नई दिल्ली: भारत मोबाइल मैलवेयर अटैक का सबसे बड़ा शिकार बन रहा है। इस मामले में अमेरिका दूसरे और कनाडा तीसरे स्थान पर हैं। अमेरिकी क्लाउड सिक्योरिटी कंपनी Zscaler ThreatLabz की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
यह रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित हुई। इसमें जून 2023 और मई 2024 के बीच मोबाइल के 20 अरब खतरे वाले लेनदेन का विश्लेषण किया गया। इससे पता चला कि कुल वैश्विक मोबाइल मैलवेयर हमलों में 28 प्रतिशत भारत में हुए। वहीं, अमेरिका से 27.3 प्रतिशत और कनाडा से 15.9 प्रतिशत मामले सामने आए।
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत में तेज डिजिटलीकरण के बीच साइबर खतरे भी बढ़ रहे हैं। साइबर अपराधियों के लिए भारत एक नया मैदान बनता जा रहा है। इससे पहले एक अलग रिपोर्ट में कहा गया था कि अकेले दिल्ली में डिवाइस-आधारित स्कैम के माध्यम से ठगी या वित्तीय नुकसान के मामलों 158 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके अनुसार साल 2024 के पहले छह महीनों में 452 करोड़ रुपये की चोरी हुई। ये आंकड़े बताते हैं कि भारतीय साइबर सुरक्षा संगठनों के लिए अपने सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की तत्काल जरूरत है।
टॉप प्राइवेट बैंक के ग्राहक मोबाइल वायरस के निशाने पर
ताजा रिपोर्ट में भारत में फिशिंग स्कैम के बढ़ते मामलों पर कहा गया है कि विशेष रूप से देश के कुछ शीर्ष निजी बैंकों के मोबाइल यूजरों को टार्गेट किया जा रहा है। साइबर अपराधी ग्राहकों को लॉगिन क्रेडेंशियल और बैंक विवरण जैसी संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने के लिए और धोखा देने के लिए नकली बैंकिंग वेबसाइटों तक तैयार कर रहे हैं। ऐसे में वैसे लोग जिनके पास डिजिटल जानकारियों की कमी रहती है, वे इनके झांसे में फंसते हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बात करें तो भारत मोबाइल मैलवेयर हमलों का केंद्र बन गया है। यहां ऐसी 66.5 प्रतिशत घटनाएं हुई हैं।
किस देश में कितने हमले? कैसे करें बचाव
रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में हुए कुल मोबाइल वायरस हमलों के 28 प्रतिशत भारत हुए। अमेरिका 27 और कनाडा 15 प्रतिशत के साथ क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका 6 प्रतिशत, नीदरलैंड 5 प्रतिशत और मैक्सिको (4 प्रतिशत) का स्थान आता है। सिंगापुर और ब्राजील में तीन-तीन प्रतिशत और फिलीपींस में 2 प्रतिशत हमले हुए हैं।
ऐसे मैलवेयर हमलों से बचने के लिए सबसे बेहतर तरीका है कि आप समय-समय पर फोन को अपडेट करें। गूगल प्ले स्टोर से अनजान या अजीबोगरीब दावे करने वाले ऐप को डाउनलोड करने से बचें। इसके अलावा किसी अनजान लिंक पर भी क्लिक नहीं करना चाहिए। मोबाइल में खुद से कोई ऐप इंस्टॉल हो जाना, सर्च इंजन में बदलाव, मर्जी के बगैर साइड सर्च बार का जुड़ जाना, कई पॉप-अप विज्ञापन आना आदि ये संकेत देते हैं कि आपका मोबाइल खतरे में है।