अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ योजना लागू होने के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। खुद अमेरिका पर भी इसका असर पड़ रहा है। अमेरिकी शेयर बाजार में भारी गिरावट दर्ज की गई है जिसके चलते दिग्गज टेक कंपनियां मेटा, एप्पल, अमेजन, एनविडिया, टेस्ला और एनविडिया के शेयर गिरे हैं। 500 सबसे अमीर कंपनियों को सामूहिक रूप से 208 बिलियन डॉलर (लगभग 17 लाख करोड़) रुपये का घाटा हुआ है। 

बीते कुछ सालों में वाल स्ट्रीट के व्यापार के लिहाज से यह सबसे बुरा दिन रहा है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में कोविड-19 के बाद यह सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। 

फोर्ब्स के आंकड़ों के मुताबिक, फेसबुक की पेरेंट कंपनी मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग की संपत्ति में भारी गिरावट देखी गई है। जुकरबर्ग को 15 खरब रुपये (17.9 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस को भी 13 खरब रुपये (16 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। 

इसी तरह टेस्ला के सीईओ एलन मस्क को भी भारी नुकसान हुआ है। शेयर बाजार में गिरावट के चलते मस्क को सात खरब रुपये (8.7 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ। 

गूगल के लैरी पेज को चार खरब रुपये (4.9 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ। सर्गेई ब्रिन को भी तीन खरब 93 अरब रुपये (4.6 बिलियन डॉलर) रुपये का नुकसान हुआ है। 

एनविडिया के सीईओ जेन्सन हुआंग ने छह खरब 32 अरब रुपये (7.4 बिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। वहीं, माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक को 66 अरब रुपये (774 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। 

अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई को भी एक अरब 50 करोड़ रुपये (18 मिलियन डॉलर) से ज्यादा का नुकसान हुआ है। एप्पल के सीईओ टिम कुक को भी पांच अरब 81 करोड़ रुपये (68 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है। 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, टेक कंपनियों के दिग्गजों ने सामूहिक रूप से 65 अरब रुपये (760 मिलियन डॉलर) का नुकसान हुआ है।