ओटीपी के जरिए होने वाली ठगी पर अब लगेगी लगाम, इस खास योजना पर काम कर रही सरकार

एडिट
'Pig butchering' becomes a new method of cyber fraud

'पिग बुचरिंग' बना साइबर ठगी का नया तरीका (Photo- IANS)

ऑनलाइन और डिजिटल बैंकिंग के आज के दौर में ओटीपी फ्रॉड एक नई चुनौती बन गई है। इससे निपटने के लिए भारत सरकार का गृह मंत्रालय, एसबीआई कार्ड्स एंड पेमेंट सर्विसेस लिमिटेड (एसबीआई कार्ड) और टेलीकॉम ऑपरेटर्स साथ मिलकर एक योजना पर काम कर रहे हैं। इसके तहत ऐसी योजना तैयार करना लक्ष्य है जिससे चुराई गई या धोखे से हासिल की गई ओटीपी को लेकर ग्राहकों को अलर्ट किया जा सके।

दरअसल, सरकार एक ऐसे खास समाधान का मूल्यांकन कर रही जिसके तहत ग्राहक के पंजीकृत पते, उसके सिम की जियोलोकेशन और ओटीपी किस जगह पर मंगाया गया है, इसका बैंक मिलान कर सकेंगे। अगर दो लोकेशन में अंतर नजर आता है, तो ग्राहक को संभावित ठगी से संबंधित सूचना भेजी जा सकेगी। यह सिस्टम अभी परीक्षण के चरण में है। इस योजना के तहत लक्ष्य है कि इसके लिए टेलिकॉम के डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाए ताकि ग्राहक का जियोलोकेशन ठीक-ठीक ट्रैक हो सके और ओटीपी सही लोकेशन पर भेजा जाए।

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुख्य रूप से डिजिटल भुगतान में ठगी को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा की वकालत की थी और कई तरीके निकाले भी गए हैं। हालाँकि, समय के साथ ठगी करने वालों ने कई नए रास्ते भी निकाल लिए। इसके तहत कई बार ठग ग्राहकों को धोखे में लेकर उनसे ओटीपी हासिल कर लेते हैं तो कई बार साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से ओटीपी को अपने डिवाइस पर रीडायरेक्ट करने की भी क्षमता उन्होंने विकसित कर ली है।

बहरहाल, टेस्टिंग दौर से गुजर रही योजना से इसे रोकने के रास्ते निकाले जाने की संभावना है। यदि ओटीपी के डिलीवरी लोकेशन में अगर अंतर आता है तो दो कदम उठाए जा सकते हैं। पहला रास्ता ये है कि या तो ग्राहक के डिवाइस पर अलर्ट दिया जाए या फिर दूसरा तरीका ये भी है कि ऐसी स्थिति में ओटीपी को पूरी तरह से ब्लॉक किया जाए। अभी ठगी के इस समस्या के समाधान को लेकर दूरसंचार कंपनियों के साथ पूरी प्रकिया को और विकसित किया जा रहा हैं। दूरसंचार कंपनियां इसमें अहम रोल निभा सकती हैं क्योंकि इनकी मदद से तत्काल सिम के लोकेशन और ओटीपी डिलीवरी के स्थान को सत्यापित किया जा सकता है। बैंकों के पास भी ग्राहकों के आवास का अपना डेटा होता है, इसलिए यह भी अहम होगा।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एक बैंकर ने उदाहरण देते हुए बताया, 'मान लीजिए ग्राहक बेंगलुरु में रहता है और ओटीपी उत्तर प्रदेश में किसी ऐसे स्थान पर डिलीवर हो रहा है जहां वह व्यक्ति कभी नहीं गया है, या जहां उस व्यक्ति ने हाल में कोई कॉल ही नहीं किया है, या उस स्थान की यात्रा नहीं की है, तो ऐसे में यह रेड अलर्ट है।'

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article