टोक्योः जापान की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता शिगेरू इशिबा को सोमवार को जापानी संसद के दोनों सदनों में सर्वाधिक वोट मिलने के बाद दोबारा देश का प्रधानमंत्री चुन लिया गया। यह निर्णय एक असाधारण सत्र में लिया गया, जिसे प्रधानमंत्री के चयन के लिए बुलाया गया था।
30 साल में पहली बार हुआ रन ऑफ मुकाबला
अक्टूबर 27 को हुए आम चुनाव में एलडीपी और कोमिटो के सत्तारूढ़ गठबंधन ने अपना लंबे समय से कायम बहुमत खो दिया था। इसके चलते इशिबा और विपक्षी पार्टी के नेता योशिहिको नोडा के बीच 30 साल बाद पहली बार रन ऑफ मुकाबला हुआ। इशिबा को 221 वोट मिले, जो बहुमत के लिए आवश्यक 233 सीटों से कम थे, लेकिन फिर भी नोडा से अधिक थे।
इशिबा ने ‘एक्स’ पर जीत की घोषणा करते हुए लिखा, “मुझे जापान का 103वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। इस कठिन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय माहौल में, मैं देश और उसके लोगों की सेवा करने की पूरी कोशिश करूंगा।”
103代内閣総理大臣を拝命いたしました。厳しい内外の環境の中、国家国民のために、微力を尽くして参ります。
— 石破茂 (@shigeruishiba) November 11, 2024
इशिबा ने अक्टूबर की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद संभाला था और जल्द चुनाव की घोषणा की थी, लेकिन बढ़ती मुद्रास्फीति और ‘स्लश फंड घोटाले’ के चलते उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा।
अक्टूबर में हुए आम चुनाव में एलडीपी और कोमीतो को संसद के निचले सदन में 465 सीटों में से कुल 215 सीटें मिलीं, जो बहुमत से कम थीं। वहीं, मुख्य विपक्षी पार्टी, संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी, ने अपनी सीटों में उल्लेखनीय वृद्धि की और 98 से बढ़कर 148 सीटों पर पहुंच गई।
इशिबा के सामने चुनौतियां
इशिबा ने अपनी पिछली कैबिनेट के अधिकांश मंत्रियों को फिर से नियुक्त किया, जिनमें विदेश मंत्री ताकेशी इवाया, रक्षा मंत्री जन नाकतानी और मुख्य कैबिनेट सचिव योशिमासा हयाशी शामिल हैं। हालांकि, चुनाव परिणामों के प्रभाव के कारण तीन मंत्रियों को बदलना पड़ा। इशिबा ने यह भी साफ किया कि वह अपने शासन को मजबूत करने के लिए अन्य सहयोगियों से समर्थन प्राप्त करने के लिए तैयार हैं।
आगे के महीनों में इशिबा को विपक्षी दलों से नीतियों पर सहमति प्राप्त करने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है, खासकर बजट और अन्य विधायी कार्यों के लिए। हालांकि, इशिबा ने गठबंधन को विस्तार देने का संकेत दिया है ताकि राजनीतिक स्थिरता हासिल की जा सके।
इसके अलावा, इशिबा की सरकार इस महीने के अंत में एशिया-पैसिफिक इकनॉमिक कोऑपरेशन (एपीईसी) और ग्रुप ऑफ 20 (जी20) शिखर सम्मेलन में भाग लेने की तैयारी कर रही है। वे राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप से भी मुलाकात कर सकते हैं।
यहां तक कि इशिबा को अपने चुनावी सहयोगी, डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल से भी समर्थन की उम्मीद है, जिसका नेतृत्व युचिरो तमाकी कर रहे हैं। तमाकी ने हाल ही में अपने दल के लिए एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा, जिसमें कर-मुक्त आय सीमा को बढ़ाने और वेतन में वृद्धि की बात की गई थी, जिसे युवा और कम आय वाले वोटरों से समर्थन मिला।
हालांकि, तमाकी को एक व्यक्तिगत स्कैंडल का सामना करना पड़ा है, जिसमें एक पत्रिका ने उनकी विवाहेतर संबंधों का खुलासा किया, जिसे उन्होंने सोमवार को स्वीकार किया। इस पर इशिबा की सरकार को आगामी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।