भारत में एआई पर खर्च में 2028 तक होगा 35 प्रतिशत का इजाफा: रिपोर्ट

इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन द्वारा जारी नए रिसर्च पेपर पर तैयार की गई क्यूलिक की रिपोर्ट में बताया गया कि बढ़ता हुआ खर्च एआई की क्षमता को बेहतर करने की आवश्यकता को दिखाता है।

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Photograph: (IANS)

नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर खर्च भारत में 2028 तक 35 प्रतिशत बढ़कर 9.2 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई।  

इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (आईडीसी) द्वारा जारी नए रिसर्च पेपर पर तैयार की गई क्यूलिक की रिपोर्ट में बताया गया कि बढ़ता हुआ खर्च एआई की क्षमता को अधिकतम करने के लिए बेहतर डेटा गुणवत्ता, प्रशासन और क्लाउड माइग्रेशन की आवश्यकता को दिखाता है।

रिपोर्ट में बताया गया कि 51 प्रतिशत भारतीय कंपनियां क्लाउड पर एआई सॉल्यूशंस होस्ट कर रही हैं। हालांकि, खराब गुणवत्ता एक चुनौती बनी हुई है।

रिपोर्ट में बताया गया कि गुणवत्तापूर्ण डेटा एक बड़ी समस्या बनी हुई है। भारत में 54 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में 40 प्रतिशत और आसियान में 40 प्रतिशत और एपीएसी में 50.4 प्रतिशत कंपनियां, इसे चुनौती मानती हैं।

डेटा गवर्नेंस और प्राइवेसी पॉलिसी में सुधार की जरूरत

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि 62 प्रतिशत भारतीय संस्थाओं ने डेटा गवर्नेंस और प्राइवेसी पॉलिसी में सुधार की आवश्यकता को पहचाना है, जबकि 28 प्रतिशत एआई डेटा पूर्वाग्रह की चुनौती जूझ रही थी।

इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारतीय कंपनियां एआई-तैयार डेटा रणनीतियों को स्थापित करने के लिए डेटा एकीकरण, एमएल प्लेटफॉर्म और एनालिटिक्स में निवेश कर रही हैं।

क्यूलिक के भारत वाइस प्रेसिडेंट वरुण बब्बर ने कहा, "भारतीय संस्थाएं क्लाउड को अपनाने को एआई की सफलता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानती हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि एआई आधारित इनोवेशन को बढ़ाने के लिए, व्यवसायों को एक मजबूत, स्केलेबल डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होगी जो हाई-परफॉर्मेंस एआई एप्लीकेशंस का सपोर्ट करता हो।

आईडीसी एशिया/पैसिफिक की बिग डेटा एनालिटिक्स, ब्लॉकचेन और वेब3 रिसर्च की एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट दीपिका गिरी ने कहा, "जेनएआई भारत में उद्योगों को बदल रहा है। खुदरा क्षेत्र में अनुपालन से लेकर वित्त में धोखाधड़ी की रोकथाम और मैन्युफैक्चरिंग में पूर्वानुमानित रखरखाव तक में इसका उपयोग किया जा रहा है।"

उन्होंने आगे कहा कि इसकी पूरी क्षमता को अनलॉक करने के लिए, संस्थाओं को विश्वसनीय डेटा, मजबूत प्रशासन और इन्फ्रास्ट्रक्चर को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिससे एआई को प्रभावी और जिम्मेदारी से बढ़ाया जा सके।

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