ISRO दिसंबर में लांच करेगा पहला गगनयान मिशन, शुभांशु शुक्ला ने कहा - 'तैयार है भारत'

इसरो इस साल दिसंबर में अपना पहला गगनयान मिशन लांच करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस दौरान शुभांशु शुक्ला ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि भारत इसके लिए तैयार है।

Shubhansu Shukla, gaganyan mission

शुभांशु शुक्ला Photograph: (X, Axiom Space)

नई दिल्लीः भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) दिसंबर में अपना पहला गगनयान मिशन लांच करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसरो प्रमुख वी नारायनन ने इसकी पुष्टि की है। 

हाल ही में एक्सिअम मिशन पूरा करने के बाद अमेरिका से भारत लौटे शुभांशु शुक्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान इस कार्यक्रम की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने अंतरिक्ष उड़ान में जाने के लिए देश की तत्परता और सामूहिक भावना पर जोर दिया।

हालिया मिशन के अनुभवों को साझा किया

मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने हालिया मिशन के दौरान हुए अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा  "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं अंतरिक्ष जाऊँगा, अगर मैं जा सकता हूँ, तो आप सब भी जा सकते हैं। हमारे पास गगनयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और कई मिशनों की योजना है। अंतरिक्ष से देखने पर भारत आज भी सारे जहाँ से अच्छा दिखता है।"

उन्होंने अपनी मानव अंतरिक्ष उड़ान से प्राप्त अमूर्त लेकिन गहन सबक की ओर इशारा किया जो उनके अनुसार, भारत के आगामी गगनयान प्रयास के लिए अमूल्य है।

शुभांशु शुक्ला ने आगे कहा "मानव अंतरिक्ष उड़ान को देखना और उसे अंजाम देना ज्ञान और जानकारी प्रदान करता है जो बहुत आगे तक और गहराई तक जाती है—यह हमारे गगनयान मिशन के लिए बहुत मूल्यवान है। जब मैंने अंतरिक्ष से बच्चों से बात की, तो उनमें वैज्ञानिक सोच और उत्साह साफ़ दिखाई दे रहा था। हमेशा एक बच्चा पूछता था, 'मैं अंतरिक्ष यात्री कैसे बन सकता हूँ?' यह एक बड़ी जीत है। इसरो तैयार है; भारत इस सपने को साकार करने के लिए तैयार है।"

मिशन में एकता की भावना का किया उल्लेख

उन्होंने एक्स -4 मिशन में एकता की असाधारण भावना का भी उल्लेख किया, जिसमें विभिन्न देशों के चालक दल के सदस्य और मिशन नियंत्रक एक साथ मिलकर सहजता से काम करते दिखे। उन्होंने कहा "इसने अंतरिक्ष की एकीकृत प्रकृति और सहयोग की शक्ति को दर्शाया।"

शुक्ला ने अंतरिक्ष प्रयोगों के बारे में बात करते हुए कहा कि नमूने पहले ही संस्थानों को भेज दिए गए हैं और प्रमुख अन्वेषक उन पर काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा, "टीमों के लिए सबसे बड़ी सीख यह थी कि वे अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रयोगों को बेहतर ढंग से कैसे डिज़ाइन करें, यह समझें।"

एक और ग्रुप कैप्टन पी बालकृष्णन नायर ने भी इसी भावना को दोहराते हुए कहा "यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, हमारा समय आ गया है। भारत मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए तैयार है।"

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