बेरूत: लेबनान में एक साथ हजारों पेजरों के फटने से अब तक नौ लोगों की जान चली गई है और करीब 2,750 से अधिक लोग घायल भी हुए हैं। दावा है कि इस हमले में ईरान समर्थित आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के सदस्यों को निशाना बनाया गया है।
यह हमला काफी बड़े पैमने पर हुआ है जिसमें हिजबुल्लाह के कई इकाइयां और संस्थाएं प्रभावित हुए हैं। हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि यह धमाके किन कारणों से हुए हैं।
शुरुआती जांच में यह खुलासा हुआ है कि ऐसा हो सकता है कि यह धमाका पेजर के हार्डवेयर के साथ छेड़छाड़ की गई होगी। इसके आलावा यह भी दावा है कि संभावित साइबर हमलों के कारण पेजर की बैटरी गर्म हो गई होगी जिससे यह धमाका हुआ होगा।
इस तरह की घटनाओं ने फोन के इस्तेमाल को लेकर लोगों की चिंताओं को बढ़ा दिया है जिसमें पेजर की तरह ही लिथियम-आयन बैटरियों का इस्तेमाल होता है।
लेबनान घटना पर जानकारों का क्या कहना है
जानकारों की अगर माने तो लेबनान में पेजरों के साथ छेड़छाड़ किया गया है जिससे इतने बड़े पैमाने पर धमाके हुए है।
कई और रिपोर्ट में भी यह दावा किया गया है कि लेबनान में हिजबुल्लाह को पेजर आपूर्ति से पहले उसके साथ छेड़छाड़ की गई है और उसमें करीब तीन ग्राम तक विस्फोटक लगाए गए थे।
रिपोर्ट में दावा है कि विस्फोटक को एक कोड के जरिए अनलॉक किया गया था जिसके बाद यह धमाका हुआ था।
कितना सुरक्षित है स्मार्टफोन?
एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरीके के धमाके लेबनान में पेजर इस्तेमाल करने वालों के साथ हुए हैं, उस तरह के विस्फोट स्मार्टफोन में होने की संभवान काफी कम है।
हालांकि बनावट और अन्य बाहरी गड़बड़ी के कारण स्मार्टफोन की बैटरियों में विस्फोट हो सकता है लेकिन यह विस्फोट इतना बड़ा नहीं होगा कि इससे लोगों की जान चली जाएगी।
जानकारों के अनुसार, जब तक स्मार्टफोन या फिर उनकी बैटरियों के साथ छेड़छाड़ न की गई हो तब तक इतने बड़े धमाके की संभावना बहुत ही कम है।
पेजर में कैसे हुआ होगा विस्फोट
ब्रिटिश सेना के एक पूर्व बम निरोधक अधिकारी ने बताया कि पेजर जैसे डिवाइस में विस्फोट होने के लिए जिन पांच चीजों की जरूरत होती है उसमें से तीन चीजें उसमें पहले से ही मौजूद होती है।
अधिकारी का कहना है कि पेजरों में लेबनान जैसे धमाके करने के लिए उसमें विस्फोटों को ट्रिगर करने के लिए एक डेटोनेटर और एक चार्ज जैसे दो और चीजों को जोड़ा गया होगा। इसके बाद एक कोड के जरिए इन विस्फोटकों को ब्लास्ट होने का सिग्नल दिया गया होगा।
जानकारों ने कहा है कि लेबनान के पेजरों में कोई साइबर हमला नहीं हुआ है। उनका दावा है कि इसके डिवाइस में छेड़छाड़ की गई है।
एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह की घटना असामान्य है और लिथियम बैटरी में आग लगने या फिर विस्फोट होने का खतरा तो हो सकता है लेकिन छेड़छाड़ के बिना पेजरों में विस्फोट जैसी घटना घटने की संभावना काफी कम है।
इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट में आग लगने की घटनाएं
दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन बनाने वाली कंपनियों में से एक सैमसंग ने साल 2016 में अपने गैलेक्सी नोट सात के फोन सेट की बैटरी में समस्या पाई थी। कंपनी के इस मॉडल वाले फोन में आग लगने की भी घटनाएं सामने आई थी। कुछ केस में इसके बैटरी में धमाके भी हुए थे।
हालांकि इन घटनाओं में किसी की जान नहीं गई थी। इसके बाद कंपनी ने इस मॉडल के कई फोन सेट को वापस मंगवा भी लिया था।
होवरबोर्ड में भी आई थी ऐसी ही शिकायतें
उसी साल होवरबोर्ड बनाने वाली एक कंपनी ने अमेरिकी उपभोक्ता उत्पाद सुरक्षा आयोग की चेतावनी के बाद करीब पांच लाख होवरबोर्ड को वापस मंगवा लिया था। दावा था कि इन होवरबोर्ड में आग लगने या फिर विस्फोट होने का खतरा था।
जानकार कहते हैं कि अगर स्मार्टफोम को सही से इस्तेमाल किया जाए तो इससे होने वाली घटनाओं को हम रोक सकते हैं।
स्मार्टफोन यूजर इन बातों का रखें ध्यान
जानकारों का कहना है कि बनावट में गड़बड़ी, फोन या फिर बैटरी के ज्यादा गर्म होने से और उसके पार्ट के नुकसान होने से फोन में आग लगने या फिर उसमें धमाके की घटनाएं सामने आती हैं।
एक्सपर्ट का कहना है को लोग अगर कुछ सावधानियां बरत लेगें तो वे इस तरह की घटनाओं को रोक सकते हैं। उनके अनुसार, जिस कंपनी का फोन है उसकी कंपनी का असली चार्जर इस्तेमाल करना चाहिए, फोन को अत्यधिक तापमान के संपर्क से दूर रखना चाहिए, बैटरी के स्वास्थ्य की निगरानी और खराब बैटरी को असली बैटरी के साथ बदलनी चाहिए।