वर्क फ्रॉम होम में स्टॉफ को ट्रैक करने के लिए कंपनियों ने लगाया निगरानी डिवाइस, कर्मचारियों ने भी खोजा बचने का नायाब रास्ता

अमेरिका के बाजार में टैटलवेयर या बॉसवेयर जैसे कुछ मॉनिटर डिवासों की मांग में लगातार इजाफा देखा जा रहा है।

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Companies installed surveillance devices to track staff during work from home in usa employees found unique way escape Mouse Jigglers Work Faking Tools

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

वाशिंगटन: हाल में अमेरिका के एक प्रमुख बैंक वेल्स फार्गो ने अपने एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों को काम से निकाल दिया है। आरोप है कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान ये कर्मचारी कुछ डिवाइस और एप की मदद से काम में चोरी कर रहे थे।

हालांकि बैंक ने इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी नहीं कहा है और लेकिन एक बयान जरूर जारी किया है। बैंक ने बयान जारी कर कहा है कि वह उच्च नैतिक मानकों को बनाए रखता है और इस तरह के व्यवहार को वह बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

कई सर्वे के अनुसार, अमेरिका जैसे बड़े देशों में वर्क फ्रॉम होम पर काम कर रहे कर्मचारियों की हालत सही नहीं है। एक तरफ कंपनी उनके काम को मॉनिटर करने के लिए तरह-तरह के डिवाइस लगा रही है तो कर्मचारी भी काम से बचने के लिए कुछ न कुछ बहाना और उपाय ढूंढ़ रहे हैं।

वेल्स फार्गो के कर्मचारियों पर लगे हैं ये आरोप

आरोप है कि वेल्स फार्गो के कुछ कर्मचारी माउस जिगलर जैसे गैजेट का इस्तेमाल कर अपने बैंक को धोखा दे रहे थे। वे इन गैजेट की मदद से अपने बैंक को यह दिखा रहे थे वे काम पर हैं लेकिन असल में वह सिस्टम पर बैठे नहीं होते थे बल्कि कुछ अन्य कामों में व्यस्त होते थे।

दरअसल, माउस जिगलर एक ऐसा गैजेट है जिसे अपने सिस्टम में लगाने के बाद आपके स्क्रीन पर ऐसे ही माउस घूमता रहता है और सामने वाला को लगता है कि आप स्क्रीन पर हैं। इस डिवाइस का इस्तेमाल लोगों को धोखा देने के लिए किया जाता है।

अमेजन पर मिल जाता है यह डिवाइस

यह डिवाइस अमेजन जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर आसानी से मिल जाता है। इस केस में दूर से अगर आपकी गतिविधियों को कोई मॉनिटर कर रहा होता है तो उसे यह लगता है कि आप स्क्रीन पर बैठे हुए हैं और काम कर रहे हैं जबकि असल में ऐसा नहीं होता है।

कैसे हुआ धोखे का खुलासा

इन धोखों का तब खुलासा जब वेल्स फार्गो ने कथित तौर पर "टैटलवेयर" या "बॉसवेयर" जैसे कुछ मॉनिटर डिवासों के जरिए बैंक ने अपने कर्मचारियों के गतिविधियों को ट्रैक किया था। इसके बाद बैंक ने अपने कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन लिया था।

यही नहीं फ्लोरिडा स्थित एक सोशल मीडिया मार्केटिंग फर्म ने अपने कर्मचारियों को ट्रैक करने के लिए कुछ ऐसे सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किए थे जो हर 10 मिनट में कर्मचारियों के डेस्कटॉप के स्क्रीनशॉट लेता था। इससे कंपनी इस बात को ट्रैक करते थे कि उनके कर्मचारी काम कर रहे हैं या फिर काम के नाम पर उन्हें धोखा दे रहे हैं।

कंपनियां ऐसे करती है कर्मचारियों को ट्रैक

यही नहीं कंपनी अपने कर्मचारियों के सिस्टम डेस्कटॉप गतिविधियों को भी ट्रैक करते हैं साथ ही वे कितनी बार कीबोर्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं उनकी नजर उस पर भी होती है।

कुछ कंपनियां तो अपने कर्मचारियों के लोकेशन को ट्रैक करने के लिए जीपीएस भी लगाती है। बता दें कि इस तरह के मॉनिटर डिवासों का चलन कोविड महामारी के बाद से ज्यादा बढ़ा है क्योंकि उस समय कर्मचारियों को घर से ही काम करना पड़ता था।

और तरीकों से भी कर्मचारी करते हैं काम में चोरी

केवल माउस जिगलर जैसे गैजेट से ही नहीं बल्कि टिकटॉक और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर भी ऑनलाइन काम करने के दौरान कैसे चोरी करना चाहिए, इसका भी ट्यूटोरियल मौजूद है।

कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे बहुत सारे क्रिएटर हैं जो इस बारे में कई वीडियो भी बनाए हैं कि घर पर काम करने के दौरान आप कैसे काम से बच सकते हैं।

पकड़े जाने का भी रहता है जोखिम

कुछ क्रिएटर पावरपॉइंट स्लाइड शो चलाने की बात करते हैं तो कुछ और भी टिप्स भी देते हैं। हालांकि इस तरह के तरकीब में अक्सर पकड़े जाने का भी जोखिम रहता है। एक वायरल रेडिट पोस्ट में एक कर्मचारी ने बताया कि कैसे उसके बॉस ने उसे माउस जिगलर को इस्तेमाल करते हुए पकड़ लिया था।

निगरानी का जोखिम

मामले से जुड़े जानकारों का मानना है कि कर्मचारियों की बहुत बारीकी से निगरानी करना और कीबोर्ड गतिविधि से यह पता लगाना कि उन लोगों ने कितना काम किया है, यह कई केस में कंपनी के लिए उल्टा भी पड़ सकता है।

हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू के एक सर्वे में यह पाया गया है कि अगर कर्मचारियों को यह पता रहता है कि उनके काम को कंपनी ट्रैक कर रही है तो वे अक्सर कई उल्टे सीधे काम करते हैं जो वे कंपनी द्वारा निगराने नहीं किए जाने पर नहीं करते हैं।

ट्रैक करने पर करते हैं ये कर्मचारी

सर्वे में यह कहा गया है कि कंपनी के ट्रैक करने पर कर्मचारी काम करने के बजाया वे ज्यादा ब्रेक लेना, निर्देशों की अनदेखी करना, कंपनी के संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, उपकरण की चोरी करने और धीरे-धीरे काम करने की कोशिश करते हैं।

ह्यूमन रीच के सीईओ मिजेस ने कंपनियों के इस तरह के निगराने को गलत करार दिया है। उन्होंने कहा है कि इन निगरानी के जरिए कंपनी कर्मचारियों के काम को नहीं देखती और न ही लोगो के साथ कनेक्शन जोड़ती है बल्कि वह मेट्रिक्स पर ध्यान देती है जो सही नहीं है।

बढ़ रहा है निगरानी सॉफ्टवेयर का बाजार

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका स्थित एक हजार कंपनियों के सर्वे में यह पाया गया है कि 96 फीसदी कंपनियां जो वर्क फ्रॉम होम को फोकस करती हैं वे कहीं न कहीं किसी निगरानी सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं।

इन निगरानी सॉफ्टवेयर में "बॉसवेयर" काफी लोकप्रिय हो रहा है और इसके कम से कम 500 प्रोडक्ट बाजार में उपलब्ध है। इसकी मांग को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि कर्मचारी कंप्यूटर मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर बाजार के 2029 तक 488 मिलियन से 1.7 बिलियन डॉलर तक उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की उम्मीद है।

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