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‘भारत को मनाने की नहीं है जरूरत’, ट्रंप के सीजफायर के दावों पर शशि थरूर की टिप्पणी

नई दिल्लीः कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार सीजफायर के दावों को लेकर टिप्पणी की है। थरूर ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की ब्राजील यात्रा के दौरान कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोई मान-मनौव्वल हुई होगी तो वह पाकिस्तान में होगी। थरूर ने कहा कि भारत को इसे रोकने के लिए अनुनय-विनय की कोई आवश्यकता नहीं है। 

डोनाल्ड ट्रंप  लगातार यह दावा करते रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम में अमेरिका की भूमिका है। ट्रंप के इस दावे पर शशि थरूर ने कहा “किसी को हमें रोकने के लिए मनाने की जरूरत नहीं पड़ी। हमने पहले ही रुकने को कहा था। यदि अमेरिकी राष्ट्रपति या उनके सहयोगियों द्वारा कोई अनुनय-विनय की गई होती तो वह पाकिस्तानियों को अनुनय-विनय के लिए होती। उन्हें मनाना पड़ता। हमें मनाने की जरूरत नहीं है क्योंकि हम युद्ध नहीं चाहते हैं।”

भारत ट्रंप का करता है सम्मान

इस बारे में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत अमेरिकी राष्ट्रपति का बहुत सम्मान करता है और वह इसी बात को ध्यान में रखकर बात करेगा लेकिन यह भी सच है कि “हमारी समझ थोड़ी अलग है।”

इस दौरान थरूर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत संघर्ष नहीं चाहता है। भारत शांति चाहता है और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है, यह मूल संदेश है। थरूर ने आगे कहा कि भारत ने पहले दिन से ही कहा था कि वह संघर्ष को लंबा खींचने में दिलचस्पी नहीं रखता है। थरूर ने कहा “यह किसी तरह के युद्ध की शुरूआत नहीं है। यह आतंकवादियों के खिलाफ बदला लेने के लिए है। अगर पाकिस्तान ने कोई प्रतिक्रिया नहीं की होती तो हम भी कोई प्रतिक्रिया नहीं करते।”

यह भी पढ़ें – कोलंबिया के यूटर्न पर क्या बोले थरूर?

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप लगतारा यह दावा करते रहे हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में उनकी भूमिका है। ट्रंप ने यह भी कहा था कि संघर्ष विराम के लिए ट्रंप ने व्यापार बढ़ाने की भी बात कही थी। इसके साथ ही ट्रंप ने परमाणु संघर्ष को भी रोकने की बात कही थी। 

अमेरिकी मीडिया पर की टिप्पणी

इस बीच थरूर ने अमेरिकी मीडिया के बारे में भी टिप्पणी करते हुए कहा कि अमेरिकी मीडिया में बहुत भीड़ है इसलिए लोगों का ध्यान आकर्षित करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हमारी कहानी शायद ऊपर न हो लेकिन अगर हम उन लोगों का ध्यान आकर्षित कर सकें जो दक्षिण एशिया, भारत और आतंकवाद के बारे में चिंतित हैं तो हम अपना संदेश बहुत आसानी से पहुंचा सकते हैं।

गौरतलब है कि भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor)’के बारे में दुनिया को बताने के लिए सात प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इन प्रतिनिधिमंडलों में सभी दलों के नेता और पूर्व राजनयिक अधिकारियों को शामिल किया गया है। इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता शशि थरूर कर रहे हैं। थरूर के नेतृत्व वाला प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, गुयाना, पनामा, ब्राजील जैसे देशों में पहुंचा है। 

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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