Photograph: (आईएएनएस)
नई दिल्ली: इंटरनेट पर घिबली-स्टाइल पोर्ट्रेट का चलन इन दिनों जोरों पर है। चैटजीपीटी की अगप्रेडेज एआई-जेनरेटर इमेज का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि इस बीच एक हैरान करने वाली जानकारी भी सामने आई है।कई सोशल मीडिया यूजर्स ने एआई टूल की मदद से तैयार नकली आधार और पैन कार्ड की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की है।
इससे एआई के आने वाले दिनों में और बड़े दुरुपयोग को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है। खासकर, स्कैमर इसका गलत फायदा उठा सकते हैं। सवाल है कि आखिर यूजर्स नकली सरकारी आईडी कैसे बनाने में सक्षम हो रहे हैं? और सबसे जरूरी बात कि आप इस अंतर को कैसे समझ सकते हैं? आईए जानते हैं।
चैट जीपीटी कैसे तैयार कर रहा फर्जी आधार कार्ड!
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कई यूजर्स ने ChatGPT द्वारा बनाए गए नकली आधार कार्ड की तस्वीरें साझा की हैं, जिससे व्यापक बहस छिड़ गई है। एक यूजर ने एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'ठीक है, तो ChatGPT आधार की तस्वीरें भी बना सकता है। यह दिलचस्प बात नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि उसे ट्रेनिंग के लिए आधार फोटो डेटा कहाँ से मिला?'
कुछ यूजर्स ने तो ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की आधार कार्ड वाली तस्वीरें साझा कीं। इसमें उनके चेहरे भारतीय आधार कार्ड पर लगे नजर आए। इसमें क्यूआर कोड और वैध जैसा दिखने वाला आधार नंबर भी था। एक नजर में अगर बिना ज्यादा गौर किए इसे देखा जाए तो यह असली लगेगा।
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ये तो रही आधार की बात लेकिन कुछ सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि चैटबॉट ने बेहद सटीकता के साथ पैन कार्ड भी बना रहा है।
बता दें कि आधार कार्ड भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा जारी किए जाते हैं। वहीं पैन कार्ड आयकर विभाग द्वारा जारी होता है। एक यूजर ने एक्स पर लिखा, 'चैटजीपीटी तुरंत नकली आधार और पैन कार्ड बना रहा है, जो एक गंभीर सुरक्षा खतरा है। यही कारण है कि एआई को एक निश्चित सीमा तक विनियमित किया जाना चाहिए।'
एक अन्य यूजर ने फर्जी आईडी शेयर करते हुए लिखा, 'भाई... चैटजीपीटी ने कुछ ही सेकंड में फर्जी पैन कार्ड बना दिया। कल्पना कीजिए कि अगर यह तकनीक गलत हाथों में पड़ गई तो क्या होगा - आधार, पैन, आईडी, सब कुछ नकल किया जा सकता है। यह मजेदार और डरावना भी है। हम इसके लिए तैयार नहीं हैं।'
कैसे करेंगे फर्जी और असल पहचान पत्रों में अंतर
AI द्वारा जनरेट किए गए आधार कार्ड और सरकार द्वारा जारी किए गए प्रामाणिक आधार कार्ड के बीच अंतर जानने के लिए इसे देखते हुए ज्यादा गौर करना होगा। मसलन, आईडी पर पासपोर्ट आकार की छवि ध्यान से देखी जाए। AI द्वारा जनरेट की गई तस्वीरों में बेहद सूक्ष्म लेकिन अंतर हो सकते हैं। कुछ मामलों में, नकली आधार कार्ड पर मौजूद तस्वीर मूल रूप से अपलोड की गई तस्वीर से पूरी तरह अलग हो सकती है।
इसके बाद असली और नकली आधार कार्ड पर इस्तेमाल किए गए हिंदी और अंग्रेजी फॉन्ट की तुलना से भी अंतर पता चल सकता। AI द्वारा बनाए गए वर्जन में टाइपोग्राफी में थोड़े बदलाव हो सकते हैं।
इसके अलावा आधार कार्ड को ध्यान से देखें। इसमें कोलन, स्लैश और कॉमा आदि पर गौर करने पर छोटी-मोटी गड़बड़ियां साफ दिख सकती हैं। आधार और भारत सरकार के लोगो को भी सावधानीपूर्वक देखने पर अंतर पता चल सकता है। AI द्वारा जनरेट किए गए वर्जन में डिजाइन, स्पेसिंग आदि में अंतर हो सकता हैं।
इसके अलावा आधार कार्ड पर QR कोड के स्कैन से भी इसकी वैधता के बारे में पता किया जा सकता है। UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट या MyAadhaar पर जाकर भी आधार कार्ड को ऑनलाइन सत्यापित किया जा सकता है।