नई दिल्ली: Google ने क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने की घोषणा की है। कंपनी ने दरअसल ‘विलो’ (Willow) नाम की अपनी नेक्स्ट जेनरेशन की चिप बना लेने की जानकारी दी है। इस चिप को कैलिफोर्निया के सांता बारबरा के क्वांटम लैब में विकसित किया गया है।
सबसे पहले क्वांटम कंप्यूटिंग को साधारण शब्दों में समझें तो यह सुपर कम्प्यूटर से भी आगे की चीज है। यह कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है जो क्वांटम सिद्धांत के सिद्धांतों का इस्तेमाल करता है। क्वांटम सिद्धांत परमाणु और सबएटॉमिक स्तरों पर ऊर्जा और पदार्थ के व्यवहार की व्याख्या करता है। क्वांटम कंप्यूटिंग में सबएटॉमिक कणों, जैसे इलेक्ट्रॉन या फोटॉन का इस्तेमाल होता है।
बहरहाल, गूगल ने जानकारी दी है कि उसके नए चिप ‘विलो’ से केवल पांच मिनट में गणित के एक बेहद जटिल कैलकुलेशन को किया जा सका। यह एक ऐसा काम था जिसे आज के दौर के सुपर कम्प्यूटर को पूरा करने में 10 सेप्टिलॉन साल यानी उतने वर्ष लगते जो इस ब्रह्मांड इतिहास से भी ज्यादा है।
सुंदर पिचाई ने एक्स पर दी Willow के बारे में जानकारी
अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कंपनी की नई उपलब्धि पर जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, ‘हम विलो पेश कर रहे हैं, हमारी ऐसी नई अत्याधुनिक क्वांटम कंप्यूटिंग चिप जो गलतियों को को तेजी से कम कर सकती है क्योंकि हम इस क्षेत्र में अधिक क्यूबिट का उपयोग करके 30 साल की चुनौती को पार कर रहे हैं। एक बेंचमार्क टेस्ट में विलो ने 5 मिनट से कम समय में एक स्टैंडर्ड कम्प्यूटेशन को हल किया जिसे आज के एक अग्रणी सुपरकंप्यूटर को सॉल्व करने में 10^25 वर्षों से अधिक समय लगेगा। यह ब्रह्मांड की आयु से भी कहीं अधिक है।’
Introducing Willow, our new state-of-the-art quantum computing chip with a breakthrough that can reduce errors exponentially as we scale up using more qubits, cracking a 30-year challenge in the field. In benchmark tests, Willow solved a standard computation in <5 mins that would…
— Sundar Pichai (@sundarpichai) December 9, 2024
क्या है गूगल Willow चिप…7 बड़ी बातें
1. Google ने अपने नए क्वांटम चिप विलो (Willow) के लॉन्च की घोषणा की है। माना जा रहा है कि इससे क्वांटम कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में एक नई क्रांति आ जाएगी।
2. गूगल के मुताबिक इस नई चिप में 105 क्यूबिट्स हैं। क्यूबिट असल में क्वांटम कंप्यूटिंग की तकनीक में सबसे बेसिक इकाई मानी जाती है।
3. गूगल ने विलो के बारे में बताया कि टेस्ट के दौरान इसने पांच मिनट से कम समय में एक ऐसी गणना की, जिसमें आज के सबसे तेज सुपर कंप्यूटरों में से एक को 10 सेप्टिलियन वर्ष (septillion) लगेंगे। यदि आप इतने साल को संख्या में लिखना चाहें, तो यह कुछ ऐसा होगा- 10,000,000,000,000,000,000,000,000। यह संख्या ब्रह्मांड की आयु से भी कहीं अधिक है।
4. विलो सुपरकंडक्टिंग ट्रांसमोन क्यूबिट्स के इस्तेमाल से संचालित होता है। यह क्यूबिट्स दरअसल बेहद छोटे इलेक्ट्रिकल सर्किट होते हैं जो बेहद कम तापमान पर क्वांटम विहेवियर प्रदर्शित करते हैं। इन सर्किटों को क्वांटम अवस्था में कृत्रिम परमाणुओं की तरह कार्य करने की तरह बनाया गया है।
5. इन बेहद नाजुक क्वांटम अवस्थाओं को बनाए रखने के लिए क्यूबिट को जीरो डिग्री से ठीक ऊपर के तापमान पर ठंडा रका जाता है। इससे कंपन और अन्य गड़बड़ियों की आशंका कम रहती है जो क्यूबिट को बाधित कर सकते है और इससे कैलकुलेशन में गलतियां की संभावना भी बढ़ जाती है।
6. गगूल की इस नई क्वांटम कंप्यूटिंग चिप विलो का इस्तेमाल आने वाले दिनों में दवाइयों की खोज में, न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर एनर्जी और कार बैटरी डिजाइन जैसे क्षेत्र में किया जा सकता है।
7. यहां ये भी जानना जरूरी है कि रेगुलर चिप जहां सूचना को प्रोसेस करने के लिए ‘बिट्स’ (0 या 1) का उपयोग करते हैं, वहीं क्वांटम चिप्स ‘क्यूबिट्स’ का उपयोग करते हैं, जो एक ही समय में 0 या 1 या दोनों हो सकते हैं। यही क्षमता क्वांटम चिप्स को पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में जटिल गणनाओं को बहुत तेजी से करने में सक्षम बनाती है।