरीक्षण का पूरा शेड्यूल

चुनाव आयोग के अनुसार एसआईआर की शुरुआत 4 नवंबर से होगी और 7 फरवरी, 2026 को अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) को प्रकाशित किया जाएगा। इस दौरान कई चरणों में सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

चुनाव आयोग की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रिंटिंग और प्रशिक्षण होगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक घर-घर गणना (House-to-House Enumeration) का काम चलेगा। चुनावल आयोग के अनुसार इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद 9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होगी। वहीं, 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराने का समय दिया जाएगा।

वहीं, 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक सुनवाई और वेरिफिकेशन का काम होगा जबकि फाइनल सूची 7 फरवरी, 2026 को जारी की जाएगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि इस दौरान करीब 5.33 लाख बीएलओ और विभिन्न राजनीतिक दलों के 7.64 लाख बूथ एजेंट शामिल होंगे। ये बीएलओ कम से कम तीन बार घरों का दौरा करेंगे ताकि गलतियों को ठीक करने का मतदाताओं को पूरा मौका मिले।

विनीत कुमार
विनीत कुमार
पूर्व में IANS, आज तक, न्यूज नेशन और लोकमत मीडिया जैसी मीडिया संस्थानों लिए काम कर चुके हैं। सेंट जेवियर्स कॉलेज, रांची से मास कम्यूनिकेशन एंड वीडियो प्रोडक्शन की डिग्री। मीडिया प्रबंधन का डिप्लोमा कोर्स। जिंदगी का साथ निभाते चले जाने और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाली फिलॉसफी में गहरा भरोसा...
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