अरबपति विनोद खोसला और एलन मस्क के बीच एक्स पर छिड़ी जंग, जानें किन मुद्दों पर हुआ विवाद?

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अरबपति विनोद खोसला और एलन मस्क के बीच एक्स पर छिड़ी जंग, जानें किन मुद्दों पर हुआ विवाद?

सोशल मीडिया पर दो टेक जगत के दिग्गजों के बीच तकरार छिड़ी हुई है। एक तरफ हैं दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क, और दूसरी तरफ सिलिकॉन वैली के शुरुआती अरबपतियों में से एक, भारतीय-अमेरिकी विनोद खोसला। खोसला ने 1982 में सन माइक्रोसिस्टम्स की स्थापना की और आज वे खोसला वेंचर्स के प्रमुख हैं, जिसने कई सफल तकनीकी कंपनियों को जन्म दिया है।

दोनों के बीच यह बहस X (पहले ट्विटर) पर चल रही है। मस्क और खोसला अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तक के मुद्दों पर भिड़ रहे हैं। खोसला ने डोनाल्ड ट्रम्प की सरकारी खर्च में कटौती की योजना को लेकर एक पोस्ट में लिखा कि अर्जेंटीना में मिलेई की कठोर बचत योजना के चलते बेरोजगारी दर 52% तक पहुंच गई है। यही हाल अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के तहत भी हो सकता है, क्योंकि वह खर्चों में कटौती करेंगे। साथ ही, उनके टैक्स बढ़ाने से महंगाई भी बढ़ जाएगी।

मस्क ने खोसला पर तंज कसते हुए कहा, "विनोद बेवकूफ है," और कुछ घंटों बाद इसे दोहराते हुए कहा, "विनोद वास्तव में समझदार नहीं है।" जब दोनों डोनाल्ड ट्रम्प की सरकारी खर्च में कटौती की योजना पर भिड़ गए।

यह झगड़ा तब और बढ़ गया जब मस्क ने एक फर्जी साइन पोस्ट किया, जिसमें लिखा था, " नो प्लेब्स अलाउड, प्रॉपर्टी ऑफ विनोद खोसला''। प्लेब शब्द प्लेबियेन का शॉर्ट फॉर्म है जिसका मतलब आम आदमी। इसे इसे गंवार व अशिष्ट लोगों के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। मस्क ने इस पोस्ट के साथ लिखा, “वाह, कमाल है कि विनोद खोसला ने ये साइन एक सार्वजनिक बीच पर लगाया है.”

मस्क के इस पोस्ट खोसला ने जवाब दिया और कहा कि "आप झूठी तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं। पहले सच्चाई जानें, फिर ट्वीट करें।" खोसला ने कहा कि मैंने कभी भी यह साइन या ऐसा कुछ भी नहीं लगाया है। लगता है यह AI द्वारा जनरेट किया गया है, लेकिन आप इसकी पुष्टि कर सकते हैं। अगर हम तर्कसंगत बहस कर सकें और व्यक्तिगत न हों तो यह एक्स की मदद करेगा...।

खोसला के जवाब के बाद मस्क ने उनसे माफी मांगी। उन्होंने लिखा- माफ करें कि मैंने पब्लिक बीच तक पहुंचने वाले रास्ते को आपके द्वारा बंद किए जाने के संबंध में एक साइन बनाया। यह मैंने बहुत बुरा किया। कृपया मुझे माफ करें।

यह बहस सिर्फ बीच के साइन तक ही सीमित नहीं है। मस्क और खोसला कई गंभीर मुद्दों पर भी आमने-सामने हैं। आव्रजन के मुद्दे पर खोसला ने ट्रंप और उनके समर्थकों पर तंज कसा, जबकि मस्क ने खोसला से पूछा, "अगर कोई आपकी बेटी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करे तो आपको कैसा लगेगा?" खोसला ने इसे नफरत फैलाने वाला सवाल बताया और कहा कि, "नफरत, अवैध प्रवासियों से ज्यादा गंभीर अपराधों का कारण बनती है।"

इन बहसों के पीछे असली मुद्दा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भविष्य है। खोसला का मानना है कि एआई से दुनिया में बड़ा बदलाव आएगा और इसे नियंत्रित करना जरूरी है ताकि यह इंसानों के लिए सुरक्षित रहे। उन्होंने कहा, "एआई अगले एक-दो सालों में 80% से ज्यादा नौकरियों को प्रभावित करेगा।"

दूसरी ओर, मस्क और उनके समर्थक, जैसे पीटर थील और मार्क आंद्रेसेन, AI के ओपन-सोर्स विकास के पक्षधर हैं, जहां किसी पर भी कोई नियंत्रण न हो और हर कोई इसका इस्तेमाल कर सके।

जलवायु परिवर्तन पर भी दोनों के बीच विवाद है। खोसला ने पिछले 20 सालों से इसे मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा माना है, जबकि मस्क इस मुद्दे पर ट्रंप का समर्थन करते हैं।

आर्थिक रूप से मस्क और खोसला के बीच बड़ा अंतर है। मस्क की संपत्ति $263 अरब है, जबकि खोसला की संपत्ति $7.5 अरब है। हालांकि, अगर खोसला का एआई में किया गया निवेश सफल होता है, तो उनकी संपत्ति तेजी से बढ़ सकती है। यह तकरार राष्ट्रपति चुनाव तक जारी रहने की संभावना है, लेकिन एआई के भविष्य को लेकर यह जंग लंबे समय तक चलने वाली है। यह जंग सिर्फ सोशल मीडिया पर शब्दों की लड़ाई से कहीं ज्यादा बड़ी है।

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