'गॉड पार्टिकल' खोजने वाले पीटर हिग्स का निधन

पीटर हिग्स एक शानदार शिक्षक, मार्गदर्शक एवं युवाओं को प्रेरणा देने वाले वैज्ञानिक थे।

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Physicist Peter Higgs, Nobel Prize for Physics 2013

Photo Credit: Bengt Nyman - Flickr: IMG_7469

एडिनबरा: नोबेल पुरस्कार विजेता भौतिकविद पीटर हिग्स का सोमवार को 94 वर्षी की उम्र में स्कॉटलैंड में निधन हो गया। पीटर हिग्स एवं उनके साथ फ्रांक्वा एलगार्ट ( Francois Englert) ने 1960 के दशक में हिग्स-बोसान कण की अवधारणा प्रस्तुत की थी जिसे गॉड पार्टिकल भी कहा गया। इस गॉड पार्टिकल के प्रायोगिक प्रमाण मिलने के बाद पीटर हिग्स को संयुक्त रूप से भौतिकी का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

पीटर हिग्स करीब पाँच दशक तक स्कॉटलैंड के एडिनबरा विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के प्रोफेसर रहे थे। एडिनबरा विश्वविद्यालय ने उनकी मृत्यु की पुष्टि करते हुए एक बयान जारी किया और कहा, "उनका सोमवार 8 अप्रैल को शांतिपूर्वक निधन हो गया। वह थोड़े समय के लिए बीमार रहे थे।...वह एक महान शिक्षक, पथप्रदर्शक और युवाओं के प्रेरित करने वाले वैज्ञानिक थे।"

पीटर हिग्स एवं फ्रांक्वा को द्रव्यमान विसर्जित करने वाले कण 'हिग्स बोसान' (Higgs Boson Particle) की खोज करने के लिए वर्ष 2013 में संयुक्त रूप से भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसे कण को गॉड पार्टिकल (God Particle) भी कहा जाता है। पीटर हिग्स एवं फ्रांक्वा ने वर्ष 1964 में हिग्स बोसान कण की परिकल्पना प्रस्तुत की थी। हिग्स बोसान कण ब्राह्मण्ड में द्रव्यमान की उपस्थिति को स्षष्ट करता है।

यूरोप के परमाणु शोध संस्थान (CERN) में लार्ज हाडरॉन कोलाइडर में किए गए परीक्षण में हिग्स बोसान कण होने की पुष्टि के बाद ही वर्ष 2013 में वैज्ञानिक द्वय को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार एडिनबरा विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर पीटर मैथीसन ने हिग्स के निधन पर कहा, "पीटर हिग्स एक शानदार व्यक्ति थे, दिव्य प्रतीभा सम्पन्न वैज्ञानिक थे जिनकी विचार एवं कल्पना ने हमारे आसपास की दुनिया के बारे में हमारे ज्ञान को बेहद समृद्ध किया।"

पीटर हिग्स का जन्म 29 मई 1929 को इंग्लैंड के एक कस्बे एल्सविक में हुआ था। उनके पिता वेयर हिग्स ब्रिटिश ब्राडकॉस्टिंग कार्पोरेशन (BBC) के लिए काम करते थे। पीटर हिग्स ने कोथम ग्राम स्कूल में स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। क्वांटम भौतिकी के संस्थापकों में एक प्रसिद्ध भौतिकविद पॉल डिराक भी इसी स्कूल के छात्र रहे थे। डिराक की प्रसिद्धि ने हिग्स को भौतिकी में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया था।

पीटर हिग्स ने लंदन के किंग कॉलेज से स्नातक किया और विश्वविद्यालय से आण्विक कंपन विषय से जुड़े टॉपिक पर पीएचडी की। इंपीरियल कॉलेज लंदन और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में कुछ समय तक शिक्षक के तौर पर सेवा देने के बाद 1960 में पीटर हिग्स एडिनबरा विश्वविद्यालय में बतौर शिक्षक नियुक्त हुए और वहीं से 1996 में सेवानिवृत्त हुए। उसके बाद पीटर हिग्स प्रोफेसर एमेरिटस (आजीवन) का दर्जा दिया गया।

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