नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट के लिए हिंदी वेब पते का इस्तेमाल भी शुरू कर दिया है। यूनिवर्सल एक्सेप्टेंस (यूए) के समर्थकों द्वारा कई सालों से जारी प्रयास के बीच यह बदलाव नजर आ रहा है। यूए दरअसल एक ऐसी मुहिम है जो इंटरनेट को अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में भी आसानी से उपलब्ध कराने की वकालत करता है। यूए के तहत दो अहम प्रयास अंतर्राष्ट्रीय डोमेन नाम (आईडीएन) और ईमेल पते अन्य भाषाओं में उपलब्ध कराना है।
ताजा बदलाव के तहत गृह मंत्रालय ने मुख्य रूप से हिंदी यूआरएल- गृहमंत्रालय.सरकार.भारत का उपयोग करना शुरू कर दिया। वेबसाइट के हिंदी विकल्प पर क्लिक करने पर नया यूआरएल उपलब्ध नजर आता है। इससे पहले मूल अंग्रेजी यूआरएल (mha.gov.in) के अंतर्गत ही साइट की बस भाषा बदल जाती थी।
'द हिंदू' की रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार की कई वेबसाइट पर हिंदी यूआरएल का इस्तेमाल होने लगा है। अहम बात ये भी है कि हाल में देश में भाषा विवाद और केंद्र पर हिंदी थोपने के आरोपों के बीच यह बदलाव नजर आ रहा है।
वेब और ईमेल पते में स्थानीय भाषाओं के इस्तेमाल में चुनौती
जानकारों के अनुसार ऐतिहासिक रूप से अंतर्राष्ट्रीयकृत वेब और ईमेल पते स्थानीय भाषा में पेश करने को लेकर एक चुनौती रहे हैं। डोमेन नाम प्रणाली (DNS) और वेब ब्राउजिंग को सक्षम करने वाली बैकएंड प्रोसेस- ASCII तक सीमित रही हैं, जो मुख्य रूप से अंग्रेजी भाषा के वर्णों का सेट है। इसी पर शुरुआती कंप्यूटिंग निर्भर थी। गैर-अंग्रेजी भाषाएँ और यहाँ तक कि लैटिन लिपि के कई रूप भी ASCII के वर्ण सेट का हिस्सा नहीं हैं।
1980 के दशक से दुनिया भर के शोधकर्ता इन सीमाओं को कम करने के लिए काम कर रहे हैं। अब तक, अधिकांश वेब ब्राउजर और कमर्शियल ईमेल सेवाएं IDN का समर्थन करती रही हैं। वैसे, आजकल ब्राउजर गैर-अंग्रेजी अक्षरों का समर्थन करने के लिए पुनीकोड (Punnycode) नाम की एक प्रणाली का उपयोग कर रह हैं। इसका मतलब यह है कि जब यूजर “गृहमंत्रालय.सरकार.भारत” टाइप करेंगे तो ब्राउजर इसे एन्कोडेड रूप में समझ जाएगा और लिंक पर पहुंचा देगा।
बहरहाल, मूल संघर्ष नई व्यवस्था को अपनाने का रहा है। आज भले ही वेब का बड़ा हिस्सा भारतीय भाषाओं में है, लेकिन उनके पते लैटिन लिपि में होते हैं। केंद्र सरकार ने कई सालों से .bharat IDN को अपनाने को प्रोत्साहित करने की कोशिश की है, जिसमें हिंदी के अलावा 22 क्षेत्रीय भाषाएँ शामिल हैं। उदाहरण के लिए इसमें तमिल के लिए .இந்தியா है लेकिन निजी तौर पर इसे अपनाने की कमी रही है।
केंद्र की कई वेबसाइटों के यूआरएल अब हिंदी में
केंद्र सरकार की अपनी कई वेबसाइटों ने हिंदी यूआरएल अपनाया है। यह एक तरह से उदाहरण पेश करने की कोशिश की है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नेशनल इंटरनेट एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (NIXI, जो .in और भारतीय भाषाओं के डोमेन नाम रजिस्ट्री का संचालन करता है), अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय और दर्जनों अन्य ने कम से कम अपने पृष्ठों के हिंदी संस्करण के लिए हिंदी वेब पते अपना लिए हैं।