न्यूयॉर्क: स्पेसएक्स के संस्थापक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने लोगों से विकिपीडिया को चंदा देना बंद करने का आग्रह किया है। मस्क ने दावा किया है कि इसे 'धुर वामपंथी कार्यकर्ताओं' द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।

मस्क ने एक्स पर अपने पोस्ट में अमेरिका स्थित समाचार कंपनी पाइरेट वायर्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताने की कोशिश की कि कैसे विकिपीडिया के हमास समर्थक संपादकों ने इजराइल-फिलिस्तीन नैरेटिव को 'हाईजैक' कर लिया।

अरबपति व्यवसायी-निवेशक मस्क ने लिखा, 'विकिपीडिया को धुर वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा नियंत्रित किया जाता है। लोगों को उन्हें चंदा देना बंद कर देना चाहिए।'

पाइरेट्स वायर्स की खबर में क्या है?

मस्क ने जिस 'पाइरेट्स वायर्स' की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया है, उसमें कहा गया है कि विकिपीडिया के लगभग 40 संपादकों के नेतृत्व में एक समन्वित अभियान चल रहा है। इसमें इजराइल को गैरकानूनी घोषित करने, कट्टरपंथी इस्लामी समूहों की एक सकारात्मक तस्वीर पेश करने और पिछले एक वर्ष में इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर कट्टर अकादमिक विचार थोपने का प्रयास चल रहा है। यह सबकु 7 अक्टूबर के हमास के हमले के बाद तेज हो गया है।

रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल 7 अक्टूबर के छह सप्ताह बाद, इनमें से एक संपादक ने हमास पर लेख से 'हमास के 1988 के चार्टर' का उल्लेख हटा दिया, जिसमें यहूदियों की हत्या और इजराइल के विनाश का आह्वान किया गया था।

रिपोर्ट के अनुसार विकिपीडिया के कई लेखों में ईरानी सरकार के हितों को बढ़ावा देने का प्रयास नजर आता है, जिसमें (इस्लामिक रिपब्लिक पार्टी) के अधिकारियों द्वारा भारी मात्रा में हुए मानवाधिकार अपराधों को हटाना भी शामिल है।

भारत में भी विवाद

विकिपीडिया को लेकर भारत में भी एक विवाद सामने आया है। दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी एएनआई की तरफ से विकिपीडिया के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म का कामकाज, विशेष रूप से इसका ओपन-एक्सेस एडिटिंग वाला फंक्शन खतरनाक है।

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने सितंबर में एएनआई के ही केस के संबंध में संपादन के बारे में जानकारी का खुलासा करने में विफलता पर कड़ी आपत्ति जताते हुए विकिपीडिया को अवमानना ​​​​नोटिस जारी किया था।

समाचार एजेंसी द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे के संबंध में आदेश का पालन न करने से नाराज अदालत ने विकिपीडिया से कहा था कि अगर उसे ऐसा नहीं करनाहै तो वह भारत में काम न करे और वह केंद्र सरकार से इस प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने के लिए कहेगी।

न्यूज एजेंसी एएनआई ने विकिपीडिया पर उसके बारे में सरकार के लिए 'प्रोपगैंडा टूल ' के रूप में संदर्भित करने को लेकर मानहानि का केस किया है।