भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में अपना विस्तार करने के संबंध में टाटा इलेक्ट्रानिक्स को बड़ी सफलता मिली है। टाटा कंपनी ने चेन्नई स्थित पेगाट्रॉन टेक्नालॉजी इंडिया कंपनी में 60 प्रतिशत की हिस्सेदारी ले ली है। इसी के साथ कंपनी ने आईफोन के दूसरे प्लांट की हिस्सेदारी ली है। इसी के साथ यह अधिग्रहण इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में टाटा की मजबूती को दर्शाता है।
पेगाट्रॉन टेक्नालॉजी ताइवान की पेट्रागन कोर्पोरेशन की सहायक कंपनी है। यह कंपनी एप्पल जैसी ग्लोबल कंपनियों के लिए इलेक्ट्रानिक सामान बनाती है। कंपनी में बडे़ हिस्से के अधिग्रहण के बाद टाटा इलेक्ट्रानिक्स आईफोन के निर्माण और सप्लाई में बड़ी भूमिका में आ गई है। कंपनी एप्पल के दूसरे इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्स भी बनाएगी जिससे बिजनेस में नई संभावनाएं दिख रही हैं।
हालांकि, अभी तक इस सौदे के वित्तीय विवरण के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है लेकिन टाटा का यह कदम इलेक्ट्रानिक सेक्टर में उसकी बढ़ते प्रभाव को दिखाता है। टाटा का लक्ष्य भारत में एआई, डिजिटल और प्रौद्योगिकी के निर्माण में अपनी भागीदारी बढ़ानी है।
कंपनी को अपने दृष्टिकोण के अनुरूप, घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता वाली विनिर्माण सेवाएं प्रदान करने के लिए इस नए अधिग्रहण का लाभ उठाना है। टाटा इलेक्ट्रानिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ रणधीर ठाकुर के अनुसार, कंपनी के लिए यह अधिग्रहण विनिर्माण क्षेत्र में एक नवाचार के एक नए युग की शुरुआत होगी।
रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे
रोजगार सृजन टाटा कंपनी के लिए एक मुख्य बिंदु रहा है। ऐसे में इस अधिग्रहण के बाद कंपनी के विस्तार से रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। इससे पहले टाटा ने अपनी योजनाओं के तहत 91,000 करोड़ के निवेश के साथ गुजरात के धोलेरा में भारत की पहली सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधा स्थापित कर रही है।
इसके अलावा कंपनी के असम में सेमीकंडक्टर की असेंबलिंग और परीक्षण के लिए 27,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की है। कंपनी की इन पहलों से आने वाले वर्षों में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे।