Google AI Mode: टेक दिग्गज कंपनी गूगल ने मंगलवार (20 मई) को अपने एक नए फीचर को लॉन्च किया, जिसकी चर्चा इन दिनों जोरों पर है। इसे AI Mode नाम दिया गया है। इसके आने से अब आपके गूगल करने या दूसरे शब्दों में कहें तो गूगल पर सर्च करने के तरीकों में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इसे अभी अमेरिका में लॉन्च किया गया है लेकिन आने वाले समय यह योजना है कि इसकी पूरी दुनिया में शुरुआत की जाए।
संभव है कि यह नया फीचर आने वाले दिनों में ChatGPT और अन्य एआई टूल को सीधे-सीधे टक्कर दे सकता है। आइए समझते हैं कि गूगल का ये नया एआई मोड क्या है और क्यों कहा जा रहा है कि ये इंटरनेट पर सर्च के तरीकों को और बदल देगा।
Google AI Mode क्या है?
आसान भाषा में समझें तो यह गूगल सर्च इंजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का मिश्रण जैसा है। यह गूगल के अपने चैटबॉट क्षमताओं को सर्च इंजन के साथ मिलाकर काम करने जैसा भी है। कंपनी इस पर काफी दिनों से काम कर रही थी।
एआई मोड गूगल के यूजर्स को अधिक जटिल प्रश्न पूछने और इसके सर्च इंजन के साथ चैट करने में सक्षम बनाता है जैसे कि वे किसी विशेषज्ञ से बातचीत कर रहे हों। इस टूल की घोषणा कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में गूगल के वार्षिक डेवलपर्स सम्मेलन में की गई है। गूगल के लिए सीधे तौर पर इसका मकसद अन्य एआई तकनीकी दिग्गज जैसे ओपनएआई के चैटजीपीटी और अन्य से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से निपटना है।
गूगल ने अमेरिका में सभी यूजर्स के लिए इस AI मोड पेश किया है। इसके साथ ही कंपनी ने अपने सर्च इंजन में Gemini 2.5 का कस्टम वर्जन एम्बेड किया है। कंपनी का कहना है कि एआई मोड नियमित गूगल सर्च से अलग है क्योंकि यह यूजर को संबंधि आगे के प्रश्न यानी फॉलो-अप जैसे सवाल पूछने और उनकी क्वेरी से मेल खाने वाली प्रासंगिक कटेंट खोजने की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
इसे ऐसे भी समझिए कि अब अगर आप कुछ सर्च करते हैं तो गूगल केवल लिंक नहीं दिखाएगा बल्कि एक साफ-सुथरे प्रेजेंटेशन की तरह टेबल, तस्वीरें और बातचीत के अंदाज में ज्यादा स्पष्ट और सीधा जवाब भी देगा। एआई मोड में एक विकल्प ये भी है जो इसे जीमेल जैसे अन्य कनेक्टेड गूगल ऐप्स से जानकारी लेने की शक्ति देता है, ताकि यह यूजर की प्राथमिकताओं के बारे में अधिक जान सके।
गूगल के एआई मोड पर विवाद भी शुरू
फर्स्टपोस्ट की एक रिपोर्ट के अनुसार कई समाचार और मीडिया प्रकाशकों ने Google के नए AI मोड पर आपत्ति जताई है और इसे 'चोरी' कहा है। द न्यूज/मीडिया एलायंस, जो अमेरिका में लगभग 2,000 प्रकाशकों का प्रतिनिधित्व करता है, उसने नए AI टूल के लॉन्च की कड़ी निंदा की है।
इसके अध्यक्ष और सीईओ डैनियल कॉफी ने कहा, 'लिंक अभी तक खोज की आखिरी रिडीमिंग क्वालिटी थी जो प्रकाशकों को ट्रैफिक और राजस्व देती थी। अब Google केवल जबरदस्ती कंटेंट लेगा और बिना किसी रिटर्न के उसका इस्तेमाल करेगा, यह चोरी की परिभाषा है।'
इस ग्रुप ने अमेरिकी विनियामकों, खास तौर पर न्याय विभाग (डीओजे) से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। ग्रुप ने ऑनलाइन जानकारी पर Google के प्रभुत्व का उल्लेख किया और कहा कि यह काफी हद तक अनियंत्रित है। साथ ही कहा गया कि नया AI मोड प्रकाशकों और गूगल के बीच पहले से ही कमजोर हो चुके संबंधों को और नुकसान पहुँचाता है। कॉफी ने कहा, 'एक कंपनी द्वारा इंटरनेट पर निरंतर वर्चस्व को रोकने के लिए न्याय विभाग को इस पर ध्यान देना चाहिए।'