नई दिल्लीः भारत के सबसे अमीर व्यक्ति और रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी द्वारा समर्थित नोएडा स्थित एडवर्ब टेक्नोलॉजीज ने 2025 तक उन्नत ह्यूमनॉइड रोबोट लॉन्च करने का ऐलान किया है। यह कदम उभरते हुए ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स बाजार में एलन मस्क की टेस्ला के साथ सीधे मुकाबले का संकेत देता है।
कंपनी ऐसे एआई-सक्षम ह्यूमनॉइड विकसित करेगी, जो फैशन, रिटेल और ऊर्जा जैसे उद्योगों में जटिल कार्य कर सकेंगे। यह कदम भारत के लिए वैश्विक ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स दौड़ में प्रवेश का प्रतीक है, जहां फिलहाल टेस्ला, बोस्टन डायनेमिक्स और एजिलिटी रोबोटिक्स जैसी कंपनियों का दबदबा है।
एडवर्ब के सह-संस्थापक और सीईओ संगीत कुमार ने कहा, “हमारा उद्देश्य ‘3D’ नौकरियों को खत्म करने की हमारी महत्वाकांक्षा से प्रेरित है – जो सुस्त, गंदे और खतरनाक हैं।” लायंस इंडस्ट्रीज के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी का लाभ उठाते हुए, एडवर्ब इन रोबोट्स के निर्माण में जियो की एआई तकनीक और 5जी सेवाओं का इस्तेमाल करेगा।
ह्यूमनॉइड रोबोट क्या हैं?
ह्यूमनॉइड रोबोट वे रोबोट हैं जो दिखने और काम करने में इंसानों की तरह होते हैं। इन्हें आमतौर पर मानव के वास्तविक हाव-भाव, बातचीत और हरकतों की नकल करने के लिए डिजाइन किया जाता है। ये रोबोट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) मॉडल का उपयोग करके देख, समझ, योजना बना और स्वत: जटिल कार्यों को विभिन्न परिस्थितियों में अंजाम दे सकते हैं। इन्हें उन्नत एक्ट्यूएटर्स, सेंसर और ऑन-रोबोट कंप्यूटिंग सिस्टम्स के साथ डिजाइन किया होता है, जो इन्हें मानव जैसी निपुणता के साथ हरकत करने और बातचीत करने में सक्षम बनाते हैं।
एडवर्ब ह्यूमनॉइड रोबोट्स की खासियतें?
एडवर्ब के ह्यूमनॉइड रोबोट अत्याधुनिक जीपीयू तकनीक, ऊर्जा-कुशल एक्ट्यूएटर्स और ड्यूल-आर्म क्षमताओं से लैस होंगे। ये विभिन्न प्रकार के इलाकों पर चलने और जटिल कार्य करने में सक्षम होंगे। इनके साथ विजुअल और लैंग्वेज एक्शन (VLA) तकनीक भी होगी, जिससे ये गतिशील वातावरण में स्वायत्त रूप से काम कर सकेंगे।
कीमत और अंतरराष्ट्रीय मुकाबला
जहां टेस्ला के ऑप्टिमस रोबोट्स की कीमत 20,000 से 25,000 अमेरिकी डॉलर के बीच रहने की उम्मीद है, एडवर्ब के संगीत कुमार ने माना कि ह्यूमनॉइड विकसित करने में भारी लागत आती है। हालांकि, उन्होंने चीन जैसी प्रतिस्पर्धी बाजारों के साथ टक्कर लेने का विश्वास जताया, जहां रोबोटिक्स को सरकारी सब्सिडी का समर्थन मिलता है।
‘मेक इन इंडिया’ के तहत भारत को बढ़ावा
रिलायंस, एचयूएल और पेप्सिको जैसे प्रमुख ग्राहकों को सेवाएं देने वाली एडवर्ब भारत में अपने सफल वेयरहाउस ऑटोमेशन मॉडल की तरह, एक मजबूत ह्यूमनॉइड रोबोटिक्स इकोसिस्टम तैयार करना चाहती है। यह पहल “मेक इन इंडिया” दृष्टिकोण के तहत भारत में ह्यूमनॉइड रोबोट घनत्व बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर इस तकनीक को अपनाने को प्रोत्साहित करेगी।
विश्व रोबोट सम्मेलन में ह्यूमनॉइड रोबोट की दिखी थी झलक
इसी साल अगस्त में चीन के पेइचिंग में विश्व रोबोट सम्मेलन आयोजित किया गया था। जहां दुनिया का पहला शुद्ध इलेक्ट्रिक ड्राइव वाला पूर्ण आकार का ह्यूमनॉइड रोबोट प्रस्तुत किया गया था जो एंथ्रोपोमोर्फिक रनिंग कर सकता है।
बताया जाता है कि इस रोबोट का नाम थ्येनकोंग है, जिसकी ऊंचाई 173 सेमी है और वजन 60 किलोग्राम है। वह छह किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है और वॉइस कमांड को सटीक रूप से समझकर जटिल क्रियाओं को पूरा कर सकता है।
थ्येनकोंग नामक रोबोट सुरक्षा गश्ती कर सकता है और केशियर के रूप में ग्राहकों को भुगतान करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह रोबोट मानव शरीर की गतिविधियों का जीवंत अनुकरण कर सकता है, जैसा कि नाचना, झुकना, नमस्ते कहना और चीजों को पकड़ना।