लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक दंपति के साथ तीन करोड़ के साइबर फ्राड की पुलिस से शिकायत की गई है। नबनिता मिश्रा ने स्थानीय पुलिस से अपनी शिकायत में यह कहा है कि एक फेसबुक विज्ञापन के जरिए उन्हें और उनके पति मृणाल मिश्रा को निशाना बनाया गया है।

शिकायत के मुताबिक, विज्ञापन में शेयर मार्केट में फर्जी निवेश के बारे में जानकारी देकर उनके साथ स्कैम किया गया है। दंपति ने कहा है कि पिछले दो महीने में उन लोगों ने कई लेनदेन किए हैं। इस तरह उन लोगों ने भारी रकम का निवेश किया है लेकिन जब उन लोगों ने मुनाफे को निकालने की कोशिश की तो वे ऐसा नहीं कर पाए थे।

निवेश से जुड़े स्कैम भारत में आम बात है। इस स्कैम में भारतीयों की देश और विदेश से निशाना बनाया जाता है। एक आंकड़े के अनुसार, नोएडा पुलिस ने खुलासा किया है कि अक्टूबर 2023 से इस साल जून के बीच पिछले आठ महीनों में साइबर अपराधियों ने सैकड़ों लोगों से 56.16 करोड़ रुपए की ठगी की है।

इस दौरान जितने भी स्कैम सामने आए हैं उन में सबसे आम निवेश वाले स्कैम हैं। इस अवधि में होने वाले यह स्कैम सभी तरह की धोखाधड़ी का 80 फीसदी है।

कैसे हुआ यह स्कैम

एफआईआर के अनुसार, दंपति को फंसाने के लिए फेसबुक विज्ञापन का सहारा लिया गया है। विज्ञापन में यह दावा किया गया है कि इस निवेश फर्म को एक प्रतिष्ठित निवेश मंच द्वारा चलाया जाता है।

विज्ञापन के जरिए उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया जिसमें अन्य सदस्य भी जुड़े हुए थे। ग्रुप में हर रोज अन्य सदस्यों द्वारा निवेश और फिर हुए मुनाफे के बारे में जानकारी दी जाती थी। यही नहीं ग्रुप के एडमिन द्वारा सदस्यों को जीटीसी नामक प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था।

निवेश की सलाह के लिए दंपति से लिए गए हैं मासिक शुल्क

इस प्रतियोगिता में बेहतर निवेश के जरिए अच्छा मुनाफा होने का दावा किया जाता था और अन्य सदस्यों को निवेश करने की सलाह दी जाती थी। दंपति ने बताया कि उन्हें ग्रुप के जरिए निवेश की सलाह के लिए दो हजार की मासिक सदस्यता शुल्क भी लिया गया था।

धोखाधड़ी करने वाली कंपनी ने खुद को सही कंपनी दिखाने के लिए दंपति को एक एप का भी एक्सेस दिया था।

दंपति को स्कैमरों ने कर्ज भी दिलाया था

घोटाले को वैध दिखाने के लिए घोटालेबाजों ने सेबी पंजीकरण विवरण भी पेश किया था। एप में दंपति को निवेश और उनके मुनाफे की जानकारी उपलब्ध कराई गई थी जो फर्जी थी। दंपति ने जुलाई और अगस्त 2024 के बीच कुल 3.1 करोड़ रुपए के कुल 22 लेनदेन किए थे।

जब स्कैमरों ने यह देखा कि दंपति उनके झांसे में फंस गए हैं तो उन्होंने उन्हें 80 लाख के कर्ज को भी लेने के लिए मना लिया था। स्कैमरों ने यह दावा किया था उन्हें जो मुनाफा हुआ है उसे निकालने के लिए इस कर्ज को लेना जरूरी है।

दंपति ने शिकायत में कहा है कि चूकि वे अपने निवेश और मुनाफे को एप में देख सकते थे लेकिन वे फायदे को निकाल नहीं पाते थे।

स्कैम के बारे में कब मिली जानकारी

दंपति को शक तब हुआ जब नबनिता ने अन्य प्लेटफार्मों के माध्यम से आईपीओ में निवेश करने का प्रयास किया था लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई थी। जब नबनिता ने इसकी जांच की तो उसे पता चला कि उसके साथ स्कैम हो गया है।

इसके बाद उसने व्हाट्सएप ग्रुप के अन्य सदस्यों से संपर्क करने की कोशिश की थी लेकिन कोई भी नंबर से संपर्क नहीं हो पाया था।

ग्रुप के सभी फोन नंबर थे पहुंच से बाहर

ऐसा इसलिए क्योंकि जितने भी फोन नंबर ग्रुप में दिख रहे थे वे सभी फोन नंबर पहुंच से बाहर थे। बाद में इन फोन नंबरों के बारे में जानकारी हालिस की गई है तो पता चला है कि ये नंबर राजस्थान के हैं।

पुलिस ने इस सिलसिले में आईटी अधिनियम की धारा 66 (डी) के तहत मामला दर्ज किया गया है जो साइबर धोखाधड़ी से संबंधित है। ऐसे में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (4) (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ऐसे करें खुद का बचाव

लोगों को यह सलाह दी जाती है कि वे किसी भी भारी मुनाफे के वादे वाले विज्ञापन और निवेश वाली सलाह पर भरोसा न करें और पैसे लगाने से पहले सही से जानकारी ले लें। ऐसे में उन्हें ऐसे किसी ईमेल, सोशल मीडिया मैसेज या फिर फोन कॉल पर भरोसा नहीं करना चाहिए जो उन्हें किसी भी निवेश में अच्छे मुनाफे का वादा करें।

निवेश में भारी फायदे के वादों के जरिए अगर कोई अज्ञात व्यक्ति या फिर कंपनी ने आपसे संपर्क करता है तो आप उसकी सही से जांच कर लें फिर उनसे संपर्क साधें।

यही नहीं जो कोई कंपनी या फिर फर्म में अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो निवेश से पहले उसके बारे में सही से जांच कर लें। यह भी सुनिश्चित कर लें कि निवेश वाला फर्म या सलाहकार उपयुक्त नियामक अधिकारियों के साथ पंजीकृत है या फिर नहीं है।

किसी भी अंजान शख्स और कंपनी को अपना फोन नंबर, अपनी दस्तावेजों को शेयर करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी ले लें।

यहां करें शिकायत

अगर आपके साथ कोई साइबर फ्रॉड हो गया है तो आप नजदीकी पुलिस स्टेशन में इसकी जानकारी दें और वहां शिकायत दर्ज कराएं। आप अपनी रिपोर्ट को ऑनलाइन राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं।

इस पोर्टल को इस तरह के स्कैम को रिपोर्ट करने के लिए बनाई गई है। आप इस पोर्टल के नंबर 1930 पर भी कॉल कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

साइबर स्कैम की शिकायतों के लिए आप चक्षु पोर्टल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप इसके वेबसाइट https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर भी जा सकते हैं। यहां पर आप से कुछ जानकारियां पूछी जाएगी और फिर आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।