ई-सिम स्कैम में महिला से लूट लिए गए 27 लाख रुपए, जानें क्या है 'सिम स्वैप फ्रॉड' और बचने का तरीका?

दूरसंचार विभाग के आदेश के बाद भी अब भी नोमाड ई-सिम और आलोसिम जैसे विदेशी ई-सिम अब भी भारतीय यूजरों को इंस्टॉल करने के लिए मौजूद हैं।

एडिट
27 lakh rupees looted from UP noida woman in e-SIM scam know what is 'SIM Swap Fraud' and way to avoid it

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो- IANS)

लखनऊ: यूपी के नोएडा में एक महिला के साथ ई-सिम स्कैम (सिम स्वैप फ्रॉड) हुआ है जिसमें उससे 27 लाख से भी अधिक रुपए लूट लिए गए हैं। नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करने वाली महिला को एक व्हाट्सऐप कॉल आया था जिसके बाद उसके साथ इतना बड़ा फ्रॉड हुआ है।

महिला ने इसकी शिकायत नोएडा सेक्टर 36 साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में की है। पुलिस ने इस केस में आईटी एक्ट की धारा 318 (4) और 319 (2) के तहत मामला दर्ज किया है।

ई-सिम एक नया किस्म का सिम है जो यूजर के फोन डिवाइस में लगाया जाता है। इसके लगाने से नार्मल सिम को लगाने की जरूरत खत्म हो जाती है। यह तकनीक काफी सुविधाजनक है जिसमें यूजरों को यह सुविधा मिलती है कि वे बिना सिम कार्ड बदले किसी भी नेटवर्क या प्लान में स्विच कर सकते हैं।

हालांकि यह नया फीचर जितना सुविधाजनक उतना ही इसके जरिए लोगों के साथ फ्रॉड होने की भी संभावना काफी अधिक है।

जानकारों के अनुसार, यह एक नए तरह का स्कैम है जिसमें लोगों की कम जानकारी के कारण वे इसमें आसानी से फंस जा रहे हैं। भारत में ई-सिम का चलन काफी धीमा है लेकिन पिछले कुछ सालों में इससे होने वाले स्कैम में भारी बढ़ोतरी देखी गई है।

क्या है पूरा मामला

44 साल की ज्योत्सना भाटिया ने पुलिस शिकायत में कहा है कि उसे एक व्हाट्सऐप कॉल आया था जिसमें फोन करने वाला एक टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी होने का दावा किया था।

कथित अधिकारी ने महिला को ई-सिम के लाभ बताए और उसे इसे लेने की मना लिया था। स्कैमर द्वारा महिला के मोबाइल में कुछ सेटिंग कराई गई। इसके बाद महिला को एक टेक्सट मैसेज आया था जिसमें मोबाइल कंपनी द्वारा एक कोड आई थी। महिला द्वारा कोड शेयर करने के बाद उसका सिम कार्ड का कनेक्शन बंद हो गया था।

दूसरी दिन जब महिला को ई-सिम नहीं मिला तो उसने अपने टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क किया। टेलीकॉम ऑपरेटर से महिला को नजदीकी एक स्टोर से नया सिम लेने को कहा गया था। महिला ने बताया है कि जैसे ही उनसे नया सिम लिया, उसे चार से पांच टेक्सट मैसेज मिले थे।

मैसेज से उसे पता चला कि उसके बैंक खाते से कई बार पैसों की लेनदेन की गई है। स्कैमरों ने उसके खाते से 27 लाख से भी अधिक पैसे निकाल लिए हैं। इसके बाद उसने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस से की थी।

क्या है ई-सिम स्कैम

इस तरह के स्कैम में स्कैमर लोगों से संपर्क करते हैं और उन्हें ई-सिम से जुड़े कई फायदे गिनाते हैं। वे लोगों को ई-सिम के इस तरह के फायदे गिनाते हैं कि लोग उनके झांसे में आ जाते हैं और फिर अपने इस्तेमाल हो रहे नंबर पर ई-सिम चालु करवाने के लिए लोग तैयार हो जाते हैं।

इसके बाद स्कैमर लोगों से कुछ सेटिंग को चालु कराते हैं और उनके मोबाइल पर आए एक कोड को उन्हें बताने को कहते हैं। जैसे ही लोग स्कैमरों को वह कोड दे देते हैं, उनका फोन नंबर काम करना बंद कर देता हैं और उनके फोन नंबर का एक्सेस स्कैमरों को मिल जाता है।

स्कैमर लोगों का फोन नंबर लेकर उनकी निजी जानकारियां चुरा लेते हैं और उनके बैंक खातों में ऑनलाइन बैंकिग के जरिए सेंध मारते हैं। वे यूपीआई के जरिए भी उनके खातों से पैसों को निकाल लेते हैं।

वे ऐसा इसलिए कर पाते हैं क्योंकि लोगों का बैंक खाता उनके मोबाइल नंबर से लिंक होता है और बैंक ओटीपी भी इन्हीं नबंरो पर आता है जिससे केवल फोन नंबर का एक्सेस से ही लोगों के खाते से पैसे निकालना स्कैमरों के लिए बहुत ही आसान हो जाता है। इसका फायदा उठाकर वे इस तरह के अपराध को अंजाम देते हैं।

कैसे करें इससे बचाव

इस तरह के स्कैम से बचने के लिए आपको कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है। पहली यह कि अगर आपको कोई संपर्क कर ई-सिम में स्विच करने को कहता है तो आप उसकी बात न सुने और ऐसे अनुरोध को अनदेखा कर दें।

आप जिस कंपनी का सिम इस्तेमाल कर रहे हैं, स्कैमर आपको फोन कर उसी टेलीकॉम ऑपरेटर के अधिकारी बताने की कोशिश करेंगे और आपको फंसाना चाहेंगे।

यही नहीं इस तरह के अंजान नंबरों से कॉल पर आप किसी को भी कोई ओटीपी या फिर कोई भी कोड शेयर करने से बचें। अगर आपको कोई भी व्हाट्सऐप कॉल करता है तो आप और भी सतर्क हो जाए हैं और इस तरह से व्हाट्सऐप पर आए किसी भी कॉल को आप रिसीव न करें।

ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी टेलीकॉम ऑपरेटर आपको कभी भी कोई नई सुविधा या फिर कोई भी नई जानकारी देने के लिए आपको व्हाट्सऐप कॉल नहीं करता है। इसके आलावा व्यक्तिगत दस्तावेजों को साझा करते समय हमेशा सतर्क रहें।

यहां करें शिकायत

अगर आपको किसी अंजान से इस तरह के कॉल आते हैं या फिर आप इसका शिकार हो गए हैं तो इस केस में आप अपने टेलीकॉम ऑपरेटर और बैंक को तुरंत संपर्क करें और इसकी उन्हें जानकारी दें। यही नहीं आप इसकी शिकायत अपनी नजदीकी पुलिस स्टेशन या फिर साइबर क्राइम थाना में भी करें।

आप अपनी शिकायत को ऑनलाइन राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी दर्ज करा सकते हैं। इस पोर्टल को इस तरह के स्कैम को रिपोर्ट करने के लिए बनाई गई है। आप इस पोर्टल के नंबर 1930 पर भी कॉल कर अपनी शिकायत को दर्ज करा सकते हैं।

इसके आलावा साइबर स्कैम की शिकायतों के लिए आप चक्षु पोर्टल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आप इसके वेबसाइट https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर भी जा सकते हैं। यहां पर आप से कुछ जानकारियां पूछी जाएगी और फिर आप अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

भारत में कई ई-सिम अब भी कर रहे काम

साइबर धोखाधड़ी पर अंकुश लगाने के प्रयासों के तहत इसी साल जनवरी में दूरसंचार विभाग ने ऐप स्टोर से दो अंतरराष्ट्रीय ई-सिम ऐप को हटाने का निर्देष दिया था। इसके निर्देष के बाद ऐरालो और होलाफ्लाई जैसे विदेशी ई-सिम ऐप को ऐप स्टोर से हटाया गया था। इससे पहले गूगल ने भी प्ले स्टोर से इस तरह के ऐप को हटा दिया था।

दूरसंचार विभाग के आदेश के बाद भी अब भी नोमाड ई-सिम और आलोसिम जैसे विदेशी ई-सिम अब भी भारतीय यूजरों को इंस्टॉल करने के लिए मौजूद हैं। इसी साल मार्च में रूसी साइबर सुरक्षा फर्म FACCT ने अपनी हालिया रिपोर्ट में चौंकाने वाले दावें किए थे।

सुरक्षा फर्म ने एक ही वित्तीय संगठन के ऑनलाइन सेवाओं में ग्राहकों के व्यक्तिगत खातों तक पहुंच बनाने के 100 से अधिक प्रयासों को दर्ज करने का दावा किया था। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया था कि साइबर अपराध का यह तरीका वैश्विक स्तर पर कम से कम एक साल से चलन में है।

यह भी पढ़ें
Here are a few more articles:
Read the Next Article