नई दिल्लीः चीन की कंपनी ने एआई मॉडल का एक ऐप बनाया है। डीपसीक (DeepSeek) नाम का यह ऐप पूरी दुनिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इसकी वजह से एक ओर जहां टेक कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है तो वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप भी इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए चिंतित हैं और अमेरिकी कंपनियों को आगाह किया है।
डीपसीक ऐप को एप्पल स्टोर पर बहुत सारे उपयोगकर्ता डाउनलोड कर रहे हैं। इस वजह से निवेशकों और तकनीकी कंपनियों के कुछ शेयर तेजी से गिर रहे हैं और लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है।
कंपनी द्वारा यह ऐप 20 जनवरी को रिलीज किया गया था। रिलीज के बाद ही इस ऐप ने पूरी दुनिया में अपनी धाक जमाई है। इसकी बढ़ते प्रभाव को देखते हुए राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने अमेरिकी टेक कंपनियों को सचेत रहने के लिए कहा है। ट्रंप ने कहा है कि हमारी कंपनियों को जीतने की मंशा से प्रतिस्पर्धा करनी होगी।
डीपसीक कंपनी का दावा
डीपसीक कंपनी ने यह दावा किया है कि उसे बनाने में ओपेन एआई जैसे चैटबॉट से बहुत कम खर्च हुआ है। कंपनी के इस दावे से चिप बनाने वाली कई टेक कंपनियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है।
एआई के क्षेत्र में चैटजीपीटी और डीपसीक जैसे चैटबॉट्स तकनीकी रूप में बहुत प्रसिद्ध हो रहे हैं। इन ऐप को जेनरेटिव एआई के रूप में भी जाना जाता है।
चैटजीपीटी की तरह ही है काम करता है डीपसीक
डीपसीक भी चैटजीपीटी की तरह ही एक एआई चैटबॉट है। यह काफी हद तक चैटजीपीटी की तरह ही दिखता है और काम भी करता है। इन दोनों ही ऐप का इस्तेमाल एक समान कार्यों के लिए किया जाता है। हालांकि कौन सा ऐप बेहतर काम करता है, यह बहस का विषय हो सकता है।
जिस एआई मॉडल से डीपसीक संचालित होता है, उसका नाम R1 है। कथित तौर पर ऐसा कहा जा रहा है कि यह मॉडल भी गणित और कोडिंग जैसे विषयों पर चैटजीपीटी की तरह ही काम कर रहा है।
किसने बनाया है डीपसीक?
इस ऐप को चीन के हांग्जो शहर में बनाया गया था। इसे लियांग वैनफेंग ने बनाया है। भले ही यह ऐप चीन में बना हो लेकिन इसकी लोकप्रियता पूरी दुनिया में देखी जा रही है। लांचिंग के बाद से ही यह ऐप ट्रेंडिंग में बना हुआ है। इसको लेकर मेटा जैसी दिग्गज टेक कंपनियां भी चिंतित हैं।