भारत के पास 2035 तक होगा अपना स्पेस स्टेशन, 2040 तक चांद पर उतरेगा भारतीय अंतरिक्ष यात्री

भारत अंतरिक्ष स्टेशन के नाम से भारत का अपना स्पेस स्टेशन 2035 तक पूरी तरह तैयार हो सकता है।

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By 2035, India will set up its own space station

इसरो द्वारा दिखाया गया भारत अंतरिक्ष स्टेशन का एक मॉडल (फोटो- इसरो)

नई दिल्ली: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा है कि साल 2035 तक भारत का अपना स्पेस स्टेशन स्थापित हो सकता है। इसे भारत अंतरिक्ष स्टेशन कहा जाएगा। इसके अलावा भारत का लक्ष्य 2040 तक चंद्रमा पर एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को उतारने का भी है। साथ ही जानकारी दी गई कि भारत आने वाले सालों में अंतरिक्ष अन्वेषण, जैव प्रौद्योगिकी और समुद्री संसाधन विकास में अभूतपूर्व प्रगति के लिए तैयारी में जुटा है।

'भारत अंतरिक्ष स्टेशन 2035 तक हो सकता है तैयार'

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत के स्पेस मिशन को लेकर कई अहम जानकारी साझा की। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय विज्ञान और तकनीकी मंत्री ने दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें कही। उन्होंने कहा, 'हम अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने जा रहे हैं, अमेरिका और एक या दो अन्य देशों के बाद हम ऐसा करने वाले पहले देशों में से होंगे। इसे 2035 तक 'भारत अंतरिक्ष स्टेशन' के नाम से जाना जाएगा, और 2040 तक हम शायद एक भारतीय को भी चंद्रमा की सतह पर उतार सकते हैं।'

प्रस्तावित अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रमा पर लैंडिंग की परियोजना भारत के अपनी अंतरिक्ष क्षमताओं को आगे बढ़ाने और वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में एक बड़ी भूमिका निभाने के दीर्घकालिक दृष्टिकोण का हिस्सा हैं। भारत अगर अपना अंतरिक्ष स्टेशन बनाने में कामयाब होता है तो यह उसकी स्पेस के क्षेत्र में महत्वपूर्ण छलांग होगी। इस कदम से भारत अमेरिका और कुछ अन्य देशों के साथ अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन बनाने वाले पहले देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा।

बता दें कि अंतरिक्ष में काम कर रहे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन को अगले कुछ सालों में बंद किया जा रहा है। इसे फिलहाल अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा सहित रूस, यूरोप, जापान और कनाडा की स्पेस एजंसी द्वारा संचालित किया जा रहा है। हालांकि कई तकनीकी दिक्कतों और खर्चों के कारण इसे 2030 तक बंद किया जा सकता है। इसके बाद दुनिया भर के कई देश अपना स्पेस स्टेशन बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। चीन ने इसकी शुरुआत भी कर दी है और अंतरिक्ष में अपने स्पेस स्टेशन का आधार तैयार भी कर चुका है। इसे और बढ़ाने पर फिलहाल काम जारी है।

कैसा होगा भारत अंतरिक्ष स्टेशन?

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने भी करीब दो महीने पहले भारत अंतरिक्ष स्टेशन को लेकर बड़ी जानकारी साझा की थी। इसरो ने इसी साल सितंबर में बताया था भारत का अपना स्पेस स्टेशन कैसा होगा। इसरो के अनुसार भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन 27 मीटर लंबा और 20 मीटर चौड़ा होगा।

इस स्पेस स्टेशन का वजन तकरीबन 52 टन होगा और ये पृथ्वी की निचली कक्षा में 400 किलोमीटर ऊपर स्थापित किया जाएगा। यह इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि इसमें एक बार में 4 से 6 एस्ट्रोनॉट्स तीन से छह महीने तक आराम से रह सकें और शोध कर सकें।

गगनयान और गहरे समुद्री मिशन की भी तैयारी

भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान के लिए भी तैयारी में जुटा है। इसके तहत इसरो एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजेगा। केंद्रीय मंत्री के अनुसार पहले अंतरिक्ष यात्री के 2025 के अंत तक या 2026 की शुरुआत में अंतरिक्ष की यात्रा करने की उम्मीद है। यह मिशन भी भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे भारत मानव को अंतरिक्ष में भेजने की क्षमता वाले देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा।

अंतरिक्ष अन्वेषण के साथ-साथ भारत की नजर समुद्र की गहराई में खोज पर भी टिकी है। सरकार के डीप शी मिशन का लक्ष्य 6,000 मीटर की गहराई तक समुद्र तल पर शोध के लिए एक मानव को भेजना है, जो एक ऐसी उपलब्धि है जिसे भारत अभी तक हासिल नहीं कर सका है। सिंह ने बताया यह मिशन भारत को समुद्री संसाधनों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा। इससे भारत का वैज्ञानिक अनुसंधान और अन्वेषण में इसकी क्षमताओं को और मजबूती मिलेगी।

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