एक ऑस्ट्रेलियाई महिला के नाम पर एतराज जता उबर ने उसे बैन कर दिया था। इसकी वजह से वह कंपनी की कोई भी सर्विस इस्तेमाल नहीं कर पा रही थी। घटना पिछले साल अगस्त की है।
महिला ने उबर ईट्स से खाना ऑर्डर किया था, लेकिन पेमेंट नहीं करने में दिक्कत हो रही थी। महिला ने बताया कि पेमेंट के दौरान उसे कथित तौर पर एक एप नोटिफिकेशन आता था। इसमें कहा गया था कि उनका नाम कंपनी के नियमों का “उल्लंघन” कर रहा है, जिस वजह से उन्हें यह ऑर्डर करने से रोका जा रहा है।
घटना के पांच महीने बाद सच सामने आने पर उबर ने महिला से माफी मांगी। कंपनी ने महिला के सब्र की तारीफ भी की। कंपनी ने यह भी कहा है कि वह आगे से इन बातों का ध्यान रखेगी। ऐसे में क्या है यह पूरा मामला और उबर ने महिला को क्यों बैन किया था, आइए इसको विस्तार से जान लेते हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, महिला का नाम ‘स्वास्तिका’ चंद्रा है और उसने जब उबर ईट्स की सर्विस लेने चाही तो कंपनी से उसे रोक दिया था। कंपनी का कहना था कि महिला का पहला नाम ‘स्वास्तिका’ को लेकर उन्हें एतराज है और उबर ईट्स की सर्विस लेने के लिए महिला को उनका पहला नाम बदलना होगा।
उसने अपना नाम बदलने से इंकार कर दिया और कहा कि हालांकि उसका पहला नाम एडॉल्फ हिटलर की नाजी पार्टी से जुड़ा हुआ जैसा लगता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह एडॉल्फ हिटलर और नाजियों को समर्थन करती हैं।
महिला ने बताया कि उसका पहला नाम ‘स्वास्तिका’ है जो संस्कृत भाषा में ‘सौभाग्य’ का प्रतीक है। ऐसे में उसने कहा कि उसे उसके नाम पर गर्व है और वे अपना नाम नहीं बदलेंगी।
‘स्वास्तिका’ नाम को लेकर क्यों कंफ्यूज हुआ उबर
‘स्वास्तिका’ चंद्रा ने बताया कि उबर को इस बात की जानकारी नहीं है कि ‘स्वास्तिका’ शब्द को हजारों साल पहले से हिन्दू इस्तेमाल करते आ रहे है। ऐसे में जब साल 1920 में एडोल्फ हिटलर की नाजी पार्टी ने इस ‘स्वास्तिका’ शब्द को अपनी पार्टी के प्रतीक के रूप में इस्तेमाल किया, और बहुत बड़े नरसंहार, जिसमें 60 करोड़ यहूदियों को मार डाले गये थे, तो इसको लेकर काफी विरोध हुआ।
तब से पूरी दुनिया में इस शब्द ‘स्वास्तिका’ को लेकर एक तरह का नफरत का भाव पैदा हो गया। यही कारण है कि उबर ने भी कंपनी के नियमों में इस शब्द को बैन कर रखा है, जिस कारण ‘स्वास्तिका’ चंद्रा को भी परेशानी हुई है।
उबर ने ‘स्वास्तिका’ चंद्रा के नाम को एडॉल्फ हिटलर की नाजी पार्टी के साथ जोड़ कर देखा था, जिस कारण उन्हें कंपनी के सर्विस को इस्तेमाल करने से रोका गया था।
उबर ने मानी अपनी गलती
घटना के पांच महीने बाद उबर ने महिला से माफी मांगी है और उनके अकाउंट को बहाल कर दिया। कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि हम यह समझते हैं कि एक नाम को कई अलग-अलग संस्कृतियों और अन्य देशों द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। यही कारण है कि कंपनी अब हर ऐसे केस को एक-एक करके डील कर रही है।
उबर ने यह भी कहा कि हम श्रीमती चंद्रा के धैर्य की सराहना करते हैं कि उन्होंने इतने दिनों तक कंपनी के जांच में सहयोग दिया और उबर द्वारा उन्हें बैन करने के बावजूद वे इतने महीनों तक कंपनी के साथ जुड़ी रहीं।