मुंबई: एप्पल अगले महीने सितंबर में iPhone 17 लॉन्च करने जा रहा है। इसके सभी मॉडल इस बार भारत में बनाए जा रहे हैं। इसमें दो प्रो वर्जन भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार ये सभी मॉडल लॉन्च के समय भारत से ही भेजे जाएंगे। ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।

रिपोर्ट के अनुसार एप्पल ने इस बार आईफोन उत्पादन का विस्तार भारत में पाँच कारखानों तक फैला दिया है। इनमें हाल ही में खोले गए दो कारखाने भी शामिल हैं। एप्पल अमेरिका के लिए बनाए जा रहे मॉडलों को चीन से शिफ्ट कर तेजी से भारत लाने की तैयारी में है। यह कदम एप्पल की व्यापक रणनीति के अनुरूप है, जिसमें अमेरिका में आईफोन की ज्यादातर माँग को चीन की बजाय भारत से पूरी करने की बात कही गई है। 

वैसे, अनुमान है कि ताजा टैरिफ संबंधी तनाव और भू-राजनीतिक परिस्थितियों के कारण कंपनी को मौजूदा अवधि में व्यापार शुल्कों से 1.1 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है।

टाटा ग्रुप बना सबसे बड़ा एप्पल का विनिर्माण साझीदार

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार भारत के टाटा ग्रुप के नियंत्रण वाले संयंत्र अगले दो वर्षों में भारत में आईफोन उत्पादन के लगभग आधे का योगदान देंगे। इसमें तमिलनाडु के होसुर में टाटा का संयंत्र और बैंगलोर हवाई अड्डे के पास फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी समूह का उत्पादन केंद्र शामिल है। दोनों को हाल ही में शुरू किया गया है।

एप्पल द्वारा आईफोन उत्पादन में बदलाव के ठोस नतीजे भी सामने आए हैं। अप्रैल से शुरू हुए सिर्फ चार महीनों में ही भारत से iPhone का निर्यात 7.5 अरब डॉलर तक पहुँच गया है, जो पिछले पूरे वित्तीय वर्ष में हुए 17 अरब डॉलर के निर्यात का लगभग आधा है।

एप्पल कंपनी अमेरिका में iPhone की ज्यादातर माँग चीन के बजाय भारत से पूरी करना चाहती है। ब्लूमबर्ग के अनुसार इस तकनीकी दिग्गज को मौजूदा अवधि में टैरिफ से 1.1 अरब डॉलर का नुकसान होने की आशंका है। हालाँकि ट्रंप प्रशासन ने iPhone जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को सेक्ट्रल टैरिफ से छूट दी है, फिर भी इन उपकरणों पर अलग-अलग देशों के शुल्क लग सकते हैं। Apple ने मार्च 2025 तक 12 महीनों में भारत में 22 अरब डॉलर मूल्य के iPhone असेंबल किए हैं, और अब भारत दुनिया भर के सभी iPhone का 20% उत्पादन करता है।