नई दिल्ली: साल 2025 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए बेहद अहम होने जा रहा है। यह इसरो के लिए एक व्यस्त और महत्वपूर्ण साल साबित हो सकता है। इसे इस बात से समझा जा सकता है कि नए साल के पहले छह महीने में ही इसरो ने करीब आधे दर्जन बड़े मिशन लॉन्च करने की योजना बनाई गई है।
इसमें गगनयान मानव मिशन से पहले एक ‘महिला रोबोट’ को अंतरिक्ष में भेजना सहित नासा के साथ NISAR उपग्रह को लॉन्च करना शामिल है। इसरो के सामने 2025 में किन बड़े मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने की चुनौती है…आईए जानते हैं।
इसरो का 100वां मिशन…7 जनवरी पर भी नजर
साल 2024 में भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के बारे में बात करने और नए साल के लॉन्च को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कई अहम जानकारी साझा की है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसरो नए साल में सबसे पहले जनवरी में एक उन्नत नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 लॉन्च करेगा। इसे जीएसएलवी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया जाएगा। दिलचस्प बात ये है कि लॉन्च इसरो का 100वां मिशन भी होगा।
इससे पहले 7 जनवरी को इसरो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। भारत इस दिन अमेरिका, रूस और चीन के बाद स्पेस डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन सकता है।
दरअसल, इसरो ने इसी हफ्ते सोमवार (30 दिसंबर) को रात 10 बजे स्पैडेक्स मिशन (SpaDeX) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। जिसका लक्ष्य अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक में महारत हासिल करना है। स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट (स्पैडेक्स) मिशन के तहत दो उपग्रहों को श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी60 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित किया गया। रॉकेट ने दोनों उपग्रहों को कुछ दूरी पर एक ही कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। अब डॉकिंग प्रक्रिया के तहत दोनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में आपस में जोड़ना है।
अंतरिक्ष में फीमेल रोबोट भेजने की तैयारी
इसरो का एक और अहम मिशन 2025 में महिला ह्यूमनॉइड ‘व्योममित्र’ (फीमेल रोबोट) को अंतरिक्ष में भेजने का है। यह गगनयान मिशन का हिस्सा है, जिसके तहत इसरो का लक्ष्य अपने दम पर मानव को अंतरिक्ष में भेजने का है। इसी की तैयारियों के लिहाज से पहले रोबोट को स्पेस में भेजा जाना है। इस मिशन में सारी प्रक्रिया वैसी ही होगी, जो मानवों को भेजने के लिए अपनाई जाएगी। रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने और वापस लाने का प्रयोग सफल रहा तो अगले चरण में इसरो अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस में भेजेगा।
नासा के साथ सबसे महंगे उपग्रह की लॉन्चिंग
इसरो इस साल भारत-अमेरिका संयुक्त मिशन के तहस नासा के साथ मिलकर एक उपग्रह लॉन्च करने की तैयारी में भी है। NASA और ISRO की साझेदारी के तहत NISAR उपग्रह को लॉन्च किया जाएगा। इस उपग्रह की लागत करीब 12,505 करोड़ रुपये है, जो इसे अब तक का सबसे महंगा उपग्रह बनाती है। इसे मार्च के आसपास लॉन्च किया जा सकता है। यह उपग्रह हर 12 दिन में पृथ्वी की सतह और बर्फ की निगरानी करेगा, और जिसमें उच्च रेजोल्यूशन की क्षमताएं होंगी।
इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि 2025 में इसरो चार GSLV, तीन PSLV और एक SSLV रॉकेट लॉन्च करेगा। इसरो इस साल भी कमर्शियल मिशन को अंजाम देने वाला है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को बताया कि हमारे पास एक अंतरराष्ट्रीय ग्राहक के लिए पहली तिमाही के लिए LVM3-M5 मिशन निर्धारित है। उन्होंने कहा कि ‘इसरो फरवरी या मार्च तक अमेरिका के लिए सीधे मोबाइल संचार के लिए भी एक उपग्रह लॉन्च कर रहा है, जो हमारी बढ़ती क्षमताओं को दिखाता है।’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसरो ने पिछले एक दशक में अमेरिका और यूरोपीय संघ के लिए किए गए कमर्शियल उपग्रह लॉन्च से करीब 400 मिलियन डॉलर (34 अरब) से अधिक का राजस्व अर्जित किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले सालों में यह और बढ़ने की संभावना है।