DDOS अटैक क्या है जिसने एलन मस्क के साथ डोनाल्ड ट्रंप के इंटरव्यू को किया प्रभावित? बड़ी कंपनियां भी हो चुकी है इसका शिकार

साल 2023 में फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस को वैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा जैसा सोमवार को ट्रंप और मस्क के साक्षात्कार के दौरान उन्हें अनुभव हुआ था।

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What is DDOS attack that affected former usa president Donald Trump interview with X owner Elon Musk Big companies have also become victims

एलन मस्क और अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- IANS)

वॉशिंगटन: एक्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने दावा किया है कि उनके कंपनी के सर्वर पर डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस (डीडीओएस) अटैक हुआ है। मस्क ने दावा किया है कि यह अटैक तब किया गया है जब वे एक्स पर अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू ले रहे थे। उन्होंने यह भी कहा है कि इसके कारण लाइव प्रसारण में दर्शकों की संख्या भी प्रभावित हुई है।

इस सिलसिले में मस्क ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, "ऐसा लग रहा है कि एक्स पर बड़े पैमाने पर डीडीओएस हमला हुआ है। इसे रोकने को लेकर काम चल रहा है।"

इंटरव्यू के दौरान उन्होंने यह भी कहा है कि अगर आगे भी यह हमला जारी रहा तो वे लाइव प्रसारण में कम दर्शकों की संख्या को लेकर आगे बढ़ेंगे और इस बातचीत को लावइ प्रसारण नहीं बल्कि एक पोस्ट के रूप में शेयर करेंगे।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मस्क ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। दावा यह भी है कि मस्क ने ट्रंप के चुनावी कैंपेन के लिए फंडिंग भी की है।

डीडीओएस अटैक की नहीं हुई है पुष्टि

डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाले इंटरव्यू से पहले एक्स ने इस प्लेटफॉर्म को टेस्ट किया था ताकि इंटरव्यू के दौरान किसी किस्म का बाधा न हो। टेस्ट के दौरान एक्स ने सब कुछ सही पाया गया था और उस समय करीब आठ मिलियन (80 लाख) दर्शकों ने लाइव प्रसारण को सुना था।

लेकिन एक्स पर एक काउंटर ने यह दावा है कि जब इंटरव्यू शुरू हुआ और संभावित अटैक के कारण 45 मिनट तक केवल 1.3 मिलियन (13 लाख) दर्शकों ने ही यह प्रसारण देखा है।

हालांकि यह अभी साफ नहीं हुआ है कि डीडीओएस हमला के रूप में यह केवल एक साइबर हमला था या फिर कोई और तकनीकी गड़बड़ी थी। यह भी हो सकता है कि दर्शकों की भारी संख्या में लाइव प्रसारण को देखने के कारण एक्स का सर्वर प्रभावित हुआ होगा।

क्या होता है डीडीओएस अटैक

डीडीओएस अटैक एक तरह का साइबर क्राइम है जहां पर किसी कंपनी या संस्था पर ज्यादा ट्रैफिक भेजकर उसके काम काज को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है।

इस अटैक में किसी टारगेटेड सर्वर या फिर नेटवर्क पर भारी संख्या में इंटरनेट ट्रैफिक भेजकर उसके सामान्य और असली ट्रैफिक में रुकावट डाली जाती है। इस अटैक के कारण प्रभावित सर्वर या फिर नेटवर्क धीरे चलने लगता है या क्रैश हो जाता है।

साइबर सुरक्षा कंपनी नॉर्टन ने डीडीओएस हमलों को एक प्रकार का साइबर हमला बताया है जिसमें किसी कंपनी या संस्था के सर्वर या फिर नेटवर्क के सामान्य तरीके से काम करने को बाधित किया जाता है।

माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट पेज ने भी इस अटैक को इसी तरीके से परिभाषित किया है। इस अटैक के कारण कंपनियों के सामान्य ट्रैफिक में गिरावट, उनके कारोबर खत्म हो सकते हैं और उनकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंच सकता है।

कौन देता है हमले को अंजाम

इस हमले को किसी व्यक्ति या फिर कोई बड़ी हैकिंग ग्रुप द्वारा अंजाम दी जाती है। इस अटैक के पीछे किसी कंपनी या फिर संस्था के संचालन को बाधित करने का उद्देश्य होता है या फिर उनकी साइबर सुरक्षा की कमजोरियों का फायदा उठाने का इरादा शामिल होता है। इसे किसी खास मकसद के लिए किया जाता है।

इन कंपनियों को बनाया जाता है निशाना

कई बार इसे कुछ लोगों या फिर ग्रुप द्वारा मजे के लिए भी किया जाता है। वहीं कई बार इसे अपनी साइबर ताकतों का परिणाम देने के लिए अंजाम दिया जाता है। अटैक से उभरने के लिए कंपनियों को घंटों से लेकर कई दिन भी लग सकते हैं। इस अटैक का शिकार गेमिंग, ई-कॉमर्स और दूरसंचार कंपनियां ज्यादा होती है।

कब हुआ था सबसे पहला हमला

साल 1996 में सबसे पहले डीडीओएस अटैक जैसे साइबर क्राइम की जानकारी मिली थी। उस दौरान सबसे पुराने इंटरनेट सेवा प्रोवाइडर पैनिक्स पर यह अटैक हुआ था। इस कारण उसकी सेवाएं काफी प्रभावित हुई थी।

इसके बाद भी इस तरह के अटैक के छोटी बड़ी खबरे सामने आती रही हैं। लेकिन सबसे बड़ा अटैक साल 2002 में अमेजन पर हुआ था। इस अटैक में अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) को निशाना बनाया था। इससे पहले साल 2018 में डेवेल्पर प्लेटफॉर्म गिटहब्ब पर भी यह अटैक हुआ था।

यूक्रेन पर भी हुआ है यह अटैक

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान उस पर यह हमला हुआ है। इन हमलों से यूक्रेन के जरूरी डेटा और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को कमजोर करने की कोशिश की गई है। यही नहीं इस अटैक को जासूसी गतिविधियों को भी अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया गया है।

इससे पहले भी मस्क के साथ हो चुकी है ऐसे गड़बड़ी

बता दें कि साल 2023 में फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस को वैसी ही स्थिति का सामना करना पड़ा जैसा सोमवार को ट्रंप और मस्क के साक्षात्कार के दौरान उन्हें अनुभव हुआ था।

डेसेंटिस ने एलन मस्क द्वारा आयोजित एक ट्विटर स्पेस कार्यक्रम के साथ रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के नामांकन के लिए अपना अभियान शुरू करने का प्रयास किया था। लेकिन कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण यह इंटरव्यू 25 मिनट देर में शुरू हुआ था। इस कारण दर्शकों की संख्या में कमी देखी गई थी जो केवल पांच लाख थी।

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