evm controversy
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नई दिल्लीः 18वीं लोकसभा के लिए नई सरकार के गठन के बाद ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के दावे- 'एआई से ईवीएम को हैक किया जा सकता है' ने एक्स पर एक नई बहस छेड़ दी है। अरबपति कारोबारी ने कहा कि ईवीएम को खत्म कर देने चाहिए।
मस्क के इस दावे का भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने खंडन किया और कहा कि ये बात शायद अमेरिका और दूसरे देशों पर लागू हो सकती है, जहां वोटिंग मशीनें आम कंप्यूटरों की तरह बनाई जाती हैं और इंटरनेट से जुड़ी रहती हैं। लेकिन भारत का ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित है। क्योंकि ये इंटरनेट से जुड़ी नहीं होतीं, न ही इनमें ब्लूटूथ या वाई-फाई जैसी कोई सुविधा होती है। इन्हें किसी भी नेटवर्क से दूर रखा जाता है।
भाजपा नेता ने कहा कि इन मशीनों को कारखाने में ही एक खास प्रोग्राम सेट कर दिया जाता है, जिसे बाद में बदला नहीं जा सकता। यानी इन्हें बाहरी रूप से छेड़छाड़ करना बहुत मुश्किल है। राजीव चंद्रशेखर के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए एलन मस्क ने कहा कि कुछ भी हैक किया जा सकता है।
मस्क के दावे पर भाजपा नेता ने जताई सहमति लेकिन...
राजीव ने इस बहस को आगे बढ़ाया और मस्क की बातों पर आंशिक रूप से सहमति जताते हुए कहा कि आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं - तकनीकी रूप से कुछ भी संभव है। भाजपा नेता ने उदाहरण दिया। कहा कि क्वांटम कंप्यूटर के साथ, मैं किसी भी स्तर के एन्क्रिप्शन को डिक्रिप्ट कर सकता हूं। साथ ही, लैब स्तर की तकनीक और पर्याप्त संसाधनों के साथ, किसी भी डिजिटल हार्डवेयर/सिस्टम को हैक कर सकता हूं, जिसमें जेट विमान के ग्लास कॉकपिट के उड़ान नियंत्रण भी शामिल हैं। लेकिन ये इस बात से अलग चर्चा है कि क्या ईवीएम पेपर वोटिंग (बैलेट पेपर) की तुलना में सुरक्षित और विश्वसनीय हैं। इस पर हमारी राय अलग हो सकती है।
'कुछ भी हैक किया जा सकता है' पर भाजपा नेता ने टेस्ला पर उठाए सवाल
एलन मस्क के 'कुछ भी हैक किया जा सकता है' के दावे पर भाजपा नेता ने कहा कि "कैलकुलेटर या टोस्टर को हैक नहीं किया जा सकता"। राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर मस्क के दावे सच हैं तो फिर टेस्ला कारों को भी हैक किया जा सकता है। गौरतलब है कि दुनिया की सबसे बड़ी प्रीमियम इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला की स्थापना एलन मस्क ने की थी।
चंद्रशेखर ने कहा कि मस्क संयुक्त राज्य अमेरिका, खास तौर पर प्यूर्टो रिको के संदर्भ में टिप्पणी कर रहे थे। उन्होंने कहा, मैं एलन मस्क का सम्मान करता हूँ और उन्होंने जो हासिल किया है, उसकी सराहना करता हूँ। लेकिन, यह कहना कि कुछ भी हैक किया जा सकता है, तथ्यात्मक रूप से गलत है। एक कैलकुलेटर या टोस्टर को हैक नहीं किया जा सकता। इसलिए, हैकिंग का यह सिद्धांत कहां तक लागू हो सकता है, इसकी एक सीमा है। एलन मस्क ने भारतीय ईवीएम को समझा नहीं है।
भारतीय ईवीएम सुरक्षित हैं
भारतीय ईवीएम को हैक नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक बहुत ही सीमित इंटेलिजेंस डिवाइस है... वह तथ्यात्मक रूप से गलत हैं... यह दावा करना कि दुनिया में कोई भी डिजिटल उत्पाद सुरक्षित नहीं हो सकता, तो इसका मतलब है कि हर टेस्ला कार को भी हैक किया जा सकता है।"
राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि मस्क का बयान या सामान्यीकरण बहुत ही व्यापक था, जिसे चुनौती दिए बिना नहीं छोड़ा जा सकता था। इसलिए, मैंने उन्हें बताया कि भारतीय ईवीएम अमेरिकी ईवीएम से बहुत अलग हैं क्योंकि अमेरिका और पश्चिमी दुनिया कनेक्टेड डिवाइस का उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय ईवीएम सुरक्षित हैं क्योंकि वे कनेक्टेड नहीं हैं।
भाजपा नेता ने कहा, "यदि कोई डिवाइस वाई-फाई, 5जी या सामान्य रूप से इंटरनेट से कनेक्ट नहीं है, तो उसे हैक करना संभव नहीं है। इसलिए, यदि कोई देश ईवीएम डिजाइन कर सकता है और दुनिया को दिखा सकता है, तो वह निश्चित रूप से भारतीय ईवीएम हैं।"
मस्क के दावे का विपक्ष ने किया था समर्थन
मस्क ने रविवार को एक्स पर कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए। मस्क ने यह टिप्पणी अमेरिकी राजनेता रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के उस बयान पर दिया है जिसमें वे चुनाव की निष्पक्षता के लिए पेपर ट्रेल के महत्व पर जोर देने की बात कहे थे। कैनेडी ने पारदर्शी और हैक-मुक्त चुनाव सुनिश्चित करने के लिए बैलेट पेपर पर चुनाव कराने की बात कही थी।
मस्क की टिप्पणी ने भारत में एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। विपक्षी दलों के कई नेताओं ने मस्क के दावे का समर्थन किया और ईवीएम को खत्म करने की वकालत की। एनसीपी-एससीपी नेता रोहित पवार ने कहा, "एलोन मस्क एआई और रोबोटिक्स में एक बड़ा नाम हैं... अगर ऐसा कोई व्यक्ति ईवीएम पर ऐसी टिप्पणी करता है जिससे ईवीएम के बारे में भ्रम पैदा होता है, तो यह एक बड़ी बात है। टिप्पणी या बयान को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।"
मस्क के दावे पर राहुल ने कहा है कि “भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’है, और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है। हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं। जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है।”
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी मस्क के ट्वीट को शेयर करते हुए कहा कि आने वाली सभी चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से हो। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ईवीएम से ही चुनाव को लेकर जिद पर क्यों अड़ी है।