'मेटा और चीन में सांठगांठ', कंपनी की पूर्व अधिकारी ने मार्क जुकरबर्ग को लेकर क्या सनसनीखेज दावा किया है?

दावा किया गया है कि मेटा ने चीन में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया। अमेरिकी यूजर के डेटा भी चीनी सरकार से साझा किए गए।

Meta Mark Zuckerberg

मार्क जुकरबर्ग Photograph: (आईएएनएस)

न्यूयॉर्क: मेटा की एक पूर्व कार्यकारी सारा व्यान-विलियम्स (Sarah Wynn-Williams) एक व्हिसलब्लोअर के रूप में सामने आते हुए मार्क जुकरबर्ग की कंपनी की नीतियों पर सनसनीखेज खुलासे किए है। सारा ने दावा किया है कि मेटा (Meta) ने चीन में अपनी एक मजबूत व्यावसायिक उपस्थिति स्थापित करने के लिए अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया। सारा ने यह भी दावा किया है कि चीन की एआई डीपीसीक (DeepSeek) की मदद के लिए मेटा के एआई मॉडल लामा (Llama) का इस्तेमाल किया गया।

सारा के अनुसार मेटा के अधिकारियों ने ऐसे निर्णय भी लिए जिससे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकियों सहित अन्य यूजर के डेटा तक पहुंच की अनुमति मिल गई। सारा की ओर से यह गवाही सीनेटर जोश हॉले के नेतृत्व में कांग्रेस की सुनवाई के दौरान दी गई। जोश हॉले अपराध और आतंकवाद निरोध पर सीनेट ज्यूडिसियरी सबकमिटी के अध्यक्ष हैं।

सीबीएस न्यूज़ के अनुसार, सारा ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा, 'मैंने मेटा के अधिकारियों को बार-बार अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करते और अमेरिकी मूल्यों के साथ विश्वासघात करते देखा है।'

'चीनी सरकार के लिए बनाया कस्टम सेंसरशिप टूल'

सारा का आरोप है कि मेटा ने चीन की सरकार के लिए कस्टम सेंसरशिप टूल बनाए। इससे चीनी सरकार का कंटेंट मॉडरेशन पर व्यापक नियंत्रण संभव हो सका।

इससे पहले हॉले ने यह कहते हुए सुनवाई की शुरुआत की कि मेटा ने सारा व्यान-विलियम्स की बुधवार की गवाही को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने यह भी कहा, 'फेसबुक इस गवाह को वह सब बताने से क्यों रोकना चाहता है जो वह जानती है?'

वहीं, गवाही में सारा ने कहा, 'मार्क जुकरबर्ग ने अब तक की सबसे बड़ी चाल यह चली कि उन्होंने अपने शरीर पर अमेरिकी झंडा लपेट लिया और खुद को देशभक्त बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने चीन में सेवाएं नहीं दीं, जबकि उन्होंने पिछले एक दशक में वहां 18 बिलियन डॉलर का कारोबार खड़ा किया।'

सारा व्यान विलियम्स ने यह भी कहा कि मेटा ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के आलोचकों को चुप कराने के लिए सेंसरशिप उपकरण बनाने में बीजिंग के साथ मिलकर काम किया।

चीन के एआई को तैयार करने में मेटा ने दी मदद?

सारा का दावा है कि उनके बातें जबकि सच हैं लेकिन मेटा ने उन्हें बोलने के लिए 50,000 डॉलर (करीब 44 लाख रुपये) दंडात्मक हर्जाना लगाने की धमकी दी है। वहीं, मेटा ने कहा है कि यह राशि उनके कंपनी से अलग होने को लेकर पूर्व में किए गए समझौते के उल्लंघन के लिए है, न कि कांग्रेस के सामने गवाही देने के लिए।

अपनी गवाही में सारा व्यान-विलियम्स ने यह भी आरोप लगाया कि मेटा के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मॉडल लामा (Llama) का इस्तेमाल चीनी एआई कंपनी डीपसीक (DeepSeek) की मदद के लिए किया गया था। इस दावे ने मेटा के चीनी कंपनियों के साथ संबंधों और यूजरों के डेटा की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता के बारे में और सवाल खड़े कर दिए हैं।

मेटा ने सारा के दावों का किया खंडन

दूसरी ओर मेटा ने इन दावों का खंडन करते हुए कहा है कि सारा व्यान-विलियम्स की गवाही 'वास्तविकता से अलग है और झूठे दावों से भरी हुई है।' हालांकि, व्यान-विलियम्स का कहना है कि मेटा चीन में अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए लालायित थी और इसलिए कंपनी की ओर से सभी ऐक्शन जानबूझकर कर लिए गए थे। 

हालांकि, कंपनी के प्रवक्ता रयान डेनियल ने कहा कि मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने जरूर चीन में अपनी सेवाएं देने में कंपनी की रुचि के बारे में सार्वजनिक रूप से कहा है लेकिन तथ्य यह है, हम आज चीन में अपनी सेवाएं संचालित नहीं करते हैं।'

गौरतलब है कि मेटा के खिलाफ गंभीर आरोप उस समय तूल पकड़ रहे हैं जब अमेरिकी और चीन व्यापार युद्ध में एक-दूसरे के खिलाफ आमने-सामने हैं। आर्थिक हितों के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी प्रगति को लेकर भी अमेरिका और चीन के तनाव बढ़ रहा है। हाल में ट्रंप प्रशासन ने चीनी सामानों पर 125% टैरिफ लगा दिया है। चीन ने भी इसका जवाब इसी अंदाज में दिया है। दूसरी ओर ट्रंप प्रशासन टिकटॉक की की अमेरिकी खरीदार को बिक्री कराने के प्रयास में है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article