Earth Day: पृथ्वी दिवस हर साल 22 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका मकसद दुनिया भर के लोगों को पर्यावरण संरक्षण और दिन पर दिन पृथ्वी की बिगड़ती सेहत को लेकर जागरूक करना है। साथ ही इस दिन का उद्देश्य उन विभिन्न मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है जो पर्यावरण और हमारी धरती को को खतरे में डाल रहे हैं। मसलन… प्रदूषण का तेजी से बढ़ता स्तर, जंगलों की कटाई और ग्लोबल वार्मिंग ऐसे मुद्दे हैं, जिसने धरती के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। दुनिया भर के देश और कई संगठन पर्यावरण को संरक्षित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए इस दिन एकजुट होते हैं।
विश्व पृथ्वी दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल मदर अर्थ डे (International Mother Earth Day के रूप में भी मनाया जाना जाता है। इस बार यानी साल 2024 में 54वां पृथ्वी दिवस मनाया जा रहा है। ऐसे समय में जब प्रदूषण पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा उच्च स्तर पर है और तापमान हर साल रिकॉर्ड तोड़ रहा है, पृथ्वी दिवस की प्रासंगिकता और बढ़ जाती है।
Earth Day: अर्थ डे का इतिहास क्या है, कैसे हुई शुरुआत
अमेरिकी सीनेटर और पर्यावरणविद् गेलॉर्ड नेल्सन और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के स्नातक छात्र डेनिस हेस ने पहली बार अर्थ डे का आयोजन किया। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार नेल्सन और हेस ने अमेरिका में लगातार खराब हो रहे पर्यावरण को देखते हुए चिंतित थे। खासकर साल 1969 में कैलिफोर्निया के सैंटा बारबरा (Santa Barbara) शहर के पास एक तेल रिसाव की घटना के बाद उन्होंने पर्यावरण को लेकर जागरूकता फैलाने का फैसला किया।
सैंटा बारबरा की घटना साल 1969 के जनवरी-फरवरी में शहर के नजदीक दक्षिणी कैलिफोर्निया में प्रशांत महासागर हुई थी। उस समय अमेरिका में तेल रिसाव की ये सबसे बड़ी घटना थी। तेल रिसाव के बाद बहुत बड़ी मात्रा में कच्चा तेल सैंटा बारबरा काउंटी के समुद्र तटों पर फैल गया, जिससे गोलेटा से वेंचुरा तक समुद्र तट के साथ-साथ उत्तरी तटों पर भी गंदगी फैल गई। इसका सबसे बुरा असर समुद्री जीवन पर पड़ा। करीब 3,500 समुद्री पक्षियों की मौत हो गई। साथ ही बड़ी संख्या में डॉल्फिन, एलिफैंट सील और सी लायंस जैसे समुद्री जीव भी मारे गए।
इस घटना के एक साल बाद 22 अप्रैल, 1970 को जल प्रदूषण, तेल रिसाव, जंगल की आग, वायु प्रदूषण आदि जैसे पर्यावरणीय संकटों के विरोध में दो करोड़ अमेरिकी नागरिक शहर में सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतर आए। धीरे-धीरे कई और शहर इस अभियान में शामिल हुए और इसे दुनिया के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शनों में से एक बना दिया। इस तरह 1970 में अमेरिका में पहला अर्थ डे मनाया गया। वहीं, इन घटनाओं से पूर्व एक और खास बात हुई जिसने लोगों का ध्यान पर्यावरण की ओर गंभीरता से खींचा।
दरअसल, साल 1962 में एक अमेरिकी लेखक रेचल कार्सन (Rachel Carson) की किताब- साइलेंट स्प्रिंग (Silent Spring) बाजार में आई और जबर्दस्त हिट रही। इस किताब ने जीवों, पर्यावरण और प्रदूषण सहित इससे आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ संबंध की बातें की गई थी। 24 देशों में इस किताब की पांच लाख से अधिक प्रतियां बिकीं। पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर एक चर्च इस किताब से भी शुरू हो गई थी। साल 1990 में डेनिस हेस ने 140 से अधिक देशों के 20 करोड़ से अधिक लोगों के साथ पहला वैश्विक पृथ्वी दिवस आयोजित किया।
Earth Day 2024: ग्रह बनाम पलास्टिक
अर्थ डे-2024 का थीम प्लैनेट vs पलास्टिक (Planet vs Plastics) को रखा गया है। पलास्टिक मौजूदा दौर में सबसे गंभीर पर्यावरणीय मुद्दों में से एक है। अर्थ डे ऑर्गनाइजेशन ने प्लास्टिक मुक्त भविष्य के निर्माण के लक्ष्य के साथ 2040 तक प्लास्टिक उत्पादन में 60% की कमी की मांग के लिए एक वैश्विक अभियान की घोषणा की है।
गौरतलब है कि प्लास्टिक मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक बड़ा खतरा है। उसे नष्ट करना भी बेहद मुश्किल है। प्लास्टिक जब माइक्रोप्लास्टिक में बदल जाता है, तब वो हमारे भोजन, पानी और हवा में हानिकारक रसायनों को छोड़ता है। पृथ्वी दिवस-2024 अभियान का लक्ष्य प्लास्टिक के इस्तेमाल को समाप्त करने और सभी जीवित प्राणियों के स्वास्थ्य की रक्षा करना है।