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नई दिल्ली: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एक्सिओम-4 का क्रू 14 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से पृथ्वी की ओर लौटने की अपनी यात्रा शुरू करेगा। इस क्रू में भारत के शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। एक्सिओम स्पेस वेबसाइट पर 'स्प्लैशडाउन' का समय और तारीख 14 जुलाई को भारतीय समय के अनुसार शाम 4.35 बजे बताया गया है। इस तरह यह मिशन 18 दिनों का हो जाएगा, जो पहले से तय समय से 4 दिन ज्यादा है।
नासा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 31 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए क्रू 11 मिशन के लॉन्च के बारे में भी बताया गया। इस मिशन के लिए जरूरी है कि पहले एक्सिओम-4 मिशन को अनडॉक किया जाए। मीडिया को संबोधित करते हुए नासा के वाणिज्यिक क्रू कार्यक्रम प्रबंधक स्टीव स्टिच ने कहा कि वे एक्सिओम-4 मिशन पर करीब से नजर रख रहे हैं।
स्टिच ने शुक्रवार को कहा, 'बेशक हम स्टेशन कार्यक्रम के साथ काम कर रहे हैं और एक्सिओम-4 मिशन को ध्यान से देख रहे हैं, बेशक हमें उस मिशन को अनडॉक करना होगा (क्रू 11 से पहले), और इसके लिए तय समय 14 जुलाई है।
26 जून को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे शुभांशु शुक्ला
एक्सिओम-4 मिशन 26 जून को ISS पर 14 दिनों के मिशन के लिए पहुँचा था। इसमें भारत के शुभांशु शुक्ला सहित अमेरिका की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन, यूरोपीय मिशन विशेषज्ञ स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) शामिल थे। शुक्ला, कापू और उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की पहली बार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए हैं।
स्पेस स्टेशन पर शुक्ला ने पिछले दो हफ्ते आठ अलग-अलग शोध प्रयोगों पर काम करते हुए बिताए हैं। इन प्रयोगों में मांसपेशियों को फिर से बनाने से लेकर साइनोबैक्टीरिया और अंतरिक्ष में अंकुरित चीजें उगाने तक शामिल हैं।
इस मिशन के दौरान शुक्ला ने 28 जून को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात की। शुक्ला ने इस दौरान पीएम मोदी से कहा था, 'इस समय हम लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से घूम बढ़ रहे हैं। यह रफ्तार कुछ हद तक हमारे देश की प्रगति की गति का भी प्रतीक है। हम यहाँ तक पहुँच गए हैं। लेकिन अभी भी बहुत लंबा सफर तय करना है।'
एक्सिओम-4 की वापसी में चार दिन की देरी क्यों?
नासा के अधिकारी स्टिच ने बताया कि एक्सिओम-4 को अनडॉक करने की तिथि 14 जुलाई रखी गई है क्योंकि ऐसा ISS के 'हाई बीटा पीरियड के बाद ही हो सकेगा।
हाई बीटा पीरियड वह समय होता है जब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन सूरज की ओर सीधे मुख करके अपने सौर पैनलों के लिए अधिकतम सूर्य का प्रकाश अवशोषित करता है। आमतौर पर हाई बीटा पीरियड ग्रीष्म संक्रांति (summer solstice) के आसपास चरम पर होता है, जो 21 जून है, और लगभग दो सप्ताह तक जारी रहता है। हाई बीटा पीरियड अंतरिक्ष यान को भी गर्म कर देता है और ऐसे में ISS को सावधानीपूर्वक ताप प्रबंधन करने की आवश्यकता होती है। साथ ही यही वह समय भी होता है जब ISS पृथ्वी के अधिकांश देशों से आसानी से दिखाई देता है।
'यूनिवर्स टुडे' में 2019 के एक लेख के अनुसार हाई बीटा पीरियड के दौरान मिशनों के आगमन और अनडॉकिंग को आमतौर पर टाला जाता है। यही वजह है कि एक्सिओम-4 मिशन की वापसी इस अवधि के समाप्त होने के बाद निर्धारित की गई है।