नई दिल्ली: उबर को अपने नए 'एडवांस टिप' फीचर को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस फीचर को लेकर यूजर्स का आरोप है कि राइड-हेलिंग कंपनी जल्दी राइड बुक करने की आड़ में अपने ग्राहकों को अतिरिक्त पैसे देने को मजबूर करती है।

इसी कड़ी में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की ओर से उबर को इस मुद्दे पर एक औपचारिक नोटिस भेजा गया है।

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भी इस कदम की आलोचना की और इसे अनैतिक और शोषणकारी बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि इस तरह की सुविधा अनुचित व्यापार प्रथाओं के अंतर्गत आती है और उन्होंने इसकी पूरी जांच के आदेश दिए हैं।

क्या है एडवांस टिप फीचर

इस फीचर के तहत, उबर ऐप यूजर्स से राइड बुक करते समय 50 रुपए, 75 रुपए या 100 रुपए की टिप जोड़ने के लिए कहता है। ऐप यूजर्स को बताता है कि टिप जोड़ने से ड्राइवर के ट्रिप एक्सेप्ट करने की संभावना बढ़ सकती है।

इसमें यह भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक बार टिप जोड़ने के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है और यह सुनिश्चित करता है कि पूरी टिप ड्राइवर को जाए। कई लोग उबर के इस फीचर से खुश नहीं हैं। लोगों ने इसकी तुलना वेटर को सेवा देने से पहले ही पैसे देने से की है।

एक यूजर ने लिखा कि ड्राइवर अब नियमित किराए पर सवारी स्वीकार करने से इनकार कर रहे हैं और ग्राहकों को केवल पिक-अप के लिए 100 रुपए से ज्यादा की टिप देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। एक दूसरे यूजर ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की कि उबर चाहता है कि कस्टमर एक्स्ट्रा पे करें ताकि राइड रिक्वेस्ट को कोई तो स्वीकार कर ले। 'बहुत बढ़िया कदम।'

कई यूजर्स ने बताया कि टिप किसी को अच्छी सेवा के बाद धन्यवाद देने का एक तरीका होना चाहिए, न कि सेवा प्राप्त करने के लिए भी एडवांस पे किया जाना चाहिए। एक यूजर ने बताया कि उन्हें हाल ही में उबर का उपयोग करना पड़ा और वे यह देखकर चौंक गए कि ड्राइवर आने से पहले ही टिप मांग रहे थे।

'एडवांस टिप रिश्वत की तरह'

एक दूसरे यूजर ने इस सुविधा को 'बुरा व्यवहार' बताया और कहा कि ऐसा लगता है, जैसे किसी रेस्तरां में सेवा पाने के लिए वेटर को पैसे देने के लिए मजबूर किया जा रहा हो। कुछ लोगों ने इसे रिश्वत का एक रूप भी कहा। उन्होंने कहा कि यह टिप नहीं है, उबर अब यूजर्स से सिर्फ समय पर पिक-अप पाने के लिए ड्राइवरों को रिश्वत देता है।

यह पहली बार नहीं है, जब उबर को उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के साथ परेशानी का सामना करना पड़ा है। इससे पहले जनवरी में सीसीपीए ने उबर और ओला दोनों को नोटिस भेजा था, जिसमें शिकायत की गई थी कि वे ग्राहकों द्वारा एंड्रॉयड या आईफोन डिवाइस का उपयोग किए जाने के आधार पर अलग-अलग किराया वसूल रहे हैं।