वाशिंगटनः अमेरिकी राज्य सभा सीनेट की खुफिया समिति के प्रमुख मार्क वार्नर ने एक इंटरव्यू में बताया कि चीन ने अमेरिकी दूरसंचार प्रणाली में सेंध लगा ली थी। वार्नर के अनुसार चीनी हैकरों ने अमेरिकियों की बातचीत सुनी और उनके टेक्स्ट मैसेज पढ़े। मार्क वार्न ने कहा कि जो बाइडन प्रशासन ने आम जनता को चीनी हैकिंग के बारे में जितनी जानकारी दी है, यह मामला उससे कहीं ज्यादा गम्भीर है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व में दूरसंचार उद्योग से जुड़े डेमोक्रेटिक सीनेटर मार्क वॉर्नर ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में कहा कि "सिस्टम अभी भी लगभग पूरी तरह खुला है।" उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट द्वारा खोजे गए इस साइबर हमले को "चौंकाने वाला" बताया। यह हमला पिछले साल चीन की खुफिया एजेंसी से जुड़े साल्ट टाइफून नामक समूह ने किया था।

इस हमले ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों, राजनेताओं, यहां तक कि राष्ट्रपति-निर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प और उपराष्ट्रपति-निर्वाचित जेडी वेंस जैसी हस्तियों की बातचीत को भी निशाना बनाया।

हैकर फोन कॉल और टेक्स्ट की निगरानी करते हैं

शुरुआती जांच में माना गया था कि चीनी हैकर्स ने चोरी किए गए पासवर्ड का उपयोग कर उन सिस्टम्स तक पहुंच बनाई, जो कानूनी आदेशों के तहत फोन कॉल और टेक्स्ट की निगरानी करते हैं। ये सिस्टम वेरिजोन, एटीएंडटी और टी-मोबाइल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों द्वारा संचालित होते हैं। लेकिन हाल के दिनों में यह साफ हुआ कि हैकर्स ने पुराने उपकरणों और नेटवर्क के बीच की खामियों का फायदा उठाकर पूरे देश में अपनी पहुंच बना ली थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, इस हमले का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि चीनी हैकर्स ने अपनी गतिविधियों को छुपाने के लिए हाल ही में अपनी घुसपैठ रोक दी है। हालांकि, सीनेटर वॉर्नर ने चेतावनी दी, "यह मानना गलत होगा कि चीनी हैकर्स को दूरसंचार प्रणाली से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है। हमने अब तक यह भी नहीं समझा है कि वे कितनी गहराई तक घुसे हैं।"

चीन की साइबर रणनीति का इतिहास

चीन की साइबर गतिविधियां लंबे समय से चिंता का विषय रही हैं। पहले यह ध्यान चिप डिजाइन और सैन्य उपकरणों की योजनाओं जैसी बौद्धिक संपदा की चोरी पर केंद्रित था। इसके बाद, सरकारी अधिकारियों और संवेदनशील डेटा को निशाना बनाया गया, जैसे कि 2.2 करोड़ अमेरिकियों की सुरक्षा फाइलों की चोरी।

हालांकि, सीनेटर वॉर्नर ने इस हालिया साइबर हमले को अब तक का "सबसे गंभीर दूरसंचार हैक" करार दिया, जो सोलर विंड्स और कॉलोनियल पाइपलाइन जैसे हमलों से कहीं अधिक बड़ा है।

संवेदनशील डेटा की चोरी

हालांकि हैकर्स व्हाट्सएप या सिग्नल जैसे एन्क्रिप्टेड ऐप्स के माध्यम से की गई बातचीत को सुनने में सक्षम नहीं थे, लेकिन वे सामान्य टेक्स्ट संदेशों और फोन कॉल्स को आसानी से एक्सेस कर सकते थे। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों, राजनेताओं और उनके कर्मचारियों की बातचीत को निशाना बनाया।

जांचकर्ताओं ने पाया कि चीनी हैकर्स अतीत की कॉल्स को सुनने में सक्षम नहीं थे, लेकिन उन्होंने मेटाडेटा और लोकेशन डेटा जुटाया। यह डेटा महत्वपूर्ण अमेरिकी अधिकारियों की गतिविधियों और संपर्कों को ट्रैक करने में सहायक हो सकता है।

अमेरिकी दूरसंचार प्रणाली की खुली पोल

सीनेटर वॉर्नर ने कहा कि इस साइबर हमले ने अमेरिकी दूरसंचार प्रणाली की गंभीर कमजोरियों को उजागर किया है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन का उदाहरण देते हुए कहा कि इन देशों ने ऐसे हमलों के बाद न्यूनतम सुरक्षा मानकों को लागू किया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस घटना से अमेरिका में भी मजबूत सुरक्षा मानकों की शुरुआत होगी।

वॉर्नर ने कहा- "अमेरिकी जनता को यह जानना जरूरी है। यह केवल वाशिंगटन तक सीमित नहीं है; यह व्यापक स्तर पर हमारी सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है।"