साल 2020 में जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस से प्रभावित हुई थी, तब उस समय बड़ी-बड़ी कंपनियों के कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम में शिफ्ट हो गए थे। हालांकि अब जब कि कोरोना काल बीत गया है, तब भी कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं।
वे ऑफिस लौटने की इच्छा नहीं रख रहे हैं। फिलहाल अधिकतर कंपनियों ने अपने यहां से वर्क फ्रॉम होम कल्चर खत्म कर दिया है और अपने कर्मचारियों को ऑफिस आने को कह रही है।
इसके बावजूद बहुत से कर्मचारी अब भी वर्क फ्रॉम होम के मूड में हैं और वे इसी व्यवस्था को पसंद कर रहे हैं। इससे निपटने के लिए कंपनियां नई-नई पॉलिसी ला रही हैं।
इन्ही पॉलिसी के तहत कई कंपनियां अपने यहां ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ (Office Peacocking) जैसे ट्रेंड को फालो कर रही है। क्या है यह ट्रेंड और कंपनियों के बीच यह क्यों फेमस हो रही है, आइए जान लेते हैं।
‘ऑफिस पीकॉकिंग’ किसे कहते हैं
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2024 में कई कंपनियां एक नए ट्रेंड ‘ऑफिस पीकॉकिंग’ (Office Peacocking) को फॉलो कर रही हैं। इस ट्रेंड में कंपनियां अपने ऑफिस को एक घर जैसा लुक दे रही है और इसे अधिक आकर्षक और आरामदायक बना रही हैं।
इसके लिए ऑफिस में आरामदायक फर्नीचर जैसे कंफर्टेबल सोफे फिट किए जा रहे हैं, नेचुरल लाइट आने के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं और कई तरह के पौधें भी लगाए जा रहे हैं।
यही नहीं पूरे ऑफिस को सजाया भी जा रहा है और उसमें फैंसी लाइट्स और किचन भी बनाया जा रहा है ताकि वह एक ऑफिस के बजाय एक लाउंज लगे। इसके अलावा इस ट्रेंड में कंपनियां कर्मचारियों के लिए हल्की नींद लेने की भी जगह बना रही है।
उनके ड्रेस पर भी सवाल खड़ा नहीं किया जा रहा है और उन्हें बिना ऑफिस के ड्रेस कोड को फॉलो किए हुए कपड़े पहनने की आजादी दी जा रही है।
कुछ और ट्रेंड भी हो रहे हैं फॉलो
‘ऑफिस पीकॉकिंग’को लेकर कंपनियों का मानना है कि ऑफिस को घर जैसा लुक देने पर कर्मचारी इसे अपने घर की तरह ही समझेंगे और वे वर्क फ्रॉम होम के मोड को खत्म कर ऑफिस आने लगेंगे।
इस ट्रेंड को लेकर कंपनियां काफी उत्साहित है। ऐसे में कई कंपनियां “कॉफी बैजिंग” जैसे ट्रेंड को भी फॉलो कर रही है जिसमें वे कर्मचारियों को कॉफी ब्रेक के लिए ऑफिस बुला रही है। ये वे कर्मचारी है जो ऑफिस में नहीं बल्कि अपने घर से काम कर रहे होते हैं।
कंपनियों के सामने क्या है चुनौतियां
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट में आउल लैब्स के सीईओ फ्रैंक वेइशॉप्ट का जिक्र किया गया है जिन्होंने यह कहा है कि दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां इस ट्रेंड को इसलिए फॉलो कर रही हैं क्योंकि उनके कर्मचारी ऑफिस आकर काम करना नहीं चाह रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं जो रेगुलर ऑफिस आकर काम करने के बजाय हाइब्रिड मॉडल में काम करना पसंद कर रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि वे ऑफिस के साथ कभी-कभी घर से भी काम कर सकते हैं। इसके लिए वे अपने वेतन में कटौती भी करवाने को तैयार हैं।
इकोनॉमिक टाइम्स ने केपीएमजी 2023 सीईओ आउटलुक के हवाले से बताया कि कंपनियों के सीईओ के अनुसार, जो कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम से ऑफिस में शिफ्ट होंगे, उन्हें उनके मन के हिसाब से असाइनमेंट दिया जाएगा और उनके वेतन में भी बढ़ोतरी होगी।
यही नहीं इससे इन कर्मचारियों को प्रमोशन भी मिलने की संभावना काफी अधिक बढ़ सकती है।