नई दिल्ली: पूरी दुनिया समेत भारत में भी बुजुर्गों के साथ बड़े पैमाने पर स्कैम हो रहे हैं और इसके केस में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। एफबीआई की “एल्डर धोखाधड़ी रिपोर्ट” के मुताबिक, साल 2023 में बुजुर्गों के साथ धोखाधड़ी की शिकायतों में 14 फीसदी की वृद्धि हुई और करीब 3.4 बिलियन डॉलर (लगभग 26,690 करोड़ रुपए) की ठगी हुई है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि साल 2022 के मुकाबले 2023 में ठगी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। इस ठगी को “बुजुर्ग धोखाधड़ी” कहा जाता है।
इस “बुजुर्ग धोखाधड़ी” का एक हिस्सा है दादा-दादी घोटाला, जो एक प्रकार का सोशल इंजीनियरिंग धोखाधड़ी है। दादा-दादी स्कैम में खासकर बुजुर्गों को निशाना बनाया जाता है और उनके विश्वास का फायदा उठाकर उनके साथ ठगी की जाती है। यह दादा-दादी स्कैम है क्या और इससे कैसे अपने ग्रैंडपैरेंट का करें बचाव, आइए जान लेते हैं।
क्या है दादा-दादी स्कैम
दादा-दादी स्कैम भी एक आम तरह का स्कैम है, लेकिन इस स्कैम में केवल बुजुर्गों को ही निशाना बनाया जाता है। इस स्कैम में स्कैमर आमतौर पर पीड़ित के पोते या फिर पोती बनकर उन्हें कॉल करते हैं और कहते हैं वे किसी बड़े संकट में हैं और इस मुसीबत से बचने के उन्हें अपने ग्रैंडपैरेंट की जरूरत है।
जब बुजुर्ग को स्कैमर अपने झांसे में लेने में कामयाब हो जाते हैं और अपने पोते और पोतियों के प्रति प्यार और चिंता के वे उन पर भरोसा कर लेते हैं तो वे उनके साथ ठगी करते हैं।
इसके बाद स्कैमर बुजुर्ग से उनके पोते, पोती या फिर किसी रिश्तेदार के नाम पर पैसे मांगते हैं। वे बुजुर्गों के पैसे भेजने को कहते हैं या फिर उनसे उनकी निजी जानकारियों का मांग करते हैं और फिर इससे ठगी करते हैं।
चूकि बुजुर्ग ग्रैंडपैरेंट अपने पोते, पोती या फिर रिश्तेदारों को प्यार करते हैं और उन्हें किसी संकट में पड़ना नहीं चाहते हैं, वे स्कैमर के झांसे में आ जाते हैं और इस धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं।
ऐसे करते हैं स्कैमर स्कैम
अक्सर इस तरह के स्कैम में यह देखा गया है कि स्कैमर पीड़ित के पोता-पोती या फिर उनके अन्य रिश्तेदार के रूप में उन्हें कॉल करते हैं और उन्हें डराते हैं। बुजुर्गों को वे कहते हैं कि उनके परिचित लोग किसी मुसीबत में हैं और उन्हें आपकी मदद की जरूरत है।
बुजुर्गों के विश्वास को जीतने के बाद स्कैमर उनसे पैसों की मांग करते हैं। वे बुजुर्गों को यह कहकर डराते हैं कि उनके परिचित किसी कार दुर्घटना या फिर किसी विदेशी धरती पर गिरफ्तार हो चुके हैं और ऐसे में वे उनसे मदद मांग रहे हैं।
स्कैमर किसी बीमारी का भी बहाना कर बुजुर्गों से पैसों की मांग करते हैं। स्कैमर दादा-दादी को यह निर्देश भी देते हैं कि वे उनकी परिस्थिति के बारे में किसी से चर्चा न करें वरना उनकी हालत और भी बिगड़ सकती है। इसके बाद स्कैमर पैसे को वायर के जरिए या फिर इलेक्ट्रॉनिक रूप से पैसे भेजने का अनुरोध करते हैं।
ऐसे करें अपने ग्रैंडपैरेंट का बचाव
ग्रैंडपैरेंट को यह सलाह दी जाती है कि अगर उन्हें किसी कथित पोते, पोती या फिर किसी अन्य रिश्तेदार का कॉल आता जिससे उनकी हाल में बातचीत नहीं हुई है तो वे अलर्ट हो जाएं।
लड़के और लड़कियां किसी भी संकट में फंसने के बाद सबसे पहले वे अपने माता-पिता से संपर्क करतें है और बहुत ही कम केस में वे अपने दादा-दादी से संपर्क करते हैं। तो इस तरह के केस में भी आप सतर्क हो सकते हैं।
इस तरह के केस में अक्सर यह भी देखा गया है कि स्कैमर लेन-देन को जल्दी खत्म करने की बात कहते हैं। यही नहीं अगर आपको कॉल किसी अज्ञात नंबर से आता है खासकर किसी अन्य क्षेत्र के फोन कोड से तो इस हालत में भी आप अलर्ट हो जाएं।
ग्रैंडपैरेंट और आम लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वे किसी से लेनदेन करने से पहले उस पर जरूर विचार करें। यही नहीं फोन पर कभी भी व्यक्तिगत विवरण जैसे बैंक खाता नंबर या सामाजिक सुरक्षा नंबर किसी से साझा न करें। इस तरह के स्कैम की जानकारी अपने परिवार को भी दें और इसकी रिपोर्ट भी करवाएं।
यहां करें शिकायत
अगर आपके साथ किसी किस्म का स्कैम हो गया है तो आप इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर कर सकते हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए आप पोर्टल के नंबर 1930 पर कॉल कर सकते हैं।
इसके अलावा आप पोर्टल के वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ पर भी इसकी शिकायत कर सकते हैं। आप चक्षु पोर्टल के वेबसाइट https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर भी इस तरह की ठगी को रिपोर्ट कर सकते हैं।