नई दिल्ली: स्पेस मिशन के क्षेत्र में भारत एक और सफलता हासिल करने के करीब है। भारत के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला Axiom-4 मिशन (Ax-4) के तहत 8 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना होंगे। Axiom Space ने देर रात नई तारीख को लेकर किए गए पोस्ट में ये ऐलान किया। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी इस संबंध में अपडेट किया है।

दरअसल, इससे पहले इस मिशन की लॉन्चिंग 29 मई को होनी थी। हालांकि अब इसके शेड्यूल में बदलाव किया गया है। स्पेसएक्स का Falcon 9 रॉकेट फ्लोरिडा में NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से उड़ान भरेगा और Ax-4 क्रू को Dragon स्पेसक्राफ्ट में ISS तक ले जाएगा। यह लॉन्च भारतीय समय के अनुसार शाम 6:40 बजे होगा।

राकेश शर्मा के बाद स्पेस में जाने वाले पहले भारतीय

इस मिशन में चार देशों के चार एस्ट्रोनॉट 14 दिन के लिए स्पेस स्टेशन जाने वाले हैं। नासा और इसरो के बीच समझौते के तहत शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए चुना गया है। आने वाले दिनों में भारत के अपने पहले मानव स्पेस मिशन 'गगनयान' के लिहाज से भी शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा का अनुभव बेहद काम आएगा।

दिलचस्प बात ये भी है कि शुक्ला और इस मिशन में उनके बाकी क्रू मेंबर उसी लॉन्च पैड से अंतरिक्ष में जाएंगे, जहां से नील आर्मस्ट्रांग गए थे और चांद पर कदम रखा था। साथ ही शुक्ला का ISS तक का सफर राकेश शर्मा के 1984 में रूस के सोयुज स्पेसक्राफ्ट में की गई ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान के चार दशक बाद हो रहा है।

क्या है Ax-4 मिशन?

शुक्ला के अलावा, Ax-4 क्रू में पोलैंड और हंगरी के सदस्य भी शामिल हैं, जो दोनों देशों का ISS के लिए पहला मिशन है। इस मिशन के तहत शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में सात प्रयोग करेंगे, जिनका मकसद भारत में माइक्रोग्रैविटी रिसर्च को बढ़ावा देना है। इस अभियान में शुभांशु शुक्ला बतौर मिशन पायलट शामिल हो रहे हैं। पोलैंड, हंगरी और भारत के अलावा अमेरिका की पैगी व्हिटसन भी इस मिशन का हिस्सा होंगी।

माइक्रोग्रैविटी रिसर्च वह वैज्ञानिक अध्ययन है जो अंतरिक्ष में कम गुरुत्वाकर्षण (माइक्रोग्रैविटी) की स्थिति में किया जाता है। पृथ्वी पर हम सामान्य गुरुत्वाकर्षण का अनुभव करते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में (जैस- ISS) गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव बहुत कम होता है, जिसे माइक्रोग्रैविटी कहते हैं। 

गौरतलब है कि भारत 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने और 2047 तक चांद पर अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना भी बना रहा है।

Ax-4 क्रू 14 दिन तक अंतरिक्ष में बिताएंगे। NASA ने इससे पहले तीन निजी अंतरिक्ष यात्री मिशनों को ISS के लिए संचालित किया है। Axiom Mission 1 (Ax-1) अप्रैल 2022 में हुआ, जो 17 दिन तक चला। Axiom Mission 2 (Ax-2) मई 2023 में हुआ, जिसमें चार निजी अंतरिक्ष यात्रियों ने आठ दिन स्पेस में गुजारे। सबसे हालिया मिशन, Axiom Mission 3 (Ax-3), जनवरी 2024 में लॉन्च हुआ, जिसमें क्रू ने ISS पर 18 दिन बिताए।

शुभांशु शुक्ला के बारे में जानिए

शुभांशु शुक्ला वर्तमान में भारतीय वायु सेना में एक अधिकारी के रूप में सेवारत हैं। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ के हैं। वे जून 2006 में भारतीय वायु सेना में एक फाइटर पायलट के तौर पर शामिल हुए। 12वीं के बाद वे नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) के लिए चुन लिए गए थे और फिर यहीं से उन्होंने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की।

शुंभाशु शुक्ला के पास Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, और एएन-32 सहित विभिन्न विमानों में 2,000 घंटे की उड़ान का प्रभावशाली अनुभव है।

स्पेस विज्ञान में भारत के तेजी से बढ़ते कदम

भारत इन दिनों अपनी पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान योजना- गगनयान मिशन की तैयारी में जुटा हुआ है। शुभांशु शुक्ला को इस मिशन के लिए एक प्रमुख अंतरिक्ष यात्री के रूप में चुना गया है। ऐसे में ISS पर उनका 14 दिन बिताना आने वाले मिशन की चुनौतियों के लिए जरूरी अनुभव दिलाएगा।

भारत के गगनयान मिशन का लक्ष्य तीन सदस्यों के क्रू को 400 किमी की निचली पृथ्वी कक्षा में तीन दिन के लिए भेजना है। इस महत्वाकांक्षी मिशन के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने NASA और Axiom Space के साथ साझेदारी की है। ISRO ने इसी के तहत Axiom Mission 4 में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री के लिए सीट आरक्षित की है।