जम्मू: जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जाँच एजेंसी (SIA) ने गुरुवार को देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोपों को लेकर जम्मू स्थित अखबार ‘कश्मीर टाइम्स’ के कार्यालय पर छापा मारा। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने बताया कि जाँच अधिकारियों ने अखबार के परिसर और कंप्यूटरों की गहन तलाशी ली।
अधिकारी ने आगे बताया कि अखबार के खिलाफ ‘देश के हितों के विरुद्ध गतिविधियों का महिमामंडन’ करने का मामला दर्ज किया गया है। प्रकाशन और उसके प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उनसे पूछताछ भी की जा सकती है।
कश्मीर टाइम्स जम्मू-कश्मीर के सबसे पुराने अंग्रेजी भाषा के समाचार संस्थाओं में से एक है। पत्रकार वेद भसीन द्वारा स्थापित कश्मीर टाइम्स ने कुछ समय से जम्मू से अपने प्रिंट संस्करण का प्रकाशन बंद कर दिया है और अब मुख्यतः ऑनलाइन ही संचालित होता है। भसीन के निधन के बाद उनकी बेटी अनुराधा भसीन और उनके पति प्रबोध जामवाल ने अखबार की बागडोर संभाली हुई है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि, दोनों अमेरिका चले गए हैं और पिछले कुछ वर्षों से वहीं रह रहे हैं। इसकी वेबसाइट पर प्रबोध को संपादक और अनुराधा को प्रबंध संपादक बताया गया है।
कश्मीर टाइम्स में सुबह 6 बजे शुरू हुई छापेमारी
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अखबार के खिलाफ एफआईआर में कथित गतिविधियों और संचार का उल्लेख है जो ‘भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए संभावित खतरों’ के कारण जाँच के दायरे में हैं। छापेमारी सुबह करीब 6 बजे शुरू हुई और SIA अधिकारियों ने अखबार के प्रबंधक संजीव केर्नी को कार्यालय खोलने के लिए उनके घर से बुलाया।
एसआईए अधिकारियों ने जाँच के तहत दस्तावेजों, डिजिटल उपकरणों और अन्य सामग्रियों की जाँच की। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी अनुराधा से भी पूछताछ कर सकती है। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई अलगाववादी नैरेटिव या गैरकानूनी प्रोपेगैंड में मदद करने के संदिग्ध नेटवर्कों के खिलाफ एजेंसी की निरंतर जारी कार्रवाई का हिस्सा है।
आतंकवाद से जुड़े मामलों की जाँच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की विशेष शाखा- एसआईए ने अभी तक आरोपों या सबूतों के विवरण या इस बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
दूसरी ओर कश्मीर टाइम्स ने भी तलाशी को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि छापेमारी की जानकारी बाहर आते ही राजनीतिक और मीडिया हलकों में चर्चा तेज हो गई है। वैसे ये पहली बार नहीं है जब अखबार विवादों में आया है। इससे पहले साल 2020 में भी कश्मीर टाइम्स के श्रीनगर स्थि ऑफिस को प्रशासन ने सील कर दिया था। तब भी मामला काफी सुर्खियों में रहा था।
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