मुंबई: महाराष्ट्र के मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों के लिए अब तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ना अनिवार्य होगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत नए पाठ्यक्रम के लागू होने के तौर पर तीन भाषाओं की पढ़ाई को जरूरी किया गया है। इससे पहले दो भाषाओं को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाता था।
राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को एनईपी की सिफारिशों के अनुसार तैयार किए गए नए पाठ्यक्रम के चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना की घोषणा की।
इस संबंध में जारी एक सरकारी संकल्प (जीआर) के अनुसार महाराष्ट्र के दूसरे माध्यम वाले स्कूल पहले से ही तीन-भाषा फॉर्मूले का पालन करते रहे हैं क्योंकि राज्य में अंग्रेजी और मराठी अनिवार्य है। इसके अलावा वे उस भाषा को भी पढ़ाते हैं जो उनका शिक्षण माध्यम है। वहीं, अंग्रेजी और मराठी माध्यम वाले स्कूलों में केवल दो भाषाएं पढ़ाई जाती थीं।
एनईपी के 5+3+3+4 फॉर्मूले की शुरुआत
जीआर में कहा गया है कि स्कूली शिक्षा के लिए एनईपी के तहत प्रस्तावित 5+3+3+4 फॉर्मूले की शुरुआत की जा रही है। इसमें पहले पांच साल (प्री-प्राइमरी के 3 साल और कक्षा 1 और 2) फाउंडेशनल स्टेज होंगे। इसके बाद कक्षा 3 से 5 प्रारंभिक चरण (तीस साल) होंगे। कक्षा 6 से 8 मिडिल स्कूल के अंतर्गत आएंगे और अंतिम चार साल (कक्षा 9 से 12) माध्यमिक शिक्षा होगी।
नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार अब महाराष्ट्र राज्य बोर्ड की पाठ्यपुस्तकें राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा विकसित पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी। साथ ही महाराष्ट्र के स्थानीय संदर्भ के अनुसार इसमें संशोधन भी किए जाएंगे। खासकर सामाजिक विज्ञान और भाषा वाले विषयों में यह बदलाव दिखेंगे। साथ ही कक्षा 1 की पाठ्यपुस्तकें राज्य पाठ्यपुस्तक ब्यूरो, बालभारती द्वारा प्रकाशित की जाएंगी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक राहुल रेखावर ने कहा, 'प्री-प्राइमरी सेक्शन के पहले तीन वर्षों के लिए पाठ्यक्रम सामग्री पहले से ही तैयार है। इसे महिला एवं बाल कल्याण विभाग के सहयोग से लागू किया जाना है। एससीईआरटी प्री-प्राइमरी के लिए नए पाठ्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करने के मकसद से आंगनवाड़ियों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित करने जा रहा है।'
एससीईआरटी ने उन कक्षाओं के लिए 'ब्रिज कोर्स' भी तैयार किया है, जहां छात्र सीधे पुराने से नए पाठ्यक्रम में प्रवेश करेंगे। नए पाठ्यक्रम की शुरुआत 2025-26 में कक्षा 1 से होगी और हर वर्ष धीरे-धीरे इसे धीरे-धीरे आगे बढ़ाया जाएगा। 2028-29 शैक्षणिक वर्ष तक सभी कक्षाओं में नया पाठ्यक्रम लागू हो जाएगा।