गोपीचंद थोटाकुरा बनने जा रहे हैं अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पर्यटक, कौन हैं ये…जानिए इनके बारे में

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Gopichand Thotakura

गोपीचंद थोटाकुरा बनेंगे अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय पर्यटक (Photo- Linkedin)

गोपीचंद थोटाकुरा (Gopichand Thotakura) एक पर्यटक के तौर पर अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बनने जा रहे हैं। अमेरिका में बसे थोटाकुरा ब्लू ओरिजिन (Blue origin) के न्यू शेपर्ड 25 मिशन पर जाने वाले उन छह लोगों के दल में शामिल हैं, जो अंतरिक्ष की यात्रा करेगा। इस यात्रा के तहत यह दल धरती के वायुमंडल से आगे तक जाएगा। पेशे से गोपीचंद थोटाकुरा एक उद्यमी और कुशल पायलट है।

ब्लू ओरिजिन ने उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में वर्णित किया है- जिसने गाड़ी चलाने से पहले जहाज उड़ाना सीख लिया था। उनका अनुभव वाणिज्यिक जेट पायलटिंग, बुश फ्लाइंग, एरोबेटिक्स, सीप्लेन, ग्लाइडर और हॉट एयर बैलून पायलटिंग तक के क्षेत्रों में फैला हुआ है। इसके अलावा गोपी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल जेट उड़ाए हैं और हाल ही में उन्होंने अफ्रीका में माउंट किलिमंजारो के शिखर पर चढ़ने में भी सफलता हासिल की।

एम्ब्री-रिडल एरोनॉटिकल यूनिवर्सिटी से डिग्री और कोवेंट्री यूनिवर्सिटी से एविएशन/एयरवे मैनेजमेंट और ऑपरेशंस में एमबीए करने वाले गोपीचंद वर्तमान में एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड में मुख्य परिचालन अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

क्या है ब्लू ओरिजिन का न्यू शेपर्ड 25 मिशन?

स्पेस टूरिज्म के तहत न्यू शेफर्ड 25 मिशन सातवां मानव उड़ान वाला मिशन है। इसके तहत ब्लू ओरिजिन अंतरिक्ष पर्यटन के लिए विशेष तौर पर डिजाइन किए गए रियूजिबल सबऑर्बिटल रॉकेट सिस्टम का उपयोग करेगी। ब्लू ओरिजिन के इस न्यू शेपर्ड रॉकेट का नाम अंतरिक्ष यात्री एलन शेपर्ड के नाम पर रखा गया है। शेपर्ड अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमेरिकी थे।

ब्लू ओरिजिन वेबसाइट के मुताबिक न्यू शेफर्ड मिशन पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है। न्यू शेपर्ड अंतरिक्ष यान में एक क्रू कैप्सूल और एक बूस्टर रॉकेट होता है। इसके कैप्सूल में अधिकतम छह यात्री, कार्गो के छह टुकड़े या दोनों फिट हो सकते हैं। इसमें लगा एक बीई-3पीएम इंजन बूस्टर रॉकेट को शक्ति प्रदान करता है जो कैप्सूल को कार्मन लाइन से ऊपर ले जाने में मदद करता है, जिसके बाद रॉकेट में बैठे यात्री भारहीनता का स्पष्ट अनुभव कर सकेंगे। अंतरिक्ष की छोटी यात्रा के बाद यह वापस धरती पर आ जाएगी।

यह भी बताया गया है कि प्रत्येक अंतरिक्ष यात्री ब्लू ओरिजिन द्वारा स्थापित चैरिटी क्लब फॉर द फ्यूचर के लिए अंतरिक्ष में एक पोस्टकार्ड भी ले जाएगा। बहरहाल, इस मिशन की लॉन्च की तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।

एड ड्वाइट (Ed Dwight) भी इस मिशन का हिस्सा होंगे। साल 1961 में ड्वाइट को तत्कालिन अमेरिकी राष्ट्रपति कैनेडी द्वारा एयरोस्पेस रिसर्च पायलट स्कूल में ट्रेनिंग के लिए चुना गया था। इसका मकसद नासा की एस्ट्रोनॉट टीम तैयार करना था। वह देश के पहले अश्वेत अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुने गए थे। हालांकि, 1963 में कार्यक्रम पूरा करने के बावजूद उन्हें अंतरिक्ष में उड़ान भरने का अवसर नहीं मिला था।

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